Tuesday, May 12, 2009

Daily Posts, News, Views Compilation by a Common Hindu

दस रुपये के सिक्के पर “क्रूसेडर क्रॉस” – ईसाईयत की ओर बढ़ते कदम… New 10 Rs. coin and Evangelical Crusader’s Cross

केन्द्र सरकार द्वारा 10 रुपये का नया सिक्का जारी किया गया है, जो दो धातुओं से मिलकर बना है तथा जिस पर एक तरफ़ “ईसाई क्रूसेडर क्रॉस” का निशान बना हुआ है। हालांकि इस सिक्के पर सन् 2006 खुदा हुआ है, लेकिन हमें बताया गया है कि यह हाल ही में जारी किया गया है। इससे पहले भी सन् 2006 में ही 2 रुपये का जो सिक्का जारी किया गया था, उसमें भी यही “क्रॉस” का निशान बना हुआ था। “सेकुलरों के प्रातः स्मरणीय” नरेन्द्र मोदी ने उस समय गुजरात के चुनावों के दौरान इस सिक्के की खूब खिल्ली उड़ाई थी और बाकायदा लिखित में रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार का विरोध किया, तब वह सिक्का वापस लेने की घोषणा की गई। लेकिन सन् 2009 आते-आते फ़िर से नौकरशाही को फ़िर से वही बेशर्मी भरे “सेकुलर दस्त” लगे और दस रुपये का नया सिक्का जारी कर दिया गया, जिसमें वही क्रूसेडर क्रॉस खुदा हुआ है।



जरूरी है छद्म-सेक्युलरवादियों से बच कर रहना


- एम.एफ. हुसैन सेक्युलर है परन्तु तस्लीमा नसरीन साम्प्रदायिक है, तभी तो उसे पश्चिम बंगाल के सेक्युलर राज्य से बाहर निकाल दिया गया।
- इस्लाम का अपमान करने वाला डेनिश कार्टूनिस्ट तो साम्प्रदायिक है परन्तु हिन्दुत्व का अपमान करने वाले करूणानिधि को सेक्युलर माना जाता है।
- मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के बलिदान का उपहास उड़ाना सेक्युलरवादी होता है, हेमन्त करकरे के बलिदान पर प्रश्नचिह्न लगाने वाला सेक्युलवादी होता है, दिल्ली पुलिस की मंशा पर सवाल खड़ा करना सेक्युलरवादी होता है, परन्तु एटीएस के स्टाइल पर सवाल खड़ा करना साम्प्रदायिकता के घेरे में आता है।
- राष्ट्र-विरोधी 'सिमी' सेक्युलर है तो राष्ट्रवादी रा.स्व.सं साम्प्रदायिक है।
- एमआईएम, पीडीपी, एयूडीएफ और आईयूएमएल जैसी विशुध्द मजहब-आधारित पार्टियां सेक्युलर है, परन्तु भाजपा साम्प्रदायिक है।
- बांग्लादेशी आप्रवासियों, विशेष रूप से मुस्लिमों का और एयूडीएफ का समर्थन करना सेक्युलर है, परन्तु कश्मीरी पंडितों का समर्थन करना साम्प्रदायिक है।
- नंदीग्राम में 2000 एकड़ क्षेत्र में किसानों पर गोलियों की बरसात करना सेक्युलरिज्म है परन्तु अमरनाथ में 100 एकड़ की भूमि की मांग करना साम्प्रदायिक है।
- मजहबी धर्मांतरण सेक्युलर है तो उनका पुन: धर्मांतरण करना साम्प्रदायिक होता है।
- कामरेडों का नमाज में भाग लेना, हज जाना और चर्च जाना तो सेक्युलरिज्म है परन्तु हिन्दूओं का मंदिरों में जाना या पूजा में भाग लेना साम्प्रदायिक है।


हाथ मिलाकर अछूत हो गए नीतिश कुमार



अमिताभ बच्चन गंजे हैं!


