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- रायगढ़
- धर्म जागरण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सांसद दिलीप सिंह जूदेव सहित सैकड़ों लोगों ने हिंदू धर्म रक्षा की प्रतिज्ञा ली। शहर के रामलीला मैदान में बुधवार को हिंदू धर्म रक्षा की प्रतिज्ञा लेने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें आम जनता से रूबरू होते सांसद श्री जूदेव व युद्धवीर सिंह जूदेव के साथ सैकड़ों परिवार ने प्रतिज्ञा ली।
- कार्यक्रम के माध्यम से करीब सैकड़ों परिवार वापस हिंदू धर्म में लौट रहे हैं।
- उनको वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच चरण धोकर वापस अपने धर्म के हित और उसके सम्मान की हर कीमत पर रक्षा करने का वचन लिया गया। आयोजन में विहिप के दिनेश जिंदल, धर्मजागरण के कपील शास्त्री, देवेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष बब्बल पांडे, विकास केड़िया, बजरंग दल संयोजक जीमी अग्रवाल, पूर्व विधायक विजय अग्रवाल, भाजपा महामंत्री गुरुपाल भल्ला, निगम सभापति सुभाष पांडेय, समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
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Thursday, September 10, 2009
पांव धो दिलाई प्रतिज्ञा
visfot.com । विस्फोट.कॉम - चर्च साम्राज्यवाद का दलित प्रेम
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - चर्च साम्राज्यवाद का दलित प्रेम
- आर एल फ्रांसिस
- 25 अगस्त को आंध्र प्रदेश सरकार ने विधानसभा में धर्मांतरित ईसाइयों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग वाला एक बिल पारित कर भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वह संविधान संशोधन कर धर्मांतरित ईसाइयों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का कार्य करे। विगत दो दशकों से चर्च नेता अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए करोड़ों धर्मांतरित ईसाइयों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करवाने के लिए `करो या मरो´ की तर्ज पर अपनी रणनीति का ताना-बाना बुनने में जुटे हुए है।
- सैकड़ों वर्ष पूर्व देश के करोड़ों वंचित लोगों ने जातिवाद से मुक्ति की आशा में धर्मपरिवर्तन का मार्ग चुना। दुर्भागयपूर्ण तथ्य यह है कि चर्च नेतृत्व अपने ढांचे में जातिवाद को समाप्त नहीं कर पाया है उल्टा वह अपनी धार्मिक एवं राजनीतिक सत्ता को बनाये रखने के लिये ईसाइयत में जातिवाद को और मजबूत करने में लगा हुआ है।
- जब भारत का संविधान बनाया गया तो हमारे हिन्दू दलित भाईयों के लिये उस में विशेश कानून बनाये गये। वंचित ईसाइयों के पास भी विकल्प था कि वह अपने मूल धर्मों में लौट सकते थे परन्तु वंचित ईसाइयों ने इस विकल्प को ठुकरा दिया उनकी ईसा मसीह के इन्हीं शब्दों में आस्था बनी रही कि `हे थके और बोझ से दबे हुये लोगों, मेरे पास आओं, मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। (मत्ती 11:28) जब संविधान निर्माताओं ने हिन्दू दलितों के लिये आरक्षण उपलब्ध करवाया तो हिन्दुओं, जो कि बहुसंख्यक थे ने दलित वर्गो के आरक्षण को सिंद्वात रुप से स्वीकार कर लिया। संविधान में `सामनता´ के अवसर को उन्होंने दलित वर्गो के पक्ष में कुर्बान कर दिया उस बुरे व्यवहार और भेदभाव के मुआवजे/हर्जाने के रुप में, जो उनके पूर्वजों ने दलित वर्गो के साथ किया था।
- जब चर्च के नेता यह दावा करते हैं कि भारत की 70 प्रतिशत ईसाई जनसंख्या दलितों की श्रेणी में आती हैं तब वे खुले मन से यह स्वीकार क्यों नहीं करते कि चर्च उन्हें सामाजिक-आर्थिक समता देने में असफल रहा हैंर्षोर्षो चर्च के भीतर भी उनके प्रति भेदभाव क्यों बरता जा रहा हैं?
- अब कहा जा रहा है कि यदि चर्च ऊंच-नीच और अस्पृष्यता के दोष को मिटाने में विफल हुआ है तो इसके लिए चर्च नहीं, भारत का हिन्दू वातावरण दोषी हैं। यहां चर्च से यह प्रश्न पूछा जा सकता है कि भारत में तो हिन्दू वातावरण के कारण चर्च अपने अनुयायियों को सामाजिक समता और आर्थिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाया, पर दक्षिण अमरीका में उसने क्या किया? वहां तो पूरी की पूरी जनसंख्या पर बलपूर्वक ईसाई धर्म थोप दिया गया। वहां तो कोई गैर ईसाई वातावरण शेष नहीं बच पाया तब भी वहां की 95 प्रतिशत जनता घोर गरीबी में क्यों डूबी रह गई? चर्च के वैभव के विरुद्ध वह विद्रोह का झंडा उठाने के लिए क्यों मजबूर हुई? क्यों अपने अस्तिव की रक्षा के लिए वहां चर्च को लिबरेशन थियोलाजी (मुक्ति दर्शन) का स्वांग रचना पड़ा?
