Sunday, April 3, 2011

Jalgaon : Devout Hindus foil a conversion plan of Christian missionary

Jalgaon : Devout Hindus foil a conversion plan of Christian missionary: "A Christian missionary told few Hindu women about curing a Hindu through the medium of prayers and medicine in Jalgaon city. He tried to draw these women in his net and to convert them; but as the devout Hindus got the wind of it, they rushed to the place of incident and foiled his plan."

Haindava Keralam - global community of dedicated Hindu Keralites with a peace mission

Haindava Keralam - global community of dedicated Hindu Keralites with a peace mission: "NAGERCOIL: The AIADMK if voted to power after the April 13 assembly polls in the state would take steps to ensure devout Christians travel to holy Bethlehem, just like Muslims go to Mecca for the Haj pilgrimage, party leader Jayalalithaa said here today.

'If the AIADMK alliance comes to power in Tamil Nadu after the polls, the government will help devout Christians travel to Israel, just like Muslims go for the Haj pilgrimage,' she said, addressing an election meeting in Kanyakumari."

Who will destroy the Hindus?DESTROY CONGRESS, NEHRU DYNASTY AND CHANGE CONSTITUTION - Cplash, The Citizen Journalism Site

Who will destroy the Hindus?DESTROY CONGRESS, NEHRU DYNASTY AND CHANGE CONSTITUTION - Cplash, The Citizen Journalism Site: "

WHAT PATRIOTIC INDIANS CAN DO

We have to ensure that the Maino clan does not stay in power. Dr. Manmohan Singh may be PM, which is a small relief, but he is not a fighter. The real power in government today is wielded by the Maino mafia gang. Can they be dethroned? I argue that they must be, for India ’s integrity and democracy.

In Indian democracy, other than by losing majority, only a shocking scandal can unseat a government. Today’s priority is however not for toppling the Congress government as such, since Manmohan Singh is a decent and scholarly person, but in driving the Maino clan out of India . If the only way that can be done is by toppling the Singh government, then so be it. But the successor government should be such that it will not protect Sonia and her clan as Vajpayee’s did.
It will although not be long before Sonia will give Manmohan Singh marching orders, and he will march out meekly. We should not expect him to resist. Thus time with patriotic Indians is limited.With Sonia’s defacto government in place, it is also unrealistic to expect that I can get an early victory in the courts on the KGB and antique smuggling cases.
The most potent scandal at hand, therefore, that can dislodge the Maino clan[including Rahul and Priyanka] lies in exposing their existing Italian citizenship. That will galvanise the people.
In 1992, Sonia had revived her citizenship of Italy under Article 17 of the Italian Citizenship Law [Act 91 of 1992]. Rahul and Priyanka were born Italian citizens because Sonia was Italian when she gave birth to them[Italian law based on jure sanguinis]. (see Annexure-19) Hence, they continue be Italians since they have never renounced their citizenship upon becoming 21 years old. Both, Rahul and Priyanaka have been traveling abroad on Italian passports. They may now acquire Venezuela passports too, since Rahul Gandhi’s wife, Veronica, is a Venezuelan. (See annexure- 20)That means one more foreign bahu for us tolerant Indians. The Maino-Gandhis are certainly getting Indian society globalised in their own selfish way.
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धर्मप्रदूषण:विधर्मी षडयंत्र

धर्मप्रदूषण:विधर्मी षडयंत्र: "

