Sunday, September 6, 2009

काशी में पितरों का ऑनलाइन तर्पण

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    • काशी के पंडितों ने ऑनलाइन तर्पण व पिंडदान की सेवा उपलब्ध कराई है। इससे विदेश में रह रहे भारतीय भी शनिवार से शुरू हो रहे पितृपक्ष के दौरान काशी आए बिना पुरोहितों को ई-मेल कर पितरों के श्राद्ध करा सकेंगे।
    • काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी श्रीकांत मिश्र के मुताबिक, स्वयं तर्पण करना अत्यंत उत्तम होता है। पुरोहित से कराना भी उचित है, लेकिन इसे मध्यम श्रेणी का माना जाता है। दूसरी ओर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग के डॉ. विनय पांडेय का कहना है कि तर्पण का पहला हक वंशज को है। इसके बाद कुल पुरोहित और यजमान का स्थान आता है।