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सचिन की दुनिया: इमरान हाशमी और कसाब की वाजिब माँगें!
- वक्त पड़ने पर इन्हें याद आ जाता है कि ये मुसलमान हैं
- मैं तब भी अंचभित रह गया था जब अमूमन नंगे बदन रहने वाला और अंडरवियर पहनी लड़कियों के साथ डांस करते रहने वाला सलमान खान भी काले हिरण के शिकार के समय जेल जाने के बाद अचानक मुसलमान हो गया था। (????) सलमान तब जेल में मुस्लिम गोल टोपी पहनने लगा था और बोलने लगा था कि वो अल्पसंख्यक वर्ग से है इसलिए उसके साथ ये भेदभाव हो रहा है। गजब है भाई, उस पर से तुर्रा ये कि इन दोनों मुस्लिम हीरो की माताएँ हिन्दू हैं और आज तक इनके साथ कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया।
- संजय दत्त का उदाहरण भी मुझे याद आता है। वो टाडा में जब जेल में बंद था तो अचानक ही उसे अपनी माँ का धर्म (इस्लाम) याद आ गया था। वो वहाँ वही गोल मुस्लिम टोपी पहनकर रहता था, पाँचों समय की नमाज पढ़ता था और हमें यह बताने की कोशिश करता था कि उसकी माँ मुसलमान थी इसलिए उसे जेल में बंद कर दिया गया..।
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आपका ही सचिन...।
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!! समर्थ हिन्दु, समर्थ हिन्दुस्थान !!;........................!! समर्थ हिन्दुस्थान, समर्थ विश्व !!............................ All the posts on this blog are re-postings and post headings point towards the actual posts.
Tuesday, August 25, 2009
सचिन की दुनिया: वक्त पड़ने पर इन्हें याद आ जाता है कि ये मुसलमान हैं
सचिन की दुनिया: क्या मुझे हिन्दू की औलाद समझा है..??
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सचिन की दुनिया: क्या मुझे हिन्दू की औलाद समझा है..??
- पाकिस्तान की जनता सिर्फ नफरत केन्द्रित है
- अगर किसी बस में या चौराहे पर, या पान की दुकान पर दो मुस्लिमों की आपस में लड़ाई हो जाए तो वे इन्हीं शब्दों का उपयोग करते हैं.....क्या मुझे हिन्दू की औलाद समझा है जो मैं तुझसे डर जाऊँगा। क्या मैं तुझे डरपोक लगता हूँ, क्या मेरी शक्ल हिन्दू जैसी है जो मुझे धमका रहा है......
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सचिन की दुनिया: चटकती दरकती भाजपा की मानसिकता
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सचिन की दुनिया: चटकती दरकती भाजपा की मानसिकता
- मुस्लिम वोट बैंक का पीछा करना छोड़ना होगा
- भाजपा का स्थान देश की राजनीति में तय ही हिन्दुत्व के आधार पर हुआ है। 1992 में गिरे बाबरी मस्जिद ढाँचे में उसकी भूमिका अहम है और उसे यह भूल जाना चाहिए कि आने वाली कई शताब्दियों तक मुस्लिम उसे वोट देने की गलती से भी सोचेंगे। मुसलमान भाजपा से चिढ़ते हैं, आरएसएस से चिढ़ते हैं और हर उस शख्स से चिढ़ते हैं जो इनसे जुड़ा हुआ हो। भाजपा में दो मुसलमान चेहरे हैं, मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन। लेकिन भारत की मुस्लिम जमात इन्हें मुसलमान ही नहीं मानती। अगर ये उनके हत्थे चढ़ जाएँ तो भारतीय मुसलमान इन्हें मार ही डालें।
- इन चुनावों में हमने देख लिया कि भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत क्यों हुई। वरुण गाँधी ने उत्तर प्रदेश में आग उगली। लेकिन भाजपा ने उससे अपने को अलग कर लिया। अरे अगर आपने उस व्यक्ति को टिकट दिया है तो पहले ही उसे समझा देना चाहिए था कि क्या बोलना है और अगर बोल दिया तो उसके साथ रहना था।
- जब सपा और बसपा रूपी आप्शन उनके सामने आए तो उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया। मुसलमान कांग्रेस को सिर्फ इसलिए वोट देते हैं ताकि भाजपा सत्ता में नहीं आ पाए, लेकिन भाजपा को यह बात समझ ही नहीं आती। उसको समझ लेना चाहिए कि अगर कोई दूसरा आप्शन सामने आया तो मुसलमान कांग्रेस छोड़कर उसे चुन लेंगे लेकिन भाजपा को कभी नहीं चुनेंगे। इसलिए भाजपा की मुस्लिमों को रिझाने की कोई भी रणनीति कभी काम नहीं आनी वाली।
- भाजपा का राम मंदिर अलाप फुस्स हो चुका है और अब अगर वो मंदिर की बात करेगी तो लोग उसपर हँसेंगे। अब भाजपा को अंदरूनी कलह से उबरकर अपना स्थाई स्टेण्ड रखकर सिर्फ देश की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो वो भारत-पाकिस्तान, हिन्दू-मुसलमान करती रह जाएगी और देश में तेजी से बढ़ रही तरक्की पसंद जनता उसे धीरे से किनारे लगा देगी और कांग्रेस बार-बार इसी तरह सत्ता में रिपीट करती रहेगी जैसा कि उसने इस बार किया।
आपका ही सचिन.....।
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HC disposes plea for Bible in school
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HC disposes plea for Bible in school
- BANGALORE:
- The High Court on Monday observed that it had no power to direct the state government to allow educational institutions to subscribe to the Bible.