भारत में जितने भी विदेशी विधर्मी हमलावर आये ,वह सब भारत की सम्पदा को लूटने ,और भारत पर हुकूमत करने के लिए आये थे .वह जानते थे कि यदि भारत पर निर्विघ्न रूप से हुकूमत करना है तो ,भारत में ही अपने समर्थकों की जरूरत पड़ेगी .वह यह भी जानते थे कि यदि भारतीय समाज और संसकृति को मिटाकर अपने समर्थको की संख्या बढ़ाना हो ,तो भारत के प्राण उसके इतिहास ,साहित्य और धर्मग्रंथों को नष्ट और भ्रष्ट करना भी जरूरी है .जोकि भारतीय समाज के मुख्य आधार हैं.धर्म के विना भारतीय ,कला ,संगीत ,काव्य ,साहित्य ,चित्रकला ,मूर्तिकला आदि सब निष्प्राण हो जायेंगे .इसीलिए मुसलमान हमलावरों ने पाहिले तो चुन चुन कर प्रसिद्ध विद्यालयों ,पाठशालाओं ,ग्रंथागारों को जलवा दिया .फिर जो बच गए उन ग्रन्थों के उलटे सुलटे अर्थ करवाकर हिन्दुओं को गुमराह करने की चाल चली .और हिन्दू ग्रंथो में इस्लामी तालीम घुसाने का षडयंत्र किया .जैसे अकबर ने अल्लोपनिषद नामकी उपनिषद् बनवाई थी .इसी तरह ईसाई मिशनरी ने एजोर्वेदम नामक नकली वेद बना दिया था जिसके बारे में लिखा जा चूका है .
मुसलमान और ईसाइयों के वेदों ,और अन्य धर्म ग्रंथों के जो अनर्थ किये ,उसकी पोल महर्षि दयानंद ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "ऋग्वेदभाष्य भूमिका"में खोल दी है . लेकिन हिन्दू धर्म ग्रंथों को प्रदूषित करने का षडयंत्र अंगरेजों के समय में भी चलता रहा .आज यह दायित्व सेकुलर सरकार और सेकुलर नेता निबाह रहे हैं .
यहाँ पर थोडेसे उदहारण दिए जा रहे हैं -

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इस से यह भी साबित होता है कि विधर्मियों ने हिन्दू धर्म ग्रंथों को प्रदूषित किया था .चाहे अर्थ का अनर्थ किया हो ,चाहे ग्रंथों में नए नए श्लोक जोड़ दिए हों
आज भी मुस्लिम मुल्ले और ,ब्लोगर हिन्दू ग्रंथों में मुहम्मद को अवतार साबित करने की कोशिश करते रहते हैं .जैसे जकारिया नायक .इस समय हिन्दी में करीब 200 ब्लॉग है ,जो हिन्दू ग्रथो को प्रदूषित कर रहे हैं .हमें इन से सावधान रहने की जरुरत है.और सभी हिन्दुओं को चाहिए किवह प्रमाणिक हिन्दू ग्रथो का अर्थ सहित गहन अध्यन करते रहें .और विधर्मियों के जाल में नहीं आयें .और न कभी मुहम्मद को अवतार ही मानें
भगवान परशुराम ने कहा है -
'अग्रश्च चतुर्वेदः पृष्ठशचः सशरा धनु .इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शास्त्रादपी शरादपि .'
मेरे सामने चारों वेद हैं ,और पीठ पर परशु और धनुष वाण है .मैं शत्रु का सामना ब्राह्मण बन कर शास्त्र से ,और क्षत्रिय बनकर अस्त्र शस्त्रसे करूँगा

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ज़फरनामा :गुरु गोविन्द सिंह का पत्र !

ज़फरनामा :गुरु गोविन्द सिंह का पत्र !: "

