Thursday, August 6, 2009

धर्मयुद्ध : यह धर्मनिर्पेक्ष बस्ती हैं यहाँ थूकना मना है

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    • क्या आप धर्मनिर्पेक्ष हैं क्या धर्मनिर्पेक्षता का पालन करतें हैं नही तब तो आप पर धिक्कार है।

      गुजरात के दंगा पीडित का सहायता करना धर्मनिर्पेक्षता है और काश्मीर से निकाले गये हिन्दुओं का मदद करना साम्प्रदायिकता है।

      लक्ष्मणानन्द सरस्वती का हत्या साम्प्रदायिकता का खात्मा, ग्राहम स्टेन्स का हत्या धर्मनिर्पेक्षता का हत्या।
    • भाजपा साम्प्रदायिक और मुस्लिम लीग धर्मनिर्पेक्ष है
    • शिवाजी, लक्ष्मीवाई, गुरुनानक देव, बन्दा बैरागी, महाराणा प्रताप साम्प्रदायिक हैं 5000 औरतों से शादि करने बाला महान अकबर धर्मनिर्पेक्ष, 40,000 हजार हिन्दुओं को एक दिन में मौत के घाट उतारने बाला चंगेज खाँ धर्मनिर्पेक्ष, औंरगजेब धर्मनिर्पेक्ष, बाबर धर्मनिर्पेक्ष

धर्मयुद्ध : सोचिये क्या होगा हिन्दुस्तान का

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    • याद किजीये कुछ दिन पहले तस्विर और हमारे समाचार मिडीया के द्वारा दिखाया जाने बाल वो हिन्दु आंतकवादी का समाचार जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह के साथ में हिन्दुस्तान के लगभग सभी साधु-संतों को ये मिडीया बाले हिन्दु आंतकवादी बता कर चौबीसों घंटा अपने समाचार के माध्यम से कोसते थे हर हिन्दु को आंतकवादी के अवधारणा में खडा़ कर दिया गया था लेकिन आज जब साध्वी प्रज्ञा पर से मकोका हटा एक भी समाचार चैनल बालों ने 1 मिनट का भी कोई कवरेज नही दिखाया।

धर्मयुद्ध : हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय

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    • रचना श्री अटल बिहारी जी कि है
    • मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार
      डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं जिसमे नचता भीषण संहार
      रणचंडी की अतृप्त प्यास मै दुर्गा का उन्मत्त हास
      मै यम की प्रलयंकर पुकार जलते मरघट का धुँवाधार
      फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मै
      यदि धधक उठे जल थल अंबर जड चेतन तो कैसा विस्मय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिये आया भूपर
      पय पीकर सब मरते आए मै अमर हुवा लो विष पीकर
      अधरोंकी प्यास बुझाई है मैने पीकर वह आग प्रखर
      हो जाती दुनिया भस्मसात जिसको पल भर मे ही छूकर
      भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन
      मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया न इसमे कुछ संशय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      मै अखिल विश्व का गुरु महान देता विद्या का अमर दान
      मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग मैने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान
      मेरे वेदों का ज्ञान अमर मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
      मानव के मन का अंधकार क्या कभी सामने सकठका सेहर
      मेरा स्वर्णभ मे गेहर गेहेर सागर के जल मे चेहेर चेहेर
      इस कोने से उस कोने तक कर सकता जगती सौरभ मै
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      मै तेजःपुन्ज तम लीन जगत मे फैलाया मैने प्रकाश
      जगती का रच करके विनाश कब चाहा है निज का विकास
      शरणागत की रक्षा की है मैने अपना जीवन देकर
      विश्वास नही यदि आता तो साक्षी है इतिहास अमर
      यदि आज देहलि के खण्डहर सदियोंकी निद्रा से जगकर
      गुंजार उठे उनके स्वर से हिन्दु की जय तो क्या विस्मय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥
    • दुनिया के वीराने पथ पर जब जब नर ने खाई ठोकर
      दो आँसू शेष बचा पाया जब जब मानव सब कुछ खोकर
      मै आया तभि द्रवित होकर मै आया ज्ञान दीप लेकर
      भूला भटका मानव पथ पर चल निकला सोते से जगकर
      पथ के आवर्तोंसे थककर जो बैठ गया आधे पथ पर
      उस नर को राह दिखाना ही मेरा सदैव का दृढनिश्चय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      मैने छाती का लहु पिला पाले विदेश के सुजित लाल
      मुझको मानव मे भेद नही मेरा अन्तःस्थल वर विशाल
      जग से ठुकराए लोगोंको लो मेरे घर का खुला द्वार
      अपना सब कुछ हूं लुटा चुका पर अक्षय है धनागार
      मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयोंका वह राज मुकुट
      यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरिट तो क्या विस्मय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      मै वीरपुत्र मेरि जननी के जगती मे जौहर अपार
      अकबर के पुत्रोंसे पूछो क्या याद उन्हे मीना बझार
      क्या याद उन्हे चित्तोड दुर्ग मे जलनेवाली आग प्रखर
      जब हाय सहस्त्रो माताए तिल तिल कर जल कर हो गई अमर
      वह बुझनेवाली आग नही रग रग मे उसे समाए हूं
      यदि कभि अचानक फूट पडे विप्लव लेकर तो क्या विस्मय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

      होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
      मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
      गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
      कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
      कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
      भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥


      मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज
      मेरा इसका संबन्ध अमर मै व्यक्ति और यह है समाज
      इससे मैने पाया तन मन इससे मैने पाया जीवन
      मेरा तो बस कर्तव्य यही कर दू सब कुछ इसके अर्पण
      मै तो समाज की थाति हूं मै तो समाज का हूं सेवक
      मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय
      हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥

दिल्ली से योगेश गुलाटी......!: क्या देश के नेताओं का सच से सामना कराना चाहिए?

