Sunday, April 3, 2011

धर्मप्रदूषण:विधर्मी षडयंत्र

धर्मप्रदूषण:विधर्मी षडयंत्र: "

भारत में जितने भी विदेशी विधर्मी हमलावर आये ,वह सब भारत की सम्पदा को लूटने ,और भारत पर हुकूमत करने के लिए आये थे .वह जानते थे कि यदि भारत पर निर्विघ्न रूप से हुकूमत करना है तो ,भारत में ही अपने समर्थकों की जरूरत पड़ेगी .वह यह भी जानते थे कि यदि भारतीय समाज और संसकृति को मिटाकर अपने समर्थको की संख्या बढ़ाना हो ,तो भारत के प्राण उसके इतिहास ,साहित्य और धर्मग्रंथों को नष्ट और भ्रष्ट करना भी जरूरी है .जोकि भारतीय समाज के मुख्य आधार हैं.धर्म के विना भारतीय ,कला ,संगीत ,काव्य ,साहित्य ,चित्रकला ,मूर्तिकला आदि सब निष्प्राण हो जायेंगे .इसीलिए मुसलमान हमलावरों ने पाहिले तो चुन चुन कर प्रसिद्ध विद्यालयों ,पाठशालाओं ,ग्रंथागारों को जलवा दिया .फिर जो बच गए उन ग्रन्थों के उलटे सुलटे अर्थ करवाकर हिन्दुओं को गुमराह करने की चाल चली .और हिन्दू ग्रंथो में इस्लामी तालीम घुसाने का षडयंत्र किया .जैसे अकबर ने अल्लोपनिषद नामकी उपनिषद् बनवाई थी .इसी तरह ईसाई मिशनरी ने एजोर्वेदम नामक नकली वेद बना दिया था जिसके बारे में लिखा जा चूका है .
मुसलमान और ईसाइयों के वेदों ,और अन्य धर्म ग्रंथों के जो अनर्थ किये ,उसकी पोल महर्षि दयानंद ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "ऋग्वेदभाष्य भूमिका"में खोल दी है . लेकिन हिन्दू धर्म ग्रंथों को प्रदूषित करने का षडयंत्र अंगरेजों के समय में भी चलता रहा .आज यह दायित्व सेकुलर सरकार और सेकुलर नेता निबाह रहे हैं .
यहाँ पर थोडेसे उदहारण दिए जा रहे हैं -

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इस से यह भी साबित होता है कि विधर्मियों ने हिन्दू धर्म ग्रंथों को प्रदूषित किया था .चाहे अर्थ का अनर्थ किया हो ,चाहे ग्रंथों में नए नए श्लोक जोड़ दिए हों
आज भी मुस्लिम मुल्ले और ,ब्लोगर हिन्दू ग्रंथों में मुहम्मद को अवतार साबित करने की कोशिश करते रहते हैं .जैसे जकारिया नायक .इस समय हिन्दी में करीब 200 ब्लॉग है ,जो हिन्दू ग्रथो को प्रदूषित कर रहे हैं .हमें इन से सावधान रहने की जरुरत है.और सभी हिन्दुओं को चाहिए किवह प्रमाणिक हिन्दू ग्रथो का अर्थ सहित गहन अध्यन करते रहें .और विधर्मियों के जाल में नहीं आयें .और न कभी मुहम्मद को अवतार ही मानें
भगवान परशुराम ने कहा है -
'अग्रश्च चतुर्वेदः पृष्ठशचः सशरा धनु .इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शास्त्रादपी शरादपि .'
मेरे सामने चारों वेद हैं ,और पीठ पर परशु और धनुष वाण है .मैं शत्रु का सामना ब्राह्मण बन कर शास्त्र से ,और क्षत्रिय बनकर अस्त्र शस्त्रसे करूँगा

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