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- While Pakistan is estimated to possess 70-90 nuclear weapons, India is believed to have 60-80, claims Robert S Norris and Hans M Kristensen in their latest article 'Nuclear Notebook: Worldwide deployments of nuclear weapons, 2009'.
- "Pakistan's nuclear weapons are not believed to be fully operational under normal circumstances, India is thought to store its nuclear warheads and bombs in central storage locations rather than on bases with operational forces. But, since all three countries are expanding their arsenals, new bases and storage sites probably are under construction," the two nuclear experts said.
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Wednesday, November 18, 2009
Pak has more nuclear weapons than India: Report: Rediff.com India News
Priceless Indian necklace returns home: Rediff.com News
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- Angelica Jopson in London
- A 19th century necklace belonging to the wife of the great Sikh ruler, Ranjit Singh, will finally return to Punjab.
The emerald and seed pearl necklace from the Lahore treasury, reputedly worn by Maharani Jindan Kaur was, bought for around $88,000 (a little over Rs 4.1 million) at a London auction recently.
The buyer, Peter Verdi, is adamant that it must return home to India.
"I am relieved that the necklace is back in a Sikh family," he said.
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कैदियों के हृदय परिवर्तन के लिए गो माता का सहारा! - Oneindia Hindi
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- बरेली सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बी.आर.वर्मा ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, "वेदों और पुराणों में गाय के मातृरूप का उल्लेख मिलता है और गाय को मां का दर्जा दिया गया है। यहीं से हमें ऐसा करने का विचार आया।"
- इस खास प्रयोग को लागू करने के लिए जेल प्रशासन द्वारा हाल ही में पंजाब से 2 लाख रुपये मूल्य की 9 गायें खरीदकर लाई गईं हैं।
- वर्मा ने कहा कि जैसा कि कैदियों की संख्या गायों से कहीं अधिक है। इसिलए गोसेवा को सुचारू रूप से लागू करने के हमने कैदियों के अलग-अलग समूह बनाएं हैं, जो बारी-बारी से गोसेवा कर सकेंगे। ज्यादातर कैदियों ने स्वेच्छा से गोसेवा की इच्छा जाहिर की है।
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राजनाथ जाएंगे लेकिन क्या गडकरी आएंगे?-नैशनल-भारत-Navbharat Times
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- अभिषेक मेहरोत्रा
- भगवा बिग्रेड से मिल रही जानकारी के अनुसार अभी भी भगवा परिवार नितिन गडकरी के प्रेजिडंट बनने को पूरी तरह पचा नहीं पा रहा है और ऐसे में बीजेपी के चार धुरंधर हर तरह से नितिन गडकरी को मात देना चाहते हैं। इस वक्त अगर नितिन गडकरी को कोई मात दे सकता है तो वह हैं हिंदु ह्दय सम्राट के तौर पर जाने वाले गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी।
भगवा बिग्रेड में अहम स्थान रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने इशारों ही इशारों में बताया है कि बीजेपी के चार बड़े धुरंधर आजकल नरेन्द्र मोदी को मनाने में जुटे हुए हैं। यह नेतागण जानते हैं कि मोदी की दमदार शख्सियत के दम पर नितिन गडकरी को आसानी से मात दी जा सकती है। क्योंकि जो गडकरी का सबसे कमजोर पक्ष है, वही मोदी का सबसे मजबूत पक्ष यानी खुद के राज्य में चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन। नितिन गडकरी के कार्यकाल में बीजेपी जहां महाराष्ट्र में लगातार विफलता का घूंट पी रही है, वहीं मोदी का गुजरात बीजेपी की सफलता का एकमात्र उदाहरण है।
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गुजरात के मुस्लिम साक्षरता में अव्वल
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गुजरात के मुस्लिम साक्षरता में अव्वल
- सामान्यत: मुस्लिम वर्ग को अल्प शिक्षित माना जाता है लेकिन जमीनी सच्चई इससे अलग है। गुजरात में साक्षरता के मामले में इस अल्पसंख्यक समाज ने बहुसंख्यक समाज को पीछे छोड़ दिया है। इतना ही नहीं तीन वर्ष की अवधि में मुस्लिम समाज ने शिक्षा प्रसार में करीब 14 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है, जो हिंदू समाज के प्रसार से दो गुने से भी अधिक है। भारत सरकार के संशोधित आंकड़े भी दर्शा चुके हैं कि मुस्लिम समाज शिक्षा को लेकर जागृत हो रहा है।
- इनमें भी आगे अल्पसंख्यक: जनसंख्या नियंत्रण के ताजा आंकड़ों के अनुसार गुजरात ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा एवं तमिलनाडु के मुस्लिमों में साक्षरता दर ऊंची पाई गई है।
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Mourning Norman
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It does not stop at 49.5 percent
- Father and daughter on discovery of Coca Cola trip, Disneyland, USA
- September 12, 2009: A 95 years old man from Texas, USA passed away. His name was Norman Borlaug.
On October 31, India observed the 25th anniversary of Indira Gandhi's death. It triggered major coverage in the media.
On Novermber 14, India celebrated Children's day - this time it was the 120th birth anniversary of Jawaharlal Nehru. Little children were ritually paraded to the Prime Minister's residence. - It took India until 2006 to finally confer the Padma Vibhushan on him, he was awarded the title abroad.
