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- कर्म ही पूजा है, के सिंद्धात का प्रतिपादन करने वाले भगवान विश्वकर्मा की कल जयंती है. उनकी जयंती देश के औद्योगिक, तकनीकी तथा वैज्ञानिक विकास के रूप में मनायी जाती है. इस पर्व का उद्देश्य भगवान विश्वकर्मा द्वारा मानव जाति के लिये किये गये उपकारों का स्मरण करके उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित करना है.
- भगवान विश्वकर्मा की पत्नी ब्रम्हवादिनी के गर्भ से मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी तथा देवज्ञ नामक पांच पुत्र हुये जो क्रमश: लोहा, लकड़ी, तांबा, पीतल, पत्थर और सोने-चांदी का कार्य करते थे. पंचकला में निपुण विश्वकर्मा की संतानोें को पांचाल ब्राह्मण के रूप में जाना जाता है. वेदों के अनुसार सतयुग में स्वर्गलोक का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था. जहां देवों के राजा इंद्र का शासन हुआ करता था.
- त्रेतायुग में रामायणकाल में सोने की लंका का जिक्र है, जिसके बारे में किवदंती है कि भगवान शिव ने पार्वती से विवाह करने के उपरांत भगवान विश्वकर्मा से एक भवन बनाने का आग्रह किया. उन्होंने बड़े जतन से सोने की लंका का निर्माण किया.
- पुराणों के अनुसार विश्वकर्मा ने द्वापर युग में भगवान कृष्ण की सुरम्य द्वारकापुरी का निर्माण किया था, जिसे कृष्ण ने अपनी राजधानी बनाया और लंबे समय तक यहां राज किया.
- कौरवों और पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर का निर्माण विश्वकर्मा ने ही किया था.
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विष्णु को चक्र, शिव को त्रिशूल, इंद्र को वज्र, हनुमान को गदा और कुबेर को पुष्पक विमान विश्वकर्मा ने ही प्रदान किये थे.
हिन्दुओं के महान ग्रन्थ रामायण के अनुसार सीता स्वयंबर मे जिस धनुष को श्रीराम ने तोड़ा था, वह भी विश्वकर्मा के हाथों ही बना था और जिस रथ पर सवार हो कर Þोष्ठ धनुर्धर अर्जुन संसार को भस्म करने की शक्ति रखता था उसके निर्माता भगवान विश्वकर्मा ही थे.
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!! समर्थ हिन्दु, समर्थ हिन्दुस्थान !!;........................!! समर्थ हिन्दुस्थान, समर्थ विश्व !!............................ All the posts on this blog are re-postings and post headings point towards the actual posts.
Wednesday, September 16, 2009
शिल्पकला के प्रणेता भगवान विश्वकर्मा
अब सिंघल की किताब पर भाजपा की नींद उडी
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अब सिंघल की किताब पर भाजपा की नींद उडी
- आडवाणी व जसवन्त की किताब के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल की जल्द आने वाली किताब से भाजपा में बवाल मचने की आशंका है। इस किताब के जरिए सिंघल राममंदिर निर्माण से जुडी ऎसी सच्चाई सामने ला रहे हैं जो भाजपा के भीतर फिर भू-चाल ला सकती है।
प्रकाशन की तिथि तय नहीं
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में सिंघल ने कहा कि राममंदिर क्यों नहीं बना, इसकी सच्चाई उन्हें पता है और इसका खुलासा उनकी किताब करेगी। पुस्तक में उन भाजपा नेताओं का भी जिक्र होगा जो राजग सरकार के दौरान मंत्री थे लेकिन जिनकी दिलचस्पी राम मंदिर में बिल्कुल नहीं थी। हालांकि सिंघल ने पुस्तक के बाजार में आने की कोई मियाद नहीं बताई।
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Jagran - Yahoo! India - National :: Politics News
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Jagran - Yahoo! India - National :: Politics News
- गंगा के अविरल प्रवाह के लिए आंदोलन कर रहे गंगा रक्षा मंच के सह संयोजक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती के साथ यहां आए सिंहल ने देश में नदियों को जोड़ने का खुल कर विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को नदियों को मिलाने से पहले इससे जुड़े इंजीनियरों से बात करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसी बड़ी परियोजनाएं सिर्फ पैसा खाने के लिए बनाई जाती हैं।
- राहुल ने हाल ही में चेन्नई में कहा था कि नदियों को जोड़ने की परियोजना ठीक नहीं है। सिंहल ने कहा कि राहुल से पहले राजीव गांधी भी ऐसी ही बात कहते थे। उन्होंने गंगा एक्शन प्लान बनाया था। सिंहल ने यह तक कह दिया कि वैसे तो राहुल को अभी अपने देश का भी पता नहीं है, फिर भी अगर वह काम करना चाहते हैं तो हम साथ हैं।
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जानकी संग फिर सात फेरे लेंगे रामलला - Jagran - Yahoo! India - Dharm Marg
