Thursday, August 6, 2009

Shades Of Saffron: Shravan Purnima : Sanskrit Din

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    • यदा यदा ही धर्मस्य ग्लनिर्भवति

      अभ्युत्थानमधर्मस्य स्वात्मानं सृजाम्यहम।।

      परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम।

      धर्मसंस्थापनार्थाय, संभवामि युगे युगे ।।

    • ::..हिन्दी अर्थ

      जब - जब धर्म की ग्लानी होती है अधर्मका बल बाद जाता है , तब - तब साधूओन्के रक्षण , दुर्जनोंके विनाश धर्म की श्तापना के लिए मै युग-युग में प्रकट हुआ करता हु

       


      ::..English Meaning

       

      Whenever and whenever a decline of righteousness and predomonance of unrighteousness prevails, at that time I manifest myself personally, O descendants of Bharata.