Thursday, May 21, 2009

कुंठित और भूलुंठित हिंदू !

कुंठित और भूलुंठित हिंदू !

अब प्रशन ये हैं की हिंदू कुंठित और भूलुंठित क्यों। कारण हैं वो जिसके कारण

वीर सावरकर को नीचा दिखाया गया।

हिंदू महासभा को मिटटी में मिला दियागया।

श्यामा प्रसाद और दीनदयाल जी को स्वर्ग में भेज दिया गया।

संघ पर सम्पर्दयेकता का लेबल चस्पा दिया गया।

बीजेपी का राजगीकरण कर दिया गया।

उप्रोलिखित बाते हिन्दुओ से उनकी आवाज छिनने की कोशिश हैं। तो आप ही बताये हिंदू अपने दिल की बात की यह देश हिन्दुओ का हैं यहाँ हिंदू हितों की बात करो, राम कृषण और बाबा विश्वनाथ के मंदिर की बात करो. इक बार करकर तो देखते इस नपुंसक मीडिया के विरोध के बावजूद आप देश में ४०० सीट से ऊपर निकाल लेजाते.

आप जरा सोचो तो सही की हिंदू सिख मिले तो सम्पेर्दायक शक्तिया और मुस्लिम किसे के भी साथ मिलजाए तो सात्विक होगया। भाई एसा कौनसा परास का पत्थर हैं मुसलमान जो सर्वग्राही बना देता हैं।

राहुल महजान के चरित्र का सडको पर धज्जिया करदेना और अमेठी काण्ड पर राहुल गाँधी के ऊपर एक लाइन भी नही। उसका भी जिक्र नही की अभिषेक मनु सिंघवी ने अमेरिका में ऍफ़ आई आर क्यों कराइ थी।

वरुण गाँधी जो हिंदू हितों की बात करे उसका एक बहुत बड़े मार्जिन से जितने पर भी मीडिया की जीब में लकवा मार गया परन्तु राहुल गाँधी जिसको ख़ुद नही पता की कलावती की बात पर रात काली करने पर भी कांग्रेस को वहा पर झंडा साफ़ हैं। परन्तु मीडिया का राहुल गाँधी के बारे में मीडिया का निर्लज्जता से भांडगिरी करना उसे सुहता हैं।

बीजेपी भी इक बात अच्छे से गाँठ बांधले की जिस जिस ने हिंदुत्व की लाइन ले थी उस उस को जिताया वो चाहे वरुण जी हो, योगी आदित्य नाथ हो या मुरली मनोहर जोशी जी हो।

अरे मीडिया के खेल में उलझने वालो तुम ५९ कारसेवको के कातिलो को क्यों नहीं पकड़ कर फंसी पर चढा पाए अभी तक.

बीजेपी की अगली १००० पुश्ते भी आ जाये मुस्लमान बीजेपी को वोट नहीं देगा. मीडिया की कितनी भी चिरोरी करलो मीडिया आपको तालिबान साबित करने मैं बक्शे गा नहीं. इसलिय एक बार कम से कम मीडिया के सामने हुँकार तो भर दो. नहीं तो ये तुम्हारे सरे बाजार इसी प्रकार कपडे फाड़ते रहंगे और तुम जी जी और आप करते रहे जाओगे.

जरा राहुल गाँधी के सामने वरुण को एक मंच पर लेन की मांग तो करो अभी भारतीय खून और इटली के पानी की औकात पता चल जायेगी.

इसी हिन्दू ने अडवाणी जी की रथ यात्रा मैं घर घर से माँ बहेनो ने रोटिया बनवा बनवा कर भेजी थी बिना ये जाने की यह अडवाणी हैं कौन परन्तु इस आस में की जो भी हैं वो हमारी एक हिन्दू होने की पहचान देगा जो इस झूठे और ढोंगी संविधान में दबा दी गई है.

वो जानता हैं की 1990 की गर्मिओं में एक पतला सा दिखने वाला वियक्ति धोती पहेने अयोध्या में राम का मंदिर बनाने के लिया मेरे पास आया था . उसको नहीं पता की वेबसाइट क्या है या स्विस बैंक के पैसे वापस आएंगे या नहीं वो बैठा है की अडवाणी कहकर गया था मंदिर बनआऊंगा वो अभी तक नहीं बना।

बीजेपी का आज नहीं एक हजार साल के बाद भी इसी का जवाब देना होगा की राम का मंदिर बना है की नहीं क्योंकि जितनी भी मर्यादाओ की बात करलो भगवन श्री राम भी आज तक इस बात का जवाब नहीं दे पाए की जब लंका जाकर सीता को लेकर आए तो इक धोबी के कहेने पर सीता को अयोधा से निकला क्यों? हजारो वर्षो तक न तो इसका उतर कोई दे सकता और न ही इस सृष्टि पर भगवान श्री राम जनम लेकर उतर देपयेंगे। क्योंकि क्यों तो उन्होंने लंका जाने के लिया इतने महेनत कर वानरों के सेना एकत्र की और फिर जब सीता जी आगई तो क्यों उसे निकाल दिया धोबी के कहेने पर। ये सवाल पूछा जाता रहेगा और रामयण पढ़ी जाती रहेगी। यहाँ भी वो कौन धोबी हैं जो राम मंदिर का मुद्दा निकाल दे रहा है एजेंडे से। उसको देखना होगा अटल जी की सरकार इसी लिया बनी थी परन्तु मंदिर नहीं बना। राम अयोध्या आए रामराज्य भी आया परन्तु सीता चली गई। बस राम के पास इसका जवाब नहीं। परन्तु बीजेपी अपने का जवाब देसकती हैं। ये हिंदुस्तान की जनता हैं जब राम से सवाल पूछ सकती है तो आप से क्यों नहीं. अडवाणी जी जवाब तो देना होगा.