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Jagran - Yahoo! India - Dharm Marg
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नवम्बर में त्रेतायुग फिर अवतरित होगा, जब दूल्हे की तरह सज-धजकर रामलला जानकी को ब्याहने के लिए बारात लेकर जनकपुर [नेपाल] रवाना होंगे। वहां जानकी मन्दिर में 21नवम्बर को वैदिक रीति से राम और वैदेही का ब्याह होगा। बारात 24नवम्बर को दूल्हा-दुल्हन के साथ अयोध्या वापस लौटेगी।
जी हां, अयोध्या में भगवान राम के ब्याह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सन्त-धर्माचार्य बाराती बनकर इस पवित्र अनुष्ठान का हिस्सा बनने को लालायित हैं। विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा बताते हैं कि अयोध्या के सन्तों द्वारा राम बारात लेकर जनकपुर जाने की परंपरा पुरानी है, यद्यपि वक्त के साथ इसके अन्तराल जरूर बढते गए। अरसे बाद 2004में राम बारात का आयोजन हुआ था, जिसका यूपीव बिहार के अलावा नेपाल में भी बडी गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। तब खुद महाराजा ज्ञानेन्द्र ने बारात का स्वागत किया था।
- बारात आजमगढ व बक्सर के रास्ते बिहार में दाखिल होगी, और फिर 20नवम्बर को दूधमतीपहुंचेगी। अगले दिन वहां जानकी मन्दिर में सीता-राम का विवाह होगा। सूत्र बताते हैं कि नेपाल में पिछले कुछ समय से भारतीय मूल के हिन्दुओं के साथ हो रहे अभद्र बर्ताव के मद्देनजर राम बारात का खासा महत्व है, यद्यपि इसी बहाने यूपीऔर बिहार के यात्रा मार्ग में भी हिन्दुओं को संगठित करने पर भी नजर है।
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लौटाएंगे हिन्दुओं की सम्पत्ति!
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लौटाएंगे हिन्दुओं की सम्पत्ति!
- बांग्लादेश की सरकार ने कहा है कि वह उस कानून को बदलना चाहती है, जिसके तहत 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हिन्दू अल्पसंख्यकों की सम्पत्ति को बड़े पैमाने पर जब्त कर लिया गया था।
- वेस्टिड प्रॉपर्टी एक्ट के तहत सरकार उस भूमि और उन इमारतों को अपने कब्जे में ले सकती थी, जिनके मालिक पूर्वी पाकिस्तान से पलायन करने वाले हिन्दू थे। हिन्दू कहते हैं कि वे महसूस करते हैं कि इस कानून के कारण वे अपने ही देश में दूसरे दर्जे के नागरिक हो गए। यह कानून तब पारित हुआ था, जब वर्ष 1965 के युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान में हिन्दुओं के खिलाफ दंगे हुए थे और लाखों हिन्दू देश छोड़कर भारत में भाग गए थे।
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आपके सवाल------ हर साल ये देवता सोने क्यूँ चले जाते हैं? (देवशयन) - ज्योतिष की सार्थकता
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- देवता वर्षाकाल में अधोलोक,शीतकाल में मध्यलोक तथा ग्रीष्मकाल में उधर्वलोक को चले जाते हैं---इसका तात्पर्य ये है कि वर्षा ऋतु में शरीर का समस्त तेज पैरों में, शीत ऋतु में पेट में और ग्रीष्म ऋतु में सिर पर होता है। प्रमाणस्वरूप वर्षाकाल में पैरों में सर्दी का अनुभव नहीं होता, शीतकाल में भूख अधिक लगती है और ग्रीष्मकाल में सिर पर शीघ्र गर्मी चढ जाती है।
- देवोत्थान(देवताओं के जाग उठने) का अर्थ ये है कि जब जठराग्नि जाग उठी तो उसका तेज(उष्मा) पैरों से चलकर पेट में आ गया।
- तो चाहे विश्व का कोई भी धर्म हो उसके मूल में सिर्फ इन्सान का भय और श्रद्धा ही काम करती है लेकिन यदि आप गहराई से सनातन धर्म का अध्ययन करें तो पाएंगे कि हिन्दू धर्म विश्व का एकमात्र वैज्ञानिक धर्म है,जिसका प्रत्येक नियम,परम्परा अपने भीतर विज्ञान समेटे हुए है।
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Gurcharan Das and the Liberal Hindu at Seriously Sandeep
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Gurcharan Das and the Liberal Hindu at Seriously Sandeep
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A few weeks ago, I made a hurried list that broadly categorized contemporary Hindus based on certain general parameters. Gurcharan Das of India Unbound fame adds to this list by slotting himself into a new category: Liberal Hindu. Much of what he says in that post is along familiar, “safe Hindu” lines but he does offer some positive difference from the mundane grist that we have come to expect from self-proclaimed liberals. For the familiar stuff, this assertion is a fairly reflective sample.