भारत अनादिकाल से हिन्दू देश रहा है .इस देश में जितने भी धर्म ,संप्रदाय ,और मत उत्पन्न हुए हैं ,उन सभी के अनुयायी ,इस देश के वास्तविक उतराधिकारी हैं.लेकिन जब भारत पर इस्लामी हमलावरों का शासन हुआ तो ,उन्होंने हिन्दू धर्म और हिन्दुओं को मिटाने के लिए हर तरह के यत्न किये .आज जो हिन्दू बचे हैं ,उसके लिए हमें उन महापुरुषों का आभार मानना चाहिए जिन्होंने अपने त्याग और बलिदान से देश और हिन्दू धर्म को बचाया था .
इनमे गुरु गोविन्द सिंह का बलिदान सर्वोपरि और अद्वितीय है .क्योंकि गुरूजी ने धर्म के लिए अपने पिता गुरु तेगबहादुर और अपने चार पुत्र अजीत सिंह ,जुझार सिंह ,जोरावर सिंह और फतह सिंह को बलिदान कर दिया था .बड़े दो पुत्र तो चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए थे .और दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह (आयु 8 )साल और फतह सिंह (आयु 5 )साल जब अपनी दादी के साथ सिरसा नदी पार कर रहे तो अपने लोगों से बिछड़ गए थे .जिनको मुसलमान सूबेदार वजीर खान ने ठन्डे बुर्ज में सरहिंद में कैद कर लिया था.वजीर खान ने पहिले तो बच्चों को इस्लाम काबुल करने के लिए लालच दिया .जब बच्चे नहीं मानेतो मौत की धमकी भी दी .लेकिन बच्चों ने कहा कि हमारे दादा जी ने धर्म कि रक्षा के लिए दिली में अपना सर कटवा लिया था .हम मुसलमान कैसे बन सकते हैं ?हम तेरे इस्लाम पार थूकते हैं .(गुरु तेगबहादुर ने 16 नवम्बर 1675 को हिन्दू धर्म कि रक्षा के लिए अपना सर कटवा लिया था )बच्चों का जवाब सुनकर वजीर खान आग बबूला हो गया .उसने दौनों बच्चों को एक दीवाल में जिन्दा चिनवानेका आदेश दे दिया .और उन्हें शहीद कर दिया .यह सन 1705 कीबात है .
उस समय देश परऔरंगजेब की हुकूमत थी .वह इस्लाम का जीवित स्वरूप था .मुसलमान उसे अपना आदर्श मानते है .यदि कोई औरंगजेब की नीतियों और उसके चरित्र को समझ ले तो उसे कुरान और शरीयत को समझनेकी कोई जरुरत नहीं होगी .आज भी मुसलमान उसका अनुसरण करते है
जब गुरूजी को बच्चों के दीवाल में चिनवाएजाने की खबर मिली तो वह हताश नहीं हुए .गुरुजी चाहते थे कि लोग अपनी कायरता को त्याग करके निर्भय होकर अत्याचारी मुगलों का मुकाबला करें .तभी धर्म कि रक्षा हो सकेगी .इसके लिए गुरूजी ने अस्त्र -शस्त्र की उपासना की रीति चलाई .-
"वाह गुरूजी का भयो खालसा सु नीको.वाह गुरुजी मिल फ़तेह जो बुलाई है .
धरम स्थापने को ,पापियों को खपाने को ,गुरु जपने की नयी रीति यों चलाई है .'
गुरु गोविन्द सिंह जी ने लोगों को सशस्त्र रहने का उपदेश दिया .अस्त्र शस्त्र को धर्म का प्रमुख अंग बताया ,ताकि लोगों के भीतर से भय निकल जाये .गुरूजी ने कहा कि-
"नमो शस्त्र पाणे,नमो अस्त्र माणे.नमो परम ज्ञाता ,नमो लोकमाता .
गरब गंजन ,सरब भंजन ,नमो जुद्ध जुद्ध ,नमो कलह कर्ता.नमो नित नारायणे क्रूर कर्ता .-जाप साहब
फिर गुरूजी ने यह भी कहा -
"चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊँ ,सवा लाख से एक भिडाऊं.तबही नाम गोविन्द धराऊँ "
गुरुजी ने अपने इस में आने का यह कारण खुद ही बता दिया था .
'इस कारण प्रभु मोहि पठाओ ,तब मैं जगत जमम धर आयो .
धरम चलावन संत उबारन,दुष्ट दोखियन पकर पछारन"
