Monday, February 28, 2011

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Muslims attack Hindus, after Hindus beat a Muslim for teasing Hindu girl

Muslims attack Hindus, after Hindus beat a Muslim for teasing Hindu girl: "Nandura (Dist. Buldhana, Maharashtra): Muslims attack Hindus colony after Hindus beat a Muslim for teasing a young Hindu girl"

मुसलमान :राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान

मुसलमान :राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान: "
यह बात तो सब जानते है कि भारत के मुसलमान 'वन्दे मातरम 'का विरोध करते हैं .उनका तर्क है की , वह अल्लाह के सिवा किसी की स्तुति या वंदना नहीं कर सकते है .यह इस्लाम केविरुद्ध है.ऐसा उनका तर्क है .भारत में लगभग 19370 मदरसे चल रहे हैं ,और सबको सरकार से मदद मिलाती है .लेकिन आपने आजतक किसी मदरसे में नहीं देखा होगा कि 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे राष्ट्रिय पर्वों पर वहां सम्मान पूर्वक राष्ट्र ध्वज फहराया गया हो ,और राष्ट्र गान गाया गया हो .मुसलमान इसे गुनाह मानते हैं .कुछ समय पूर्व एक फतवा पढ़ने को मिला था ,जिसमे ,लोगों ने मुल्लों से पूछा था कि ,क्या राष्ट्र गान गाना और राष्ट्र ध्वज का सम्मान करना इस्लाम में जायज है ?उत्तर के रूप में जो फतवा दिया गया है ,उसके मुख्य अंश हिंदी और अंगरेजी में दिए जा रहे हैं .साथ में कुरान कि उन आयतों ,और हदीसों के अरबी में हवाले भी दिए जा रहे हैं ,जिनके अधर पर इसे हराम करार दिया गया .


यह फतवा गुरुवार दिनांक -23 दिसंबर 2010 को 'फतवा अल जन्नाह अल दायमा 'ने जारी किया है ,जिसे ई मेल से भारत भेजा गया था .





111877 -Thu 17/1/1432 - 23/12/2010 Basic Tenets of Faith




Respect for the national anthem or flag' احترام النشيد الوطني او العلم'





What is the ruling on standing when the national anthem is played, or when the flag is saluted?.



Praise be to Allaah.- الحمد لله .


Firstly:


पहिली बात यह है कि ,राष्ट्र गान को गाना और सुनना हराम है !



Playing or listening to national anthems is haraam.


This has been discussed in the answer to question no. 5000 and 20406. It makes no difference whether what is played is songs or the national anthem or anything else.


सवाल संख्या 5000 और 20406 पर विमर्श के बाद तय किया कि चाहे राष्ट्र गान हो ,या कोई और उस से कोई फर्क नहीं होता .


Secondly:


दूसरी बात यह है कि , विनम्रता से खड़ा होना है ,जो सर्फ अल्लाह के लिए ही होना चाहिए

Standing by way of humility and veneration is not befitting unless it is done for Allaah.


الدائمة عن طريق التواضع والتعظيم لا يليق إلا إذا تم القيام به من أجل الله




Allaah says (interpretation of the meaning):


“And stand before Allaah with obedience”


इस आयत में स्पष्ट किया गया है कि ,'अल्लाह के आगे पूरे भक्ति और विनय भाव से खड़े हो' .सूरा -बकरा 2 :238



والوقوف بين يدي الله مع طاعة


al-Baqarah 2:238].

और जिस दिन रूह और फ़रिश्ते पंक्तिबद्ध होकर खड़े होंगे ,वे बोलेंगे नहीं ,सिवाय उस व्यक