नहीं तो तब तक हिन्दू कुठित और भूलुंठित है।

न्योता मनमोहन को अटकलें राहुल की

न्योता मनमोहन को अटकलें राहुल की

राहुल गांधी का कद अब यूपीए में भी ऊंचा। यूपीए की पहली मीटिंग में मौजूद थे राहुल। प्रणव, एंटनी, चिदंबरम तो मंत्री। सोनिया यूपीए की चेयरपर्सन। बुध को दुबारा भी चुनी गई। सो मीटिंग में कांग्रेस के दो नुमाइंदे थे- ‘राहुल और अहमद पटेल।’ पटेल कांग्रेस अध्यक्ष के पालिटिकल सेक्रेट्री। वैसे भी जब गैर दलों के तीन-तीन मुस्लिम चेहरे हों। तो एक अपना भी होना चाहिए। यूपीए मीटिंग में बाकी तीन मुस्लिम चेहरे थे- ‘मुस्लिम लीग के ई. अहमद, इत्तेहदुल मुस्लमीन के असदुदीन ओवेसी और नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला।’ तीनों मंत्री बनेंगे। फारुख की अहम बात अपन बाद में बताएंगे। पहले बात राहुल की। मंत्री बनने से आनाकानी कर उदाहरण पेश किया। बात युवा चेहरे की चली। तो बताते जाएं- चौदहवीं लोकसभा का चुनाव हुआ। तो राहुल, नवीन जिंदल, सचिन, जतिन, मिलिंद का फोटू छपा था। इस बार ज्योति मिर्धा, श्रुति चौधरी और मौसम बेनजीर नूर का। तीनों कांग्रेस की नई युवा सांसद। पर बीजेपी का दिखाने लायक युवा चेहरा सिर्फ वरुण। बात बीजेपी की चली। तो अपन को याद आया एनडीए का वक्त। तब एक फोटू बहुत मशहूर हुआ था। पचास साल पहले की अटल-आडवाणी-शेखावत तिकड़ी का। कांग्रेस नेहरू-पटेल-पंत से राहुल-सचिन-श्रुति तक आ गई। पर बीजेपी अभी भी आडवाणी-जोशी-जसवंत में झूल रही। कांग्रेस के युवा चेहरे देख भाजपाईयों की नींद हराम। युवाओं को लाने की मत्थापच्ची शुरू। पर बीजेपी का कोई स्टूडेंट विंग ही नहीं।

वैसे कांग्रेस इस बार हिसाब चुकता करेगी। आडवाणी-मोदी को भी चार्जशीट का इरादा। आडवाणी पर लिब्राहन आयोग की मार पड़ेगी। मोदी पर सुप्रीम कोर्ट जांच बिठा ही चुकी। यह कांग्रेस है। अब अपने रंग दिखाएगी। लालू-मुलायम को दिखाया कि नहीं। दूध से मक्खी की तरह निकाल दिया।

Stumped BJP flounders

Stumped BJP flounders


Kanchan Gupta / Comment

After losing the 2004 general election, the BJP had gone into denial mode. After comprehensively losing this year's general election and scoring the lowest tally since 1991, the BJP has gone into inaction mode, hoping the problems that led to its defeat will just disappear and the hugely disastrous Election 2009 strategy will turn into a winning gameplan by 2014!

It won't happen that way. It's a pity that the party refuses to accept and internalise the fundamental message of this election: Voters are not enthused by a leadership which cannot connect with India's youth and its aspirations.
In sharp contrast, the Congress glitters. It's brimming with youth power.

Whoever becomes Deputy Leader of the Opposition in the Lok Sabha will remain in the shadows; the others will be back-benchers. The so-called 'GenNext', well into its late 50s, will remain 'GenNext' for the foreseeable future. I can't see leadership passing into the hands of 'GenNext' in Parliament and outside any time soon.

A bit like the Prince of Wales who is still waiting to don the crown. His Website says, "The Prince of Wales is first in line to the British Throne." Charles, by the way, was born in 1948. If he can nurse hope, so can BJP's 'GenNext'.

अमर सिंह की कांग्रेस को धमकी

अमर सिंह की कांग्रेस को धमकी

amarsinghnishanchi

तो बात है अमर सिंह के कल के बयान की. विश्वास मत के इतने दिनों बाद, चुनाव के भी बाद अब अमर सिंह के अंदर का ईमान जाग गया और उन्होंने खुलासा कर ही डाला की सोमनाथ चटर्जी ने उनसे कांग्रेस समर्थन को कहा था.

यह गूढ़ बात है. चेतावनी है अमर सिंह कि कांग्रेस को. अगर तुमने हमें लपेटा तो बर्रों के छत्ते को खोल डालूंगा. राजफाश कर दुंगा. पर्दानशीं रहस्यों को बेपर्दा कर दूंगा.

अमर सिंह कांग्रेस के लिये नोट बांट रहे थे विश्वास मत के दौरान (आइबिएन ने छुपाते-छुपाते भी दिखा डाली). किसके कहने पर?

सिर्फ राहुल ने नहीं जिताया कांग्रेस को

सिर्फ राहुल ने नहीं जिताया कांग्रेस को