Hindu nationalists have appropriated my past and made it into a political statement of Hindutva.
- Even if you grant the possibility that “Hindutva fanatics” have politicized Hinduism, there’s not a single instance where Hindu nationalists have prevented any Hindu from practising his/her own understanding/version/variant/tradition of Sanatana Dharma. Gurcharan Das’ assertion stems from incorrectly assuming a symmetry between Hindu “fanaticism” with the Islamic and/or Christian counterpart.
- However, Das’s real failing is that he is trapped by the secularism-as-the-only-solution-to-all-our-problems mantra and is unable to see beyond it.
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - पश्चिमी देश बीजिंग से डरते हैं-समदौंग रिन्पोछे
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - पश्चिमी देश बीजिंग से डरते हैं-समदौंग रिन्पोछे
- निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री समदौंग रिन्पोछे ने कहा है कि पश्चिमी देश बीजिंग से डरते हैं इसीलिए उसके सामने चुप रहते हैं. रिन्पोछे का बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिकी प्रशासन का एक प्रतिनिधिमंडल तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा से मिलकर वापस गया है.
- समदौंग रिन्पोछे ने चीन के इस तरह के मनमाने व्यवहार के लिए पश्चिमी देशों को दोषी करार देते हुए कहा कि पश्चिमी देश दुनिया में किसी भी देश के साथ संबंध तय करते समय आर्थिक व्यापार को महत्व देते हैं. आज चीन ने आर्थिक मामलों में पश्चिमी देशों को पूरी छूट दे रखी है इसलिए जब चीन की बात आती है तो पश्चिमी देश खुलकर नहीं बोल पाते हैं. इस मसले पर उन्होंने अमेरिका को भी अन्य पश्चिमी देशों जैसा ही बताया.
- उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया बीजिंग से डरी हुई दिखाई देती है. उन्होंने अंग्रेजी के एक मुहावरे का उदाहरण देते हुए बताया कि आज दुनिया में ऐसी नीति चल रही है कि जो मजबूत है उसे ही जीने का अधिकार है.
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - तिरुपति के लड्डू को ग्लोबल कापीराईट
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - तिरुपति के लड्डू को ग्लोबल कापीराईट
- भगवान वैंकटेश्वर के प्रसिद्ध प्रसाद को जीआई कापीराईट मिल गया है. इस कापीराईट के बाद बालाजी के मंदिर में मिलनेवाले प्रसाद को दुनिया की कोई दूसरी संस्था या व्यक्ति नहीं बना सकता है. तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम को यह कापीराइट प्रमाणपत्र मंगलवार को प्रदान किया गया.
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As Terrorism Evolves, So Must Our Tactics for Preventing It | Faith Freedom International
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As Terrorism Evolves, So Must Our Tactics for Preventing It | Faith Freedom International
- But there is no criminal case until a crime has been committed. That is the rub. Law enforcement bodies do not prevent crime except as a by-product of catching people who commit it and putting them in jail. Their mind-set is the solution of crime after it has occurred. Your local police department will not prevent your murder. It will solve it after you are dead. That might satisfy society’s need to provide some modest form of security to those who survive but it is cold comfort to the victim.
- That is why the FBI is particularly unsuited to take on the responsibility of interrogating terrorists and preventing terrorism. If the object of your work is to find out who did what to whom so you can present sufficient evidence to a court to demonstrate that a crime has been committed, you have all the time in the world to bond with someone who might have the information you seek. There is no urgency. If you can otherwise hold him, you can take as long as you want to see if you can tease information out of him that will help your case.
- Intelligence gathering, in contrast to law enforcement, is calculated to develop information that enables us to anticipate events before they occur. It is intended to determine what enemies are planning and to disrupt those plans even if we cannot prove, to a legal certainty, that the plans would ever have been carried out. That is the difference between the function of the FBI and that of the CIA. The FBI can act only on information that is so concrete that it would withstand the scrutiny of a federal judge charged with enforcing Constitutional norms. The CIA is not similarly constrained. Nor should it be.
- In the first place, of course, foreign nationals operating in foreign countries are not entitled to American Constitutional protections. In the second, in questioning them, we are less interested in what they have done than we are in what their comrades intend to do. The object of that sort of interrogation is not what the FBI is organized or trained to do. But it is what the CIA was, as a matter of organizational culture, intended to do.
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Sethusamudram canal projects stops as dredger pulls out - Save Sree Ram Setu | hindujagruti.org
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Sethusamudram canal projects stops as dredger pulls out - Save Sree Ram Setu | hindujagruti.org
- Work on the controversial Sethusamudram Ship Canal Project in the Palk Strait between Sri Lanka and India has halted again after the last dredger digging the channel was pulled out of service, a media report said.
