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आँखें खोलो हिंदुओं: बाबा भक्तः मूर्ख या स्वार्थी या दोनों?
- तथाकथित भगवान साँई बाबा के भक्त दो तबकों में बँटे हुए हैं।
- पहला तबका वह है जिसने साँईं की मार्केटिंग की उसको बेचा और शिरडी को विश्व प्रसिद्ध कर दिया।
- अब बात करते हैं दूसरे साँईँराम भक्त वर्ग की। यह वर्ग उन भक्तों का है जो निहायत ही भोले किस्म के हैं। ये लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भी बाबे को भगवान कहने से नहीं हिचकते,
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