गुरु गोविन्द सिंह जी एक महान योद्धा होने के साथ साथ महान विद्वान् भी थे .वह ब्रज भाषा ,पंजाबी ,संस्कृत और फारसी भी जानते थे .और इन सभी भाषाओँ में कविता भी लिख सकते थे .जब औरंगजेब के अत्याचार सीमा से बढ़ गए तो गुरूजी ने मार्च 1705 को एक पत्रभाई दयाल सिंह के हाथों औरंगजेब को भेजा .इसमे उसे सुधरने की नसीहत दी गयी थी .यह पत्र फारसी भाषा के छंद शेरों के रूप में लिखा गया है .इसमे कुल 134 शेर हैं .इस पत्र को 'ज़फरनामा 'कहा जाता है .यद्यपि यह पत्र औरंगजेब के लिए था .लेकिन इसमे जो उपदेश दिए गए है वह आज हमारे लिए अत्यंत उपयोगी हैं .इसमे औरंगजेब के आलावा इस्लाम ,कुरान ,और मुसलमानों के बारे में जो लिखा गया है ,वह हमारी आँखें खोलने के लिए काफी हैं .इसी लिए ज़फरनामा को धार्मिक ग्रन्थ के रूप में स्वीकार करते हुए दशम ग्रन्थ में शामिल किया गया है .
जफरनामा से विषयानुसार कुछ अंश प्रस्तुत किये जा रहे हैं .ताकि लोगों को इस्लाम की हकीकत पता चल सके -
1 -शस्त्रधारी ईश्वर की वंदना
बनामे खुदावंद तेगो तबर ,खुदावंद तीरों सिनानो सिपर .
खुदावंद मर्दाने जंग आजमा ,ख़ुदावंदे अस्पाने पा दर हवा .2 -3
उस ईश्वर की वंदना करता हूँ ,जो तलवार ,छुरा ,बाण ,बरछा और ढाल का स्वामी है.और जो युद्ध में प्रवीण वीर पुरुषों का स्वामी है .जिनके पास पवन वेग से दौड़नेवाले घोड़े हैं .
2 -औरंगजेब के कुकर्म
तो खाके पिदर रा बकिरादारे जिश्त,खूने बिरादर बिदादी सिरिश्त.
वजा खानए खाम करदी बिना ,बराए दरे दौलते खेश रा .
तूने अपने बाप की मिट्टी को अपने भाइयों के खून से गूँधा,और उस खून से सनी मिटटी से अपने राज्य की नींव रखी.और अपना आलीशान महल तैयार किया .
3 -अल्लाह के नाम पर छल
न दीगर गिरायम बनामे खुदात ,कि दीदम खुदाओ व् कलामे खुदात .
ब सौगंदे तो एतबारे न मांद,मिरा जुज ब शमशीर कारे न मांद .
तेरे खुदा के नाम पर मैं धोखा नहीं खाऊंगा ,क्योंकि तेरा खुदा और उसका कलाम झूठे हैं .मुझे उनपर यकीन नहीं है .इसलिए सिवा तलवार के प्रयोग से कोई उपाय नहीं रहा .
4 -छोटे बच्चों की हत्या
चि शुद शिगाले ब मकरो रिया ,हमीं कुश्त दो बच्चये शेर रा .
चिहा शुद कि चूँ बच्च गां कुश्त चार ,कि बाकी बिमादंद पेचीदा मार .
यदि सियार शेर के बच्चों को अकेला पाकर धोखे से मार डाले तो क्या हुआ .अभी बदला लेने वाला उसका पिता कुंडली मारे विषधर की तरह बाकी है .जो तुझ से पूरा बदला चुका लेगा .
5 -मुसलमानों पर विश्वास नहीं
मरा एतबारे बरीं हल्फ नेस्त,कि एजद गवाहस्तो यजदां यकेस्त.
न कतरा मरा एतबारे बरूस्त ,कि बख्शी ओ दीवां हम कज्ब गोस्त .
कसे कोले कुरआं कुनद ऐतबार ,हमा रोजे आखिर शवद खारो जार .
अगर सद ब कुरआं बिखुर्दी कसम ,मारा एतबारे न यक जर्रे दम .
मुझे इस बात पर यकीन नहीं कि तेरा खुदा एक है .तेरी किताब (कुरान )और उसका लाने वाला सभी झूठे हैं .जो भी कुरान पर विश्वास करेगा ,वह आखिर में दुखी और अपमानित होगा .अगर कोई कुरान कि सौ बार भी कसम खाए ,तो उसपर यकीन नहीं करना चाहिए .
6 -दुष्टों का अंजाम
कुजा शाह इस्कंदर ओ शेरशाह ,कि यक हम न मांदस्त जिन्दा बजाह .
कुजा शाह तैमूर ओ बाबर कुजास्त ,हुमायूं कुजस्त शाह अकबर कुजास्त .
सिकंदर कहाँ है ,और शेरशाह कहाँ है ,सब जिन्दा नहीं रहे .कोई भी अमर नहीं हैं ,तैमूर ,बाबर ,हुमायूँ और अकबर कहाँ गए .सब का एकसा अंजाम हुआ .
