Friday, March 5, 2010

Jagran - Yahoo! India - दहशत के वो चार घंटे

    • बरेली।

    • तीन बजे तक सबकुछ सामान्य था। होली खेलने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिलने निकले थे। अंजुमने भी पूरे जोश खरोश से जुलूस निकाल रही थीं। एकाएक प्रेमनगर इलाके में सबकुछ कुछ थम गया। झगड़े की शुरूआत करीब सवा तीन बजे हुई। कुछ अंजुमने कोहाड़ापीर पर जुलूस में शमिल होने जा रही थीं, जिसका दूसरे पक्ष ने नई परंपरा बताते हुए विरोध कर दिया। बस, यहीं दोनों पक्षों का अहम टकरा गया और शुरू हो दोनों तरफ से तांडव। पथराव।

      जुलूस में भीड़ काफी ज्यादा थी। अधिकांश लोग बाहर के थे। उस इलाके से उनका खास वास्ता नहीं था। इसलिए उन्होंने उपद्रव शुरू कर दिया। जो भी मिला, उसे जला डाला। तोड़ डाला। लोगों को बुरी तरह से पीटा भी। वह चाहे महिलाएं हों या बच्चे। चूंकि, चाहबाई में मिश्रित आबादी है। इसलिए घरों को टारगेट किया जाने लगा। चाहबाई के घरों की महिलाएं खुद को बचाने के लिए छतों पर चढ़ गईं। किसी ने टायलेट में छिपकर खुद को बचाया।

    • इसी बीच चाहबाई में स्थित एक धार्मिक स्थल पर भीड़ ने हमला बोल दिया। अनुराधा मिश्रा, केएस सक्सेना दीपक सक्सेना, किशोरी लाल के घरों में लोगों ने जमकर तांडव किया। सारा सामान तोड़ डाला। महिलाओं को पीटा। मौके पर मौजूद चंद पुलिस वाले खुद को असहज महसूस कर रहे थे।
    • ताबड़तोड़ घर फूंके जाने लगे। पत्थरबाजी और फायरिंग। हाथ से बने बमों से पूरा इलाके जल उठा। दर्जनों लोग घायल हो गई। वाहन फूंक दिए गए। पुलिस ने सैकड़ों राउंड फायर दागे मगर कोई फायदा नहीं हुआ।

      करीब ढाई घंटे तक गुद्दड़बाग जंग का मैदान बना रहा। डीआईजी एमके बशाल, एसपी सिटी राकेश जौली समेत फोर्स भीड़ से जूझता रहा लेकिन कोई नहीं माना। गहमागहमी के बीच विजय सक्सेना, आकाश, जेपी शर्मा, प्रगति कोचिंग सेंटर को फूंक दिया गया। आगजनी के दौरान गई कई सिलेंडरों में आग लग गई, जिनके फटने से पूरा इलाका दहल उठा। इस दौरान पड़ोस के मकान में दर्जनों महिलाएं और बच्चे फंस गए, जिनका दम घुटने लगा। चीखपुकार मची तो पुलिस ने किसी तरह उन्हें घर से बाहर निकाला। करीब ढाई घंटे तक इलाके में मौत नाचती रही।


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