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- आज दिल्ली में मुग़ल काल के टूटे महल पर्यटन के नाम पर दुबारा बनाये जा सकते है वो भी हिन्दुओ के टैक्स के पैसे से तो फिर हिन्दुओ का एक मंदिर बनने में आपत्ति क्या .मित्रो एक बात दू की पूजा तो रोज अयोध्या जाकर में भी नहीं करूँगा परन्तु जो आज हिन्दू के साथ हो रहा है वो घोर आपत्तिजनक है. की एक मंदिर की मांग १२५ करोड़ हिन्दुओ की नहीं मानी जा सकती तो क्या हम गाँधी की समाधी ढ़ोने के लिए पैदा हुए है. थू है हम पर.
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