7 -गुरूजी की प्रतिज्ञा
कि हरगिज अजां चार दीवार शूम ,निशानी न मानद बरीं पाक बूम .
चूं शेरे जियां जिन्दा मानद हमें ,जी तो इन्ताकामे सीतानद हमें .
चूँ कार अज हमां हीलते दर गुजश्त ,हलालस्त बुर्दन ब शमशीर दस्त .
हम तेरे शासन की दीवारों की नींव इस पवित्र देश से उखाड़ देंगे .मेरे शेर जबतक जिन्दा रहेंगे ,बदला लेते रहेंगे .जब हरेक उपाय निष्फल हो जाएँ तो हाथों में तलवार उठाना ही धर्म है .
8 -ईश्वर सत्य के साथ है .
इके यार बाशद चि दुश्मन कुनद ,अगर दुश्मनी रा बसद तन कुनद .
उदू दुश्मनी गर हजार आवरद ,न यक मूए ऊरा न जरा आवरद .
यदि ईश्वर मित्र हो ,तो दुश्मन क्या क़र सकेगा ,चाहे वह सौ शरीर धारण क़र ले .यदि हजारों शत्रु हों ,तो भी वह बल बांका नहीं क़र सकते है .सदा ही धर्म की विजय होती है.
गुरु गोविन्द सिंह ने अपनी इसी प्रकार की ओजस्वी वाणियों से लोगों को इतना निर्भय और महान योद्धा बना दिया कि अज भी मुसलमान सिखों से उलझाने से कतराते हैं .वह जानते हैं कि सिख अपना बदला लिए बिना नहीं रह सकते .इसलिए उनसे दूर ही रहो .पंजाबी कवि भाई ईसर सिंह ईसर ने खालसा के बारे में लिखा है -
'नहला उत्ते दहला मार बदला चुका देंदा ,रखदा न किसीदा उधार तेरा खालसा ,
रखदा कुनैन दियां गोलियां वी उन्हां लयी,चाह्ड़े जिन्नू तीजेदा बुखार तेरा खालसा .
पूरा पूरा बकरा रगड़ जांदा पलो पल ,मारदा न इक भी डकार तेरा खालसा .'
इसी तरह एक जगह कृपाण की प्रसंशा में लिखा है -
"हुन्दी रही किरपान दी पूजा तेरे दरबार विच ,तूं आप ही विकिया होसियाँ सी प्रेम दे बाजार विच .
गुजरी तेरी सारी उमर तलवार दे व्योपार विच ,तूं आपही पैदा होईऊं तलवार दी टुनकार विच .
तूं मस्त है ,बेख़ौफ़ है इक नाम दी मस्ती दे नाल ,सिक्खां दी हस्ती कायम है तलवार दी हस्ती दे नाल .
लक्खां जवानियाँ वार के फिर इह जवानी लाई है ,जौहर दिखाके तेग दे ,तेगे नूरानी लाई है .
तलवार जे वाही असां पत्त्थर चों पानी काढिया,इक इक ने सौ सौ वीरां नूं वांग गाजर वाड्धीया."
इस लेख का एकमात्र उद्देश्य है कि आप लोग गुरु गोविन्द साहिब कि वाणी को आदर पूर्वक पढ़ें ,और श्री गुरु तेगबहादुर और गुरु गोविन्द सिंह जी के बच्चों के महान बलिदानों को हमेशा स्मरण रखें .और उनको अपना आदर्श मनाकर देश धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध हो जाएँ .वर्ना यह सेकुलर और मुस्लिम जिहादी एक दी हिन्दुओं को विलुप्त प्राणी बनाकर मानेंगे .
सकल जगत में खालसा पंथ गाजे ,बढे धर्म हिन्दू सकल भंड भागे .











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Wickileaks: US Ambassador monitored Dalit tensions secretly

Wickileaks: US Ambassador monitored Dalit tensions secretly: "from Thukaram G. date Sat, Mar 26, 2011 at 4:03 AMsubject [breakingindia] Wickileaks: US Ambassador monitored Dalit tensions secretlyPlease note that this is "This record is a partial extract of the original cable. The full text of the original cable is not available. 221344Z Jun 05" I am not sure about the actual meaning of this sentence. Does this mean Hindu edited this or this is what"

Article 370 and the plight of Kashmiri Hindus