Thursday, May 27, 2010

राह से भटक गया है आर्य समाज?

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    • द्वारा: उपदेश सक्सेना
    भारतीय डाक विभाग द्वारा आर्य समाज पर जारी किया गया डाक टिकट
    • अपनी स्थापना के 135 साल बाद आर्य समाज संगठन अपने उद्देश्यों से भटक गया लगता है। 10 अप्रैल 1875 को जब बम्बई में स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज का गठन किया था, तब उसका मुख्य उद्देश्य वैदिक संस्कृति को मानने वाले ऐसे लोगों का समूह बनाना था, जो सामाजिक बुराइयों के खिलाफ़ लड़ सकें। इसके कामकाज में गुरुकुल-स्कूलों का संचालन, शुद्धि सभाएं करना आदि थे। इसे ‘Society of Noble people’ का नाम दिया गया था। अब आर्य समाज ने अपनी भूमिका केवल प्रेम विवाह करवाने वाली संस्थान तक सीमित कर ली है।

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