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State-run Dredging Corp. of India Ltd (DCI) removed its dredger—a specialized ship used to deepen the channels of ports and harbours—from the project when its four-year contract with Sethusamudram Corp. Ltd ended on 27 July.
"Nobody knows when the work will start again," the newspaper said.
"We are trying to revive the dredging contract between DCI and Sethusamudram Corp. Ltd," a shipping ministry official said, but he could not give a time frame for reviving the contract.
Meanwhile, dredging continued on the non-controversial Palk Straits area.
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Rift in Hindu nationalist family widens - General | hindujagruti.org
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Rift in Hindu nationalist family widens - General | hindujagruti.org
- The move of the VHP distancing itself from the BJP at a time when the RSS is backing the BJP leadership could be seen as a tension also between the VHP and the RSS.
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Great Hindu » Blog Archive » No need to hate Muslims, Christians and Commies: They are mental patients
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- Now let us zero in on the facts: All the three Ms (Marxists, Mullahs and Missionaries) swear by a holy book (Communist Manifesto, Koran and Bible in that order. All the three Ms have a particular messiah (Karl Marx, Mohammed and Jesus in that order). All the three Ms fervently believe that their path is the only path. All the three Ms divide the world into believers and non-believers. The followers of all the three Ms seriously believe that belief in their ideologies is the highest. To put it in a single word, all the three Ms are belief systems.
- The three Ms believe in conversion of the Other — which results in violence of both gross and subtle nature.
- Postscript: I am not the first person to says that Muslims, Christians and Communists are mental patients. H G Wells said it long back. I am only repeating his words.
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On EVMs and Some Unanswered Questions - || Satyameva Jayate ||
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- A few weeks ago, during my last visit to Bharat, I met Anupam Saraph, Pune’s Chief Information Commissioner.
- Below is a story about EVMS and some unanswered questions…in the words of Anupam and Prof M Nalapat. Do read and think about it. Reading about what they uncovered made me feel very uneasy…
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From Tracking the Elections 2009 (emphasis mine):
Elections were held in 5 phases across India. The last phase of polling was completed on the 13th of May 2009. The counting of votes was to begin on the 16th of May 2009.
- The excel spreadsheets on candidate information for all India downloaded from the ECI website between the 6th and 15th of May had “coded” Candidate Names, Party Names and votes polled.
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- If data in these files was test/dummy data, how does it match the winners in 108 constituencies or 106 according to another analysis?
- If the the data in these files was test/dummy data, what was it testing? Why was this test taking place during the polling period?
- What tests were these that required only some data to keep changing and others to remain unchanging?
…
- If data in these files was test/dummy data, how does it match the winners in 108 constituencies or 106 according to another analysis?
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Govt plans three universities for minorities - National Issue | hindujagruti.org
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Govt plans three universities for minorities - National Issue | hindujagruti.org
- After allocating Rs. 25 crore (Rs.250 million) for two more campuses of the Aligarh Muslim University (AMU), the government is planning to set up three more universities for the country's minorities, according to officials.
- These universities will be set up in Mysore (Karnataka), Kishanganj (Bihar) and Ajmer (Rajasthan).
According to the official, "Fifty percent of the seats in these universities will be reserved for minority students to make them more competitive in the job market."
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - नोएडा प्राधिकरण के अत्याचार के खिलाफ एक महिला योद्धा की लड़ाई
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visfot.com । विस्फोट.कॉम - नोएडा प्राधिकरण के अत्याचार खिलाफ एक महिला योद्धा की लड़ाई
- संजीव कुमार
- अपने गले में भ्रष्टाचार की सूचना देती तख्ती लिये घूम रही कल्पना भारद्वाज आशियाना न होने का दर्द बखूबी भुगत रही हैं। एक आशियाने के लिए कल्पना जे भारद्वाज ने नोएडा प्राधिकरण से एक प्लॉट 1999 में लिया था। ड्रा में नाम निकलने के बाद भी अब तक उन्हें प्लॉट पर कब्जा नहीं मिला है।
- कल्पना की कहानी बताती है कि एक तो लोगों को महानगरों में जमीन का एक टुकड़ा नसीब नहीं होता लेकिन अगर नसीब हो भी जाए तो सरकारी भ्रष्ट तंत्र और अधिकारी कमजोर लोगों को किस तरह से परेशान करते हैं. कल्पना को न्याय मिलेगा या नहीं इसे तो प्रशासन ही ज्यादा बेहतर विश्लेषित कर सकता है लेकिन कल्पना की हिम्मत और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुखर आवाज बहुत सारे लोगों को प्रेरित कर सकता है कि वे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने दम पर अभियान छेड़ सकते हैं.
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