So, who was this Norman Borlaug and why didn't we hear much about him before? - To put it simply, Norman Borlaug's infinite genius caused so much increase in crop yield that Nehru's socialism simply could not kill us fast enough. We are alive today because of Norman Borlaug. But for him, the famines during the Nehru era would be far more persistent and far more wide even today. India could not produce enough food for the population levels at Nehru's time. Readers of this blog can certainly find out more about this amazing man, but we are tempted to offer this quote from the Wiki page:
The Indian and Pakistani bureaucracies and the region's cultural opposition to new agricultural techniques initially prevented Borlaug from fulfilling his desire to immediately plant the new wheat strains there. By the summer of 1965, the famine became so acute that the governments stepped in and allowed his projects to go forward.
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सृजन: हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन, हिन्दुओं के पैसे से .....
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- थोडा खोज-बिन करने से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि 'वर्ल्ड वीजन' एक क्रिश्चियन मिसनरी है जो जोर शोर से धर्म परिवर्तन कराती रही है | तहलका पत्राकार वी.के.शशिकुमार ने 'वर्ल्ड वीजन' की करतूतों का वृस्तित रिपोर्ट "Preparing for the Harvest" (लिंक : http://www.tehelka.com/story_
main.asp?filename= ts013004shashi.asp&id=1 ) लिखा | हालाँकि ये रिपोर्ट IBNLive (CNN-IBN) के लिए लिखा गया था पर आज-तक ये रिपोर्ट IBNLive पे प्रकाशित नहीं हुई | प्रकाशित होगी कैसे जब CNN-IBN में अमेरिकी चर्च "Southern Baptist Church" का भारी पैसा लगा हो ! सेकुलरों के प्रिय राजदीप सरदेसाई भी 'वर्ल्ड वीजन' को नियमित पैसा देते हैं | - 'वर्ल्ड वीजन' के भारतीय प्रकाशनों या वेबसाइट पे धर्म परिवर्तन वाली बात को छुपा दिया जाता है पर विदेशी प्रकाशनों मैं भारत मैं इनके द्वारा किये जा रहे धर्म परिवर्तन कि प्रशंशा कि जाती है |
- चूँकि वर्ल्ड वीजन लगभग हर अखबार, वेब साईट, पत्रिका, चेनल को विज्ञापन देते हैं इसलिए कोई इसके खिलाफ मुह नहीं खोलता | ऐसी स्थिति मैं हमें इन मिसनारियों कि काली करतूतों का पता कैसे चले? मुझे तो एक ही एक ही उपाय दिखता है और वो है ब्लॉग और इन्टरनेट का |
- ब्लोगरों से ये अनुरोध है कि विभिन्न मिसनरी की करतूतों का भंडा फोड़ कीजिये|
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"दया" के महासागर, "मानवता" के मसीहा, सुपर सेकुलर - एम. करुणानिधि (भाग-1) Karunanidhi, Secularism, Human Rights, Terrorism (भाग-1)
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महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar):
- आप सोच रहे होंगे कि इस बात का आज के प्रगतिवादी जमाने और लोकतन्त्र के राज में इसका क्या सम्बन्ध है, लेकिन है। आज भी करुणानिधि जैसे दया के सागर और मानवता के मसीहा कुछ ऐसा ही करते हैं। इनकी "मानवता" और दयालुता के किस्से वैसे तो अपार हैं लेकिन फ़िर भी वीरप्पन और प्रभाकरण को लेकर इनकी मानवता यदा-कदा टपक-टपक जाया करती थी। इन्होंने एक बार बयान दिया था कि "तमिल और तमिलों के हितों की रक्षा के लिये जो भी व्यक्ति काम करेगा मैं उसका खुले दिल से समर्थन करता हूं और इसीलिये श्रीलंका के टाइगर्स को उग्रवादी नहीं कह सकता…"। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में तमिलों के हितों की रक्षा में ये इतने आगे बढ़ गये थे कि वीरप्पन और प्रभाकरण को अपराधी मानने में भी इन्हें हिचक होती थी। बहरहाल, इसी करुणा और मानवता को आगे बढ़ाते हुए करुणानिधि ने अपनी दया का कटोरा इस्लामिक उग्रवादियों पर भी ढोल दिया है ताकि वे उपेक्षित महसूस न करें।
करुणानिधि की दया का यह महासागर अक्सर उनके कथित गुरु अन्नादुरै की पुण्यतिथि के दिन हिलोरें मारने लगता है, स्वर्गीय अन्नादुरै के जन्मदिन (15 सितम्बर) पर करुणानिधि की मानवता के सागर में ज्वार उठता है, और वे इस महान भारत के लोकतन्त्र, अदालतों, कानूनों को एक उम्दा लात जमाते हुए पुराने जमाने के बादशाहों की स्टाइल में तमिलनाडु की जेलों में बन्द कैदियों को छोड़ते चले जाते हैं (इस लोकतन्त्र ने ही उन्हें ऐसी बादशाहों वाली शक्ति दी है, ठीक वैसे ही जैसे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौत की सजा के बावजूद राष्ट्रपति नामक "रबर स्टाम्प" जिसे चाहे जीवित रख सकता है, जिसे चाहे मार सकता है, कानून-वानून की बात करना बेकार है…)।
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