खैर, अब बात अमिताभ की ब्लॉगिंग की....अमिताभ अपना ब्लॉग पढ़ने वाले पाठकों को अपना परिवार कहते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वो परिवार उपेक्षित है। अमिताभ अपनी छोटी-मोटी पोस्ट पर भी 500 से 1000 कमेन्ट्स पा लेते हैं....लेकिन अमिताभ ने उन कमेन्ट्स को इतना धुंधला कर रखा है कि कोई भी उन्हें आँखें गड़ाकर भी नहीं पढ़ सकता और फिर अमिताभ को तो खुद चश्मा लगा हुआ है। वे क्या पढ़ पाते होंगे जब हम ही नहीं पढ़ पा रहे हैं।


गठबंधन की राजनीति में एनडीए आगे निकला

आलोक तोमर डेटलाइन इंडिया नई दिल्ली, 12 मई- 16 मई बहुत दूर नहीं रह गई है। क्षेत्रीय दल अपनी ताकत पहचानने लग गए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों महागठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं और आज की तारीख में भाजपा यानी एनडीए बड़ा गठबंधन बना लेगी, इसके आसार नजर आ रहे हैं। साथ ही जरूरी बात यह भी [...]



अब एनडीए की राजनीति प्रतिभा पाटिल के लिए

सुप्रिया रॉय डेटलाइन इंडिया नई दिल्ली, 12 मई- भारतीय जनता पार्टी की पहली कोशिश यह है कि चुनाव के नतीजे आने के पहले ही वह एनडीए के तौर पर अपने आपको सबसे बड़ा गठबंधन सिद्व कर दे ताकि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सामने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाए। भाजपा [...]


क्यों न हमारे देश में भी अनिवार्य हो मतदान!


कार्टून : पप्पू ना बनने वाले भी गलतफहमी ना पालें



PM should stop behaving like vice-chancellor of university of secularism, says CM


Asked about the Congress’ flip-flop, praising him first and then questioning his secularism, Kumar said, “I expect neither praise nor do I care about criticism. The Congress-led Union Government has done injustice to Bihar (in Kosi relief assistance). I did not expect this from Manmohan Singh.”


At the same time, JD(U) national spokesman Shivanand Tewari reminded Manmohan Singh and Lalu Prasad of 1984 anti-Sikh riots and Bhagalpur communal mayhem and said they had no business to question Nitish Kumar’s commitment to secularism.“Leaders of parties who presided over brutal killings of minorities have no moral right to question the Bihar CM’s secular credentials when his Government has done utmost for the protection and welfare of the minority community,” he said.Incidentally, while attacking Nitish for shaking hands with Modi, the Prime Minister, who has time and again revived the ghost of Gujarat riots, wanted the nation to forget the anti-Sikh mayhem. “The riots (of 1984) were painful, but cannot be kept alive for ever,” he said.


Returning to the substantive issue of the Prime Minister’s criticism on Bihar not spending the money provided by the Centre for flood relief, Nitish had attacked Manmohan Singh and accused him of misrepresenting the facts.


"As per the recommendation of the 11th Finance Commission, the entire money in the Calamity Relief Fund is merged into the Consolidated Fund at the end of each fiscal, thereby rendering the balance nil, whereas the Centre's top disaster management department officer says since Bihar Government had an opening balance of Rs 905.24 crore as on 01/04/08, it could not retain the money as relief and would have to refund it," Kumar said.


"But in our case, it has been the reverse. Instead of expeditiously granting our request for Rs 14,800 crore for rehabilitation of Kosi victims, it wants us to give back whatever little that came our way," Kumar said



US CONGRESS CONTINUES TO BACK THE TIBETAN CAUSE

B.RAMAN

The Barack Obama administration’s policy of playing down the issue of the alleged violation of the human rights of the Tibetans in China has not had any impact on the US Congress. The Tibetan cause continues to receive the same support from both Houses of the Congress, despite their being dominated by the Democratic Party, as it was receiving during the administration of George Bush. This continuing Congressional support for the Tibetan cause on the same scale as during the previous administration is reflected in the budgetary allocations for the fiscal year 2009 and in the access enjoyed by various Tibetan non-governmental organizations to leading members of the two Houses, belonging to both the Democratic and the Republican Parties.



This Happens after they’re Converted

….if Catholic Church spends more money for the development and enlistment rather than on preaching then the condition of Dalit Christians, who are wounded sheep of this fold, will improve their condition and they will have better opportunity in their lives.

A fact well-known but not widely reported is how Dalit Christians are not allowed to pray in the same Church that the more privileged ones attend.

Next to government, the churches are the biggest land owners in India.

What the missionaries don’t tell them on the anvil of conversion is that the Vatican was merely recruiting a band of the Faithful that would obey its call for the oncoming battle with Islam. As an aside, the Church also encourages Dalit Christians to retain their Hindu names in government registers to ensure an uninterrupted supply of reservation freebies. Guess who benefits from these freebies?


mythic society honors dr kalyan