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लंदन को योग सिखाएगा 5 साल का हरिओम
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लंदन को योग सिखाएगा 5 साल का हरिओम
- कसौली.
- मासूम चेहरा, नन्हा शरीर, तेज-तर्रार वाणी वाला पांच वर्षीय नन्हा बालक योग क्रियाओं में इतना निपुण है कि देखने वाला हर कोई चकित रह जाता है। कसौली के नजदीक किम्मुघाट (गढ़खल) के वरद पर्वत पर स्थित साकेत धामक आश्रम के संस्थापक प्रेमाच्युत प्रेम महाराज के छोटे पुत्र विश्व गौरव (हरिओम) योग सिखाने के लिए 8 सितंबर को भारत से इंग्लैंड के लिए रवाना हो रहे हैं।
- विश्व गौरव का बड़ा भाई व प्रेमाच्युत महाराज का बड़ा पुत्र चारू चैतन्य (13) पहले ही सात वर्ष की आयु से भागवत कथा वाचक बनकर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति पा कर विदेशो में भागवत अलंकार, भागवत, भागवत अचार्य, विश्व विभूति जैसी उपाधियां अपनी चमत्कारी प्रतिभा के लिए पा चुका है । चारू चैतन्य संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म की पताका फहराना चाहता है और विश्व गौरव देश-विदेश में योग की गंगा बहाना चाहता है। 8 सितंबर को यहां से रवाना होने के बाद यूके के विभिन्न शहरों में भारत का यह नन्हा योगी योग की अलख जगाएगा।
- पांच वर्षीय विश्व गौरव भी (योगगुरु स्वामी रामदेव की राह पर) लोगों को विभिन्न बीमारियों से बचाने व संपूर्ण विश्व में योग की अलग जगाने के लिए यूके की धरती पर जा रहा है। प्रेम महाराज ने बताया कि विश्व गौरव तीन साल की उम्र में ही 50 प्रकार के कठिन योगासन करने लग गया था। इसके अलावा विश्व गौरव तबला वादन में भी निपुण है। तबला वादन में यह नन्हां उत्साद जब तबले पर अपनी छोटी-छोटी अंगुलियों से सुरीली ताल छेड़ता है तो देखने वाला मात्र मूकदर्शक बनकर रह जाता है। छोटी उम्र में इतनी विलक्षण प्रतिभा का धनी यह बालक वाकचातुर्य का भी धनी है।
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नवम्बर में अयोध्या में राम शिला पूजन करेगी विहिप भारत समाचार-Merikahabar.com:
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नवम्बर में अयोध्या में राम शिला पूजन करेगी विहिप भारत समाचार-Merikahabar.com:
- विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा कि अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास के बीस वर्ष पूरे होने पर वह 9 नवम्बर से 11 नवम्बर तक विशेष राम शिला पूजन समारोह का आयोजन करेगी।
- इसके लिए रामनगरी में नौ से ग्यारह नवम्बर तक हिन्दू नेताओं व श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगेगा, जो श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला में 1992 से जमा सवा तीन लाख राम शिलाओं का अनुष्ठानपूर्वक पूजन करेंगे।
- शिला पूजन में झारखंड के अनुसूचित जाति के रामभक्त कामेश्वर चौपाल भी शामिल होंगे। नौ नवम्बर, 89 को अयोध्या में राम मन्दिर शिलान्यास की पहली शिला कामेश्वर ने ही रखी थी। तब विहिप नेतृत्व का यह पैतरा सामाजिक सद्भाव की दृष्टि से देश भर में सराहा गया था।
- विहिप ने राम मन्दिर आन्दोलन को धार देने के लिए 1989 में प्रदेश भर में शिला पूजन कार्यक्रम किया था। इसके तहत करीब सवा लाख गांवों में पूजित सवा तीन लाख राम शिलाएं अयोध्या लायी गई थीं। पहले ये शिलाएं विवादित परिसर में ही रखी गई थीं, यद्यपि इस परिसर का केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहण किये जाने के बाद इन शिलाओं को श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला में रखवा दिया गया था। इसी कार्यशाला में राम मन्दिर निर्माण के लिए तराशे गए पत्थर भी रखे हैं। श्री शर्मा ने बताया कि राम शिलाओं का हर दिन पूजन किया जाता है, लेकिन शिलान्यास के बीस वर्ष पूरे होने पर इस साल नवम्बर में समारोहपूर्वक शिलाओं का पूजन किया जाएगा।
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‘सज्जन शक्ति’ से भारत-भाग्योदय
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- अक्सर वे लोग भी जो यह घोषित करते नहीं अघाते कि उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है, सबसे ज्यादा टिप्पणियां राजनीतिक घटनाक्रम पर करते दिखते हैं. मीडिया भी राजनीति केंद्रित है, वह शहरी सरोकारों वाली जिस कारण अपने वास्तविक प्रभाव के अनुपात से कई गुना ज्यादा महत्व राजनेताओं को मिलता है. इस राज-रोग का असर मीडिया द्वारा दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत की पत्रकारवार्ता के समाचार प्रसारण में भी दिखा. मीडिया की दिलचस्पी सिर्फ़ एक पहलू में थी कि संघ के प्रमुख भारतीय जनता पार्टी के संदर्भ में क्या कहते हैं. विश्व के सबसे बड़े हिंदू संगठन के प्रमुख भाजपा के अलावा जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बोले, वह सब मीडिया ने प्राय अनछुआ छोड़ दिया.