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India can open consulate in Lhasa: Chinese official - China - World - NEWS - The Times of India
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India can open consulate in Lhasa: Chinese official - China - World - NEWS - The Times of India
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- LHASA:
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : सबकुछ जो आप हमेशा जानना चाहते थे
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : सबकुछ जो आप हमेशा जानना चाहते थे
- आइए हम बताते हैं कि आखिर संघ में हाथ में वह कौन सी लगाम है जो भाजपा को नियंत्रित करती है..
- संघ का इतिहास
- मोहन भागवत दूसरे सबसे युवा संघचालक
- हर जगह पैठ है संघ की
- भारतीय जनता पार्टी :
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद :
- बजरंग दल :
- क्या है शाखा
- संघ की आलोचनाएं
- तब मुख्य घटक, अब बढ़ता तनाव
- कितनी बार पाबंदी?
- कौन-कौन कर्णधार?
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Jagran - नेपाल से जरूरी निकटता
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नेपाल से जरूरी निकटता
- यह विडंबना है कि लोकतात्रिक अभिव्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि के नाते माधव नेपाल की प्रधानमंत्री के रूप में पहली भारत यात्रा मीडिया और सामान्य जनचर्चा की दृष्टि से उपेक्षित रही। मीडिया शिमला, जिन्ना और जसवंत सिंह की पुस्तक की चर्चा में इतना डूबा रहा कि दुनिया में जिस हिंदू बहुल नेपाल राष्ट्र के साथ भारत के सर्वाधिक आत्मीय और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रिश्ते हैं उसके संबंध में चर्चा के लिए किसी चैनल या अखबार को अवकाश नहीं मिला। इसके विपरीत यदि भारत से शत्रुता रखने वाले पाकिस्तान जैसे देश से कोई प्रधानमंत्री से भी छोटे स्तर का नेता आता तो यही अखबार और चैनल उसे ज्यादा महत्व देते।
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मुस्लिम बहन जाती है तीजा
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- धमतरी
करीब 30 साल पहले अधारी नवागांव में शासकीय प्राथमिक शाला का शुभारंभ हुआ था, उस समय उन्होंने अध्यापक के रूप में वहां कार्य आरंभ किया। पानी जैसी छोटी जरूरतों के लिए हमीदा बेगम से मदद ली और भाई-बहन का रिश्ता बन गया। तब से आज तक हर साल उजियार सिंह ध्रुव अपनी बहन हमीदा बेगम को तीजा के लिए अपने घर लाना नहीं भूलते।
बहन भी हर साल रक्षाबंधन तथा तीजा के लिए अपने हिन्दू भाई के घर जाने को लालायित रहती है। दोनों ही अलग धर्मावलंबी है, इसके बावजूद भाई-बहन के रिश्ता कभी कमजोर नहीं हुई। ईद पर हमीदा बेगम अपने भाई को मीठी सेवई खिलाना नहीं भूलती।
अब श्री ध्रुव चलने फिरने में सक्षम नहीं हैं और उनकी पत्नी बिरझा बाई भी चल बसी है। ऐसे में उनके बेटे रामकुमार ध्रुव और पूनम सिंह ध्रुव हमीदा बेगम को तीजा पर लेने के लिए जाते हैं और घर में उनके लिए खानपान का इंतजाम मुसलमानों की तरह ही किया जाता है। विदाई के वक्त हिन्दूओं की परंपरा के मुताबिक साड़ी और उपहार देना नहीं चूकते। तेज दौड़ती दुनिया में रिश्ते भी तेजी से रंग बदल रहे है, ऐसे में भिन्न धर्मावलंबियों के बीच यह मजबूत रिश्ता सुकुन का अहसास कराता है। -
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जानवरों को काटने के लिए ले जाते 3 गिरफ्तार
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जानवरों को काटने के लिए ले जाते 3 गिरफ्तार
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- लुधियाना
30 भैसों से लदे ट्रक को थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस ने एक सूचना के आधार पर चंडीगढ़ रोड स्थित मोहनी रिसोर्ट के पास रोककर तीन लोगों को देर रात्रि काबू किया। मौके पर काबू किए गए अरशद ने माना कि वह इन जानवरों को काटने के लिए मेरठ के पास स्थित शामली नामक कस्बे में ले जा रहा था। उसने इस से पहले भी जानवरों को मेरठ ले जाने की बात कबूली।
केप इंडिया की स्थानीय इकाई के प्रमुख डाक्टर संदीप जैन व विश्व हिंदु परिषद व बजरंग दल के कार्याकर्ताओं ने जानवरों को कसाईयों के चगुंल से रिहा करके पानी पिलाया व सुरक्षित जगह पहुंचाने का इंतजाम किया।
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BBC Hindi - भारत - जिन्ना राष्ट्रवादी थे: सुदर्शन
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BBC Hindi - भारत - जिन्ना राष्ट्रवादी थे: सुदर्शन
- पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना पर जसवंत सिंह के बाद अब आरएसएस के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने भी बयान दे डाला है.
- साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्ना पहले राष्ट्रवादी थे लेकिन बाद में नाराज़ हो गए और अंग्रेज़ों ने उनके मन में विभाजित राष्ट्र के बीज बो दिए.
- क्या वह जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा,'' जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं, वो कभी लोकमान्य तिलक के साथ थे और पूरी तरह राष्ट्र के प्रति समर्पित थे.''
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कमीने से नाराज पुरी के पुजारी, केस दर्ज - khaskhabar
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कमीने से नाराज पुरी के पुजारी, केस दर्ज - khaskhabar
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- भुवनेश्वर
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BBC Hindi - भारत - भाजपा में अंतरकलह: एक विश्लेषण
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BBC Hindi - भारत - भाजपा में अंतरकलह: एक विश्लेषण
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रामबहादुर राय
वरिष्ठ पत्रकार
- हमें यह समझ कर चलना चाहिए कि आरएसएस के बिना भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं है. यदि आरएसएस का समर्थन न रहा, तो वह भी हिंदू महासभा की तरह छोटी सी पार्टी बन कर रह जाएगी.
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हो सकता है नवंबर-दिसंबर में पार्टी की कमान पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के हाथ में न रहे. मेरा अपना मानना है कि इस भूमिका को निभाने के लिए सुषमा स्वराज या बाल आपटे में से कोई सामने आ सकता है.
लेकिन ये सुधार की प्रक्रिया लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही चलेगी.
ये नवंबर-दिसंबर तक चलेगी जब तक अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लोग बहुत डरे हुए हैं और अनेक लोग अपना होशोहवास खो बैठे हैं क्योंकि उन्हे डर है कि आरएसएस उन्हें बेदख़ल कर सकता है.
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चाहे भाजपा हो या आरएसएस, उसे तय करना है कि राष्ट्रीयता, देशभक्ति और भारतीयता को वे किस तरह से परिभाषित करते हैं.
इस पर मतभेद हैं और अलग-अलग नज़रिए हैं.
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दूसरी ओर हिदुत्व की विचारधार की परिभाषा नहीं हुई है - जो आरएसएस कहे वहीं हिंदुत्व है, इस पर भी अनेक लोगों ने सवाल उठाए हैं.
जहाँ तक आरएसएस-भाजपा के रिश्तों की बात है तो आरएसएस ने स्वदेशी, राष्ट्रीयता के सवाल उठाए हैं और इन सवालों पर हिंदू-मुस्लिम संबंधों
का भी साया है. - (बीबीसी संवाददाता अतुल संगर के साथ बातचीत पर आधारित)
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शादी नहीं रचा सके दो समलैंगिक युवक :: सहारा समय
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शादी नहीं रचा सके दो समलैंगिक युवक :: सहारा समय
- लखनऊ
- उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थानीय लोगों के विरोध के चलते विवाह का पूरा साजो सामान लेकर मंदिर पहुंचे दो समलैंगिक युवक शादी नहीं रचा सके। घटना जिले के बड़ौत कस्बे की है, जहां सोमवार को एक प्राचीन मंदिर में दो 23 व 20 वर्षीय समलैंगिक युवक शादी रचाने गए थे।
उस दौरान मंदिर में मौजूद रहे स्थानीय अमित सैनी ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि दोनों युवक फूलों के हार, नये कपड़े और पूजा में प्रयुक्त होने वाले सामान के साथ मंदिर पहुंचे। पहले हमें लगा कि दोनों पूजा करने आए हैं।
धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि मंदिर की परिक्रमा करने के बाद दोनों मंदिर के पुजारी के पास गए और कहा कि वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। दोनों ने पुजारी से शादी कराने के लिए कहा। यह सुनकर पुजारी ने शादी कराने से मना करते हुए कहा कि यह हिंदू मान्यताओं के खिलाफ होगा।
कश्यप के मुताबिक कई बार अनुरोध करने पर जब पुजारी ने शादी कराने के लिए हां नहीं की तो दोनों समलैंगिक गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने लगे। इस पर पुजारी ने शोर मचा दिया जिससे मंदिर में पूजा करने वाले लोगों के अलावा आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गये और उन्होंने दोनों समलैंगिकों की पिटाई कर वहां से भगा दिया।
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