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- कांग्रेस स्थापना की खूनी असलियत
- गार्गी नंदी
- डेटलाइन इंडिया
- इंडियन नेशनल कांग्रेस के संस्थापक थे इंग्लैण्ड में सन् 1829 में जन्मे मि. एलन आक्टेवियन ह्रूम। यह शायद बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि कांग्रेस के संस्थापक ने 1857 में अंग्रेजों की सत्ता के विरुद्ध भड़के विद्रोह के दौरान इटावा व आगरा में अपने हाथों से अनेक स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रभक्तों की हत्या की थी। महीनों तक ए. ओ. ह्रूम भारतीय स्वाधीनता सेनानियों के विरुद्ध सक्रिय रहे थे। आधुनिकतम शस्त्रों व तोपों के बल पर राष्ट्रभक्त ग्रामीणों व भारतीय सिपाहियों को कुचलने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
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लेखक इटावा के हिन्दुस्थानी सैनिकों द्वारा मई के इस स्वाधीनता संग्राम में पूरी तरह सक्रियता से जुटने की चर्चा करते हुए लिखता है- "इटावा की सेना ने भी उपद्रव मचा दिया, खजाना लूट लिया, बंगले जला दिये। जेलों में से तमाम कैदी मुक्त करा दिये। अंग्रेज मेमों को राजभक्त कर्मचारियों के साथ चुपचाप आगरा के किले में पहुंचा दिया गया।" लेकिन भारतीय सैनिकों की वीरता से ह्रूम इतना डर गया था कि पहले तो उसने मेज के नीचे छिपकर जान बचाई और बाद में 17 जून को ह्रूम महिला का वेश बनाकर रात के समय इटावा से चुपचाप आगरा भागने को मजबूर हो गया था- यह इस पुस्तक के लेखक ने नहीं बताया। क्योंकि वह ह्रूम को वीर साहसी सिद्ध करना चाहता था। -
आगे चलकर 18 मार्च, 1894 को बम्बई में आयोजित अपने विदाई अभिनंदन समारोह में कांग्रेस संस्थापक ए.ओ. ह्रूम ने अपने भाषण में भारतवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा- "यदि दुर्भाग्य से यूरोप में विश्व युद्ध हो जाए तो भारतवासियों के लिए यही उपयुक्त है कि वे एक होकर बिना किसी सोच-विचार के ब्रिाटिश जाति की सहायता करें। यद्यपि इस (अंग्रेज) जाति में अनेक कमियाँ हैं तथापि यह सभ्य और शिष्ट जाति है। जो कुछ तुमने प्राप्त किया है वह सब इसी के प्रताप से किया है। अत: यही उचित है कि ऐसे युद्ध के समय में एक होकर ब्रिाटिश टापू की रक्षा करो जो स्वतंत्रता का केन्द्र है।"
- संसार के अनेक देशों को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने वाले ब्रिटेन को वे अंत तक स्वतंत्रता का केन्द्र बताने में गर्व करते थे। काँग्रेस उसी ह्रूम की रोपी गई पौध है, क्या इस देश के काँग्रेसी इसी पर गर्व करते हैं कि एक भारतविद्वेषी और राष्ट्रभक्तों के हत्यारे ने उनकी पार्टी की नींव रखी थी? क्या वे उसी काँग्रेस की 125वीं वर्षगांठ मना रहे हैं?
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