Sunday, September 6, 2009

काशी में पितरों का ऑनलाइन तर्पण

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    • काशी के पंडितों ने ऑनलाइन तर्पण व पिंडदान की सेवा उपलब्ध कराई है। इससे विदेश में रह रहे भारतीय भी शनिवार से शुरू हो रहे पितृपक्ष के दौरान काशी आए बिना पुरोहितों को ई-मेल कर पितरों के श्राद्ध करा सकेंगे।
    • काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी श्रीकांत मिश्र के मुताबिक, स्वयं तर्पण करना अत्यंत उत्तम होता है। पुरोहित से कराना भी उचित है, लेकिन इसे मध्यम श्रेणी का माना जाता है। दूसरी ओर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग के डॉ. विनय पांडेय का कहना है कि तर्पण का पहला हक वंशज को है। इसके बाद कुल पुरोहित और यजमान का स्थान आता है।

आमिर बनेंगे सुपर हीरो हनुमान!

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    • फिल्म निर्माता उरू पटेल एक फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसमें आमिर खान हनुमान के रूप में नजर आएंगे। फिल्म में आमिर खान हनुमान के रूप में तो नजर आएंगे लेकिन वे हनुमान का जो वानर रूप प्रचलित है उसमें नजर नहीं आएंगे।



      वे इसमें एक सुपरहीरो का रोल निभाते नजर आएंगे। इस फिल्म में आमिर ऊंचे-ऊंचे पर्वतों को लांघते व मॉडर्न राम को आज की दुनिया के रावण से बचाते नजर आएंगे। फिल्म में हॉलीवुड स्टार कीनू रीव्स व गैरी ओल्डमैन राम व रावण के किरदार निभाएंगे।

अब देवी के रूप में मायावती









    • उत्तरप्रदेश की राजधानी स्थित ललित कला अकादमी में लगी प्रदर्शनी में चित्रकार महेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री मायावती की हिंदू देवी की तर्ज पर पेंटिंग प्रदर्शित की हैं। दलित देवी श्रंखला के तहत ऐसी आधा दर्जन पेंटिंग पेश की गई हैं।


    • राजनीतिक गलियारों में इस प्रदर्शनी को बसपा सुप्रीमो के महिमामंडन के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि मायावती ने हाल में लखनऊ में अपनी आधा दर्जन से अधिक प्रतिमाएं लगवाई है, जिनमें एक चौमुखी प्रतिमा भी है।



      ‘मुख्यमंत्री की पेंटिंग बनाए जाने को कलाकार की कल्पनाशीलता से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। यह किसी हिंदू देवी की वेशभूषा को किसी राजनेता के साथ जोड़ देना भर है। इसके केवल राजनीतिक मायने हैं।’



      हृदयनारायण दीक्षित, वरिष्ठ भाजपा नेता



      दलितों के लिए मायावती द्वारा किए गए काम से प्रेरणा लेकर मैंने ये पेंटिंग बनाई हैं।’



      महेश त्रिपाठी, चित्रकार

बेटियां बचाएगा ‘आठवां फेरा’

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    • राकेश गौतम
    • सोनीपत
    • देश में हिंदू रीति-रिवाज से हो रही शादियों में सात फेरों की परंपरा है, लेकिन हरियाणा में कोख में कत्ल हो रही बेटियों पर लगाम लगाने के लिए ‘आठवें फेरे’ की अनूठी परंपरा शुरू हुई है, जिसमें दांपत्य जीवन में प्रवेश करने वाले नवदंपती इस फेरे के साथ कसम खाते हैं कि वे कन्या भ्रूण हत्या नहीं करेंगे। दो साल पहले शुरू हुए अभियान में अब तक 200 दंपती ‘आठवां फेरा’ ले चुके हैं। सरकार ने अन्य जिलों को भी अभियान से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है।