-
- इसी प्रकार फ़िल्म की रिलीज़ के पहले शाहरुख खान ने लन्दन एयरपोर्ट पर बॉडी स्कैनर द्वारा उसकी नग्न तस्वीरें खींचे जाने सम्बन्धी सरासर झूठ बोला, फ़िर उसके हवाले से खबर आई कि उसकी नग्न तस्वीरों पर लन्दन में लड़कियों ने ऑटोग्राफ़ भी लिये… ब्रिटिश कस्टम अधिकारियों के खण्डन के बावजूद (क्योंकि ऐसा नग्न स्कैन सम्भव नहीं है), चमचे पत्रकारों ने कुछ समय हंगामे में गुज़ार दिया… और अचानक तुरन्त ही इस्लामिक जगत की ओर से “फ़तवा” आ गया कि “कोई भी मुसलमान एयरपोर्ट पर अपना बॉडी स्कैनर न करवायें, क्योंकि यह गैर-इस्लामिक है…” ताबड़तोड़ दारुल उलूम ने भी इसका अनुमोदन कर दिया… क्या यह सिर्फ़ संयोग है कि शाहरुख के बयान के तुरन्त बाद फ़तवा आ गया? क्या यह भी संयोग है कि नायक का नाम रिज़वान है (कोलकाता में एक हिन्दू लड़की से शादी रचाने और मौत के बाद “सेकुलरों” द्वारा रोने-पीटने के मामले में भी “हीरो” रिज़वान ही था)। क्या यह भी सिर्फ़ संयोग है कि नायिका एक हिन्दू विधवा है? इतने सारे संयोग एक साथ? मामला कुछ गड़बड़ है भैया…
-
Posted from Diigo. The rest of my favorite links are here.