* VivekaJyoti *: The bias in print and electronic media needs to be exposed

Furore in parliament over move for separate gurdwara committees :: Samay Live

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    • Both houses of parliament were adjourned Thursday following noisy protests from the Akali Dal and the Bharatiya Janata Party (BJP) over the Haryana government's decision to form a separate Sikh Gurdwara Prabandhak Committee (SGPC) to manage Sikh shrines in the state.
      MPs from the Akali Dal and the Bharatiya Janata Party (BJP) were on their feet in both houses against what they saw as the government's move to have separate SGPCs in each state. Currently, the SGPC in Amritsar is the supreme body controlling Sikh shrines and religious affairs.

No question of govt controlling church assets - Goa - City - NEWS - The Times of India

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    • PANAJI
    • "There is no question of government control on church and community properties," AICU official spokesman John Dayal said at a press conference in Panaji. Dayal said the AICU represents the Catholic laity in the country.
    • He said that the Christian situation is different from that of Hindu, Muslim and Sikh religions, which had been cited by speakers at the seminar. Dayal said that the Devasthanam boards cover only a few prominent places of Hindu worship and their properties, while leaders of the Muslim community had often complained on political and administrative interference from the government in the Wakf board. He also said that the Sikhs had rejected an Act proposed by the government and put forth its own reformed law.

Mangalorean.Com- Serving Mangaloreans Around The World!

Hinduism is the foundation of Civilization | Sikkim News – World Wide Press Release

Q+A: Mahabharata retold on Twitter | Entertainment | Bollywood | Reuters

Neither war nor peace

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    • R Jagannathan
    R Jagannathan
    • We have now compounded the mistake by claiming that our activities in Balochistan are "an open book". In its two decades of sponsoring terrorism, Pakistan has never once used the 'open book' argument to prove its hands were clean. It will never open its books to us and we will be stuck with the promise to do so in Balochistan.
    • The real issue is this: by talking about an open book, we are taking a moral position instead of being driven purely by the country's long-term interests. And this has been true for us since the time of Gandhi and Nehru. Manmohan Singh is only the latest leader in a long line of people to believe that somewhere, sometime, Pakistanis will want peace as much as we do.
    • They won't. There are several reasons why there won't be real peace in our time. One is a civilisational issue. The second is ideological. And the third has to do with geopolitics.

Two central varsities to come up in J&K: GoM

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    • “The state government has taken up with the Centre that there should be two central universities in J&K and they assured that two universities will be set up in the state — one in Jammu and the other in Kashmir,” political advisor to the chief minister, Divender Rana,told reporters here, adding the Group of Ministers had pleaded with Centre to open two universities in the state — one each in Srinagar and Jammu.

पक्षपातपूर्ण पंथनिरपेक्षता - Jagran - Yahoo! India - Opinion News

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    • वर्ष 2005 में हाजियों की संख्या 80786 थी और तब प्रति व्यक्ति 24844 रुपये हज सब्सिडी दी गई थी अर्थात करीब 200 करोड़ रुपये। मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आकड़ों से यह खुलासा हुआ कि प्रति वर्ष अकेले हज सब्सिडी में करीब सौ करोड़ की वृद्धि की गई है। वर्ष 2008 में हाजियों की संख्या 121695 है और प्रति व्यक्ति 60876 रुपये हज सब्सिडी दी गई। यह राशि करीब साढ़े सात सौ करोड़ रुपये है अर्थात पाच साल में चार गुना वृद्धि हुई है।
    • अन्य मतावलंबियों के संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में केवल कैलाश मानसरोवर यात्रा का उल्लेख है। मंत्रालय ने बताया है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए कुछ अतिरिक्त संचार-तंत्रीय व्यवस्थाओं को करने के लिए सरकार प्रति तीर्थयात्री 3250 रुपये का भुगतान कुमाऊं मंडल विकास निगम को करती है। यह छोटी सी राशि तीर्थयात्रियों का व्ययभार कम करने के लिए नहीं दी जाती। कानून एवं व्यवस्था कायम करना सरकार का दायित्व है और कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में यदि संचार व सुरक्षा पर कोई राशि खर्च की जाती है तो उसकी तुलना हज सब्सिडी से कैसे की जा सकती है?
    • यह भी स्वाभाविक प्रश्न है कि हज सब्सिडी क्या सरकार अपनी जेब से देती है? यह तो जनता से एकत्रित राजस्व से दी जाती है। इसलिए हज सब्सिडी को मैं हिंदुओं पर जजिया कर के समान ही मानता हूं।
    • [हज सब्सिडी को शासन के स्तर पर मजहबी भेदभाव का प्रमाण मान रहे हैं बलबीर पुंज]

