Thursday, May 13, 2010

MorungExpress.com - Will counting caste help to reduce inequality?

MorungExpress.com - Will counting caste help to reduce inequality?

  • Nandini Sundar
  • On the surface, caste enumeration appears to be a UPA concession to its OBC allies, but more fundamentally, it fits with the larger political agenda of moving people off the land, holding out the illusory promise of formal employment. For social justice, we are made to believe there is no alternative to reservation, and for reservation, no alternative to counting caste. With over 90 per cent of people in the informal sector, reservation can hardly be the primary solution to greater equality. There is no doubt that stringent affirmative action policies are required to make formal institutions more socially inclusive, but to shackle the census to this agenda betrays a failure to learn from the past or to think imaginatively about the future.University degrees are important for certification, especially for those historically deprived of education, but they do not necessarily contribute to the creation and expansion of knowledge.
  • Enumeration also required people to be slotted into categories that were mutually exclusive even if untrue to their lived experience. A person could not have two castes or two religions. Where the 1911 census had recognised several sects as Hindu-Muhammadans, in 1921 they were reclassified as either one or the other, except for the Sindh Sanjogis who refused and were relegated to ‘other.' The Meos today face similar problems, caught between the Vishwa Hindu Parishad and the Tabligh e Jamaat.
  • Source: The Hindu(The author is Professor of Sociology at the Delhi School of Economics.)

Welcome To Dateline India - # सिख विवाह कानून के कुछ और अर्थ

Welcome To Dateline India

  • सिख विवाह कानून के कुछ और अर्थ
  • आलोक तोमर
  • सिखों में विवाह को आनंद कारज या आनंद कार्य कहा जाता है। नए कानून मेंं सिख जीवन शैली को कानूनी मान्यता दी जाएगी। वैसे आज भी सिख जीवन शैली के खिलाफ कोई कानून नहीं हैं। सिख धर्म हिंदू धर्म की एक शाखा के तौर पर विकसित हुआ था और अब इसकी अलग स्वायत्ता है। वैसे सिखों के पवित्र गुरु ग्रंथ साहब में हिंदू देवी देवताओं और खास तौर पर शिव की कई बार स्तुति की गई है। सिख रेजीमेंट का जो नारा है - निश्चय हो अपनी जीत करूं- यह वरदान भगवान शंकर से मांगा गया है और पूरा सबद है- शिव वर देहु हमें, निज करमन से कबहुं न डरों, न डराें रिपु से, न डरों अरि से, निश्चय हो अपनी जीत करों। इसलिए थोड़ा अटपटा भी लगता है कि सिखों के लिए खास तौर पर विवाह में एक अलग कानून बनाया गया हैं।
  • मगर यदि अपने सिख भाईयों को एक कानून से ही शांति मिल जाती है तो क्या बुरा है?
  • मगर भारत के सिख समुदाय के सामने समस्याएं और भी है। ये समस्याएं ज्यादा बड़ी हैं और उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। जैसे अफगानिस्तान में जब सोवियत फौजे घुसी थी तब से वहां खून और बारुद की ही कहानियां सामने आ रही है और वहां बसे काफी रईस सिख व्यापारी और आम लोग सब कुछ छोड़ छाड़ कर भारत आने पर मजबूर हुए थे। लगभग बीस साल होने जा रहे हैं मगर उन्हे अब तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली। दो विकल्प हो सकते हैं। एक तो भारतीय संविधान के नागरिकता कानून 1955 के तहत उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए या फिर भारत जो अफगानिस्तान में पहले जैसे अच्छे हालात बहाल करने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहा है, माहौल बनाए कि ये सिख परिवार अफगानिस्तान लौट सके और इन्हे इनकी संपत्ति और कारोबार वापस मिल सकें। 1984 के सिख विरोधी अत्याचार पर निर्णायक ढंग से न्याय मांगने की कोशिश भी फिलहाल सिख नेतृत्व ने छोड़ दी है।

Pratahkal - सभी धर्मों में गाय वंदनीय

Pratahkal - सभी धर्मों में गाय वंदनीय

  • राजसमन्द
  • गौभक्त संत जगदीश गोपाल ने कहा कि श्रीराम केे पूर्वज महाराज दिलीप ने कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ की बछियां नन्दिनी की रक्षा के लिए सिंह को अपना शरीर अपर्ण कर दिया किंतु जीते-जी उसकी हिंसा नहीं होने दी। गाय सम्पूर्ण तपस्वियों से बढ़ कर है। भगवान शंकर ने गौ के साथ रहकर तप किया। कई उपवास करने पर भी गौतम को निर्वाण नहीं मिला, सुजाता नामक युवती ने 2600 गायों को जैठीमधु के वन में चराकर उसके दुध से खीर तैयार करके उनको खिलाई तब उनको ज्ञान प्राप्त हुआ और वे बुद्ध हो गए। मुस्लिम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब ने गाय की इज्जत करने की आज्ञा दी। मुसलमानी धर्म ग्रंथों में गाय के दुध को अमृत और उसके मांस को विष बतलाया। बाईबल में वृषभ को देवता माना है। महाराज ने कहा कि सभी धर्मों में गाय को वंदनीय माना गया है। तिलं न धान्यं पशवों न गाव: .... शास्त्रों में गाय के दूध को अमृत कहा गया है। गाय के दुध, गोबर एवं मूत्र के सेवन और निर्मित औषधियों से मनुष्य के छोटे से बड़े सभी रोगों में विशेषकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारी मे भी इसका इलाज किया जाता है। गौ धार्मिक, आर्थिक और वैज्ञानिक सभी दृष्टि से ईश्वर की सृष्टि में गौ का प्रमुख स्थान है। ऐसी अवस्था में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई इत्यादि सभी भारत वासियों के लिए गौ एक राष्ट्रीय धर्म है।

Gadkari flayed for calling Lalu, Mulayam ‘dogs’

Gadkari flayed for calling Lalu, Mulayam ‘dogs’

  • (image)
  • "I regret the comment made yesterday and take back my words. I have a lot of respect for Mulayam Singh Yadav and Lalu Prasad. I did not mean to hurt anyone directly or indirectly," Gadkari said at a meet-the-press programme here.
  • Castigating two Yadavs for not supporting the cut motions in the Lok Sabha, Gadkari, while addressing a party meeting on Wednesday, had said, "Bade dakarte the sher jaise, aur kutte ke jaise ban kar Soniaji aur Congress ke ghar par talve chatne lage' (these leaders were roaring like lions but later bowed like dogs to lick the feet of Sonia and the Congress)." He had alleged that they had gone against the cut motions due to "fear" of the CBI.

Geelani says census shouldn't change Kashmir's demography

Geelani says census shouldn't change Kashmir's demography

  • GA_googleCreateDomIframe('google_ads_div_IndiaForums_News_ATF_Article_Nav_160x600' ,'IndiaForums_News_ATF_Article_Nav_160x600'); Srinagar
  • Hardline Hurriyat leader Syed Ali Geelani Thursday advised Jammu and Kashmir government employees detailed for census operations to discharge their duties honestly to ensure that the state's demography would be protected.