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Shades Of Saffron: Shravan Purnima : Sanskrit Din
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यदा यदा ही धर्मस्य ग्लनिर्भवति ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य स्वात्मानं सृजाम्यहम।।
परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम।
धर्मसंस्थापनार्थाय, संभवामि युगे युगे ।।
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::..हिन्दी अर्थ
जब - जब धर्म की ग्लानी होती है व अधर्मका बल बाद जाता है , तब - तब साधूओन्के रक्षण , दुर्जनोंके विनाश व धर्म की श्तापना के लिए मै युग-युग में प्रकट हुआ करता हु ।
::..English MeaningWhenever and whenever a decline of righteousness and predomonance of unrighteousness prevails, at that time I manifest myself personally, O descendants of Bharata.
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Thursday, August 6, 2009
Shades Of Saffron: Shravan Purnima : Sanskrit Din
Shades Of Saffron: Shravan Purnima : Sanskrit Din
2009-08-06T21:08:00+05:30
Common Hindu