रामजन्मभूमि पर राष्ट्रीय स्मारक बनाना चाहती हैं सोनिया - Jagran - Yahoo! India - News

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    • बहराइच
    • श्रीराम जन्मभूमि न्यास के उपाध्यक्ष रामविलास दास वेदान्ती ने आज यहां आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी श्रीराम जन्मभूमि पर राष्ट्रीय स्मारक बनाना चाहती है। वे चाहती हैं कि कुबेर टीला के पास बाबरी मस्जिद का निर्माण हो।
    • वेदांती गुल्लावीर मंदिर पर चल रहे रूद्राभिषेक में भाग लेने यहां आए हुए हैं। भाजपा नेता श्यामकरन टेकड़ीवाल के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल नहीं चाहता कि अयोध्या में राममंदिर बने। केवल संघ विहिप व हिन्दू जनता ही मंदिर का निर्माण चाहती है। भाजपा यदि चाहती तो जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो अयोध्या में राममंदिर बन जाता।

मैगसैसे विजेता संदीप पांडे पर मुक़दमा | सरोकार | Deutsche Welle | 03.08.2009

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    • मैगसैसे एवार्ड विजेता मशहूर पर्यावरणवादी और सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने शांति भंग करने और दो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के आरोप में मुक़दमा चलाने का आदेश दिया है.
    • ये मामला 2003 का है. राम जन्म भूमि पुलिस स्टेशन में इसे दर्ज कराया गया था. संदीप पांडे अपने सहयोगियों के साथ उस समय हिंदूवादी गुट विश्व हिंदू परिषद के कथित सांप्रदायिक कार्यक्रम के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे थे. 

सांप्रदायिक भेद का घर - Jagran - Yahoo! India - Opinion News

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    • आप इसे साप्रदायिकता कह सकते हैं, लेकिन यह सच है। वैसे भी मुंबई सहित ऐसे कई शहर हैं जहा साप्रदायिक विभाजन काफी तीखा है। इसलिए हम ऐसी घटनाओं के पीछे निहित साप्रदायिक सोच को बिल्कुल नकार भी नहीं सकते, किंतु यह मानना भी गलत होगा कि ऐसी सभी घटनाओं के पीछे साप्रदायिकता ही होती है। यह आम अनुभव की बात है कि प्राय: दोनों संप्रदाय के लोग स्वयं दूसरे संप्रदाय के बहुमत वाले अपार्टमेंट, आवास कालोनियों में बसने से बचते हैं।
    • कुछ समाजशास्त्री इसे जीवन शैली, संस्कृति एवं परंपराओं से जोड़ते हैं। आम हिंदू एवं आम मुसलमान की जीवन शैली में भेद बिल्कुल स्पष्ट है। केवल उपासना पद्धत्ति ही नहीं, दोनों समुदायों के रहन-सहन, खान-पान यहा तक कि बोलचाल में स्पष्ट अंतर दिखाई देता है।
    • यह बात ठीक है कि वैश्विक जिहादी आतंकवाद के सामने आने के बाद से समाज के मनोविज्ञान में परिवर्तन आया है। भवन निर्माता या आवास समितिया जोखिम लेने से बचती हैं। इसलिए वे कई प्रकार के बहाने बनातीं हैं या फिर चरित्र प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की माग करती हैं, किंतु आतंकवाद के सामने आने के पूर्व हालात भिन्न थे, ऐसा नहीं है।
    • इसे केवल आवास समितियो या भवन निर्माताओ तक सीमित नहींमाना जा सकता। आखिर ये सब हमारे समाज के ही तो अंग हैं और जैसी समाज की प्रवृत्ति वैसा इनका व्यवहार।

पीरुजुद्दीन का परिवार नहीं मानता मजहब की दीवारें - Jagran - Yahoo! India - News

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    • आगरा।
    • भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन ने मजहब की दीवारें भी गिरा दीं। शहर का एक मुस्लिम परिवार ऐसा भी है, जो सालों से रक्षा बंधन का त्यौहार वैसी ही शिद्दत और धूमधाम से मनाता है, जैसे ईद।

Shades Of Saffron: Shravan Purnima : Sanskrit Din

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    • यदा यदा ही धर्मस्य ग्लनिर्भवति

      अभ्युत्थानमधर्मस्य स्वात्मानं सृजाम्यहम।।

      परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम।

      धर्मसंस्थापनार्थाय, संभवामि युगे युगे ।।

    • ::..हिन्दी अर्थ

      जब - जब धर्म की ग्लानी होती है अधर्मका बल बाद जाता है , तब - तब साधूओन्के रक्षण , दुर्जनोंके विनाश धर्म की श्तापना के लिए मै युग-युग में प्रकट हुआ करता हु

       


      ::..English Meaning

       

      Whenever and whenever a decline of righteousness and predomonance of unrighteousness prevails, at that time I manifest myself personally, O descendants of Bharata.