Wednesday, April 21, 2010

JAGO HINDU JAGO: ये संघी क्यों लगाते हैं साम्प्रदायिक आग

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    जब गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमला हुआ था, और गोधरा में स्वयंसेवकों को जिन्दा जला दिया गया था, मैंने यह कविता लिखी थी-
                उन्होनें कहा- लादेन मरे या बुश, हम दोनों में खुश.
                फिर जोड़ा- ना लादेन मरे ना बुश, लगे दोनों पर अंकुश.


                उनकी बातें सुनकर पूछा मैनें उनसे
                लादेन और बुश की हो रही है लड़ाई
                उसमें हिन्दूओं की क्यों हो रही है कुटाई ?
                आपके पास क्या है इसका जवाब ?


                उन्होनें उत्तर दिया-
                सरासर गलती तो हिन्दूओं की हीं है.
                क्यों वह समर्थन सच्चाई का कर रहे हैं ?


                तब मैनें पूछा- हे जनाब !
                उन निहथ्थे रामसेवकों का दोष क्या था,
                जो जला दिये गये साबरमती की बोगियों में?