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गुजारा भत्ता देने के लिए किडनी बेचने की अनुमति मांगी
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गुजारा भत्ता देने के लिए किडनी बेचने की अनुमति मांगी
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पंजाब में रोपड़ के एक व्यक्ति ने अलग हो चुकी पत्नी को कोर्ट के आदेश के मुताबिक हर माह 8,000 रुपए का गुजारा-भत्ता देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बताते हैं इस व्यक्ति की आमदनी मात्र 3,600 रुपए महीना है। ऐसे में उसने गुजारा भत्ता चुकाने के लिए कोर्ट से किडनी बेचने की अनुमति मांगी है।
हालांकि अभी इस मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी है, लेकिन इस मामले ने गुजारा-भत्ते संबंधी कानूनों पर बहस को जन्म दे दिया है। इसके चलते पुरुष हितैषी संगठन पति की आमदनी के अनुपात में गुजारा-भत्ते दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
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विहिप ने भी बोला आडवाणी पर हमला - Jagran - Yahoo! India - National :: Politics News
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- सिंहल इससे पहले भी आडवाणी पर यह आरोप लगा चुके हैं कि उनकी रथयात्रा से राममंदिर आंदोलन का नुकसान ही हुआ। पहले यह आंदोलन संपूर्ण हिंदू समाज का हुआ करता था लेकिन आडवाणी की रथयात्रा के बाद आंदोलन सिर्फ भाजपा का होकर रह गया। जिसके कारण सभी राजनीतिक दल इसका विरोध करने लगे।
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बोर्ड की किताबों से हटेंगे भगवा पाठ
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बोर्ड की किताबों से हटेंगे भगवा पाठ
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कई किताबें बीच शिक्षा सत्र में विवादों में आ गई हैं। राज्य सरकार की ओर से किताबों की जांच के लिए गठित कमेटी ने इन किताबों में आपत्तिजनक अंश हटाने के साथ ही कक्षा 11 की समाजशास्त्र- द्वितीय विषय की भारतीय समाज नामक पुस्तक को तुरंत प्रभाव से पाठ्यक्रम से बाहर करने की सिफारिश की है।
कमेटी ने कहा है कि आपत्तिजनक अंशों वाली किताबों से जुड़े लेखक, संपादक प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित कई हिंदूवादी संगठनों की विचारधारा से जुड़े हैं। इन लेखकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो या इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए।
- जयपुर.
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी कहे जाने वाले आचार्य विनोबा भावे मूलत: एक सामाजिक विचारक थे जिन्होंने भूदान आंदोलन के जरिए समाज में भूस्वामियों और भूमिहीनों के बीच की गहरी खाई को पाटने का एक अनूठा प्रयास किया।
विनोबा भावे अपने युवाकाल में ही महात्मा गांधी के समीप आ गए थे। विनोबा को गांधी की सादगी ने जहां मोह लिया, वहीं राष्ट्रपिता ने विनोबा के भीतर एक विचारक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के लक्षण देखे। इसके बाद विनोबा ने आजादी के आंदोलन के साथ-साथ महात्मा गांधी के सामाजिक कार्यो में सक्रियता से भाग लिया।
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भटक गई है गांधी के हिन्द स्वराज का पाठ करने वाली कांग्रेस विचार समाचार-Merikahabar.com:
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भटक गई है गांधी के हिन्द स्वराज का पाठ करने वाली कांग्रेस विचार समाचार-Merikahabar.com:
- (डॉ हितेष वाजपेयी)
- फोटो: नहीं मिला बापू के सपनों का 'हिंद स्वराज'
- गांधी के हिन्द स्वराज्य का पाठ करने वाली कांग्रेस चलते-चलते राह भटक गयी है। यहां पर भारत कैसा हो, इसकी कोई भी कल्पना न किसी को है, न ही किसी को इस बात की चिंता है। आम आदमी की स्वतंत्रता को शायद धीरे-धीरे दीमक की तरह यह पार्टी अपने भारत पर लंबे शासन के दौरान चाट गयी है।
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