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- मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी],
- हिंदुत्व और मराठी अस्मिता शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की राजनीति के दो प्रमुख आधार माने जाते थे। राज ठाकरे के विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा में सपा विधायक अबू आसिम आजमी को थप्पड़ मारकर ठाकरे के इन दोनों आधार में सेंध लगा दी है। इससे निराश शिवसेना अब आजमी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांगकर लकीर पीटने की राजनीति कर रही है।
- लेकिन, आजमी पर हमला करवाने से पहले राज ने बड़ी चालाकी से महाराष्ट्र के मुस्लिमों को भी दो वर्गो में बांट दिया है। बाल ठाकरे सभी मुस्लिमों को एक साथ निशाना बनाते रहे हैं। लेकिन, राज ठाकरे एक उत्तर भारतीय मुस्लिम को तमाचा मारने से पहले यहां के मराठीभाषी मुस्लिमों को साथ लेने की चाल पहले ही चल चुके हैं। पिछले सप्ताह ही मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी मुस्लिमों के लिए हज का कोटा बढ़ाने की मांग लेकर मुंबई हज हाउस के सामने बड़ा प्रदर्शन किया था। आजकल मुंबई के सभी बड़े चौराहों पर उस प्रदर्शन के बड़े-बड़े बैनर टंगे देखे जा सकते हैं। राज इस वर्ग को यह समझाने में सफल रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आए मुस्लिमों के कारण ही उनका हक छीना जा रहा है। इसलिए मराठीभाषी मुस्लिम भी आजमी पर हुए हमले से बहुत दुखी नहीं हैं। वास्तव में राज ने अपने लिए यह नया वोटबैंक तैयार किया है, जो शिवसेना के पास कभी नहीं था।
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Thursday, November 12, 2009
एक थप्पड़ से राज ने साधे दो निशाने
एक थप्पड़ से राज ने साधे दो निशाने
2009-11-12T21:30:00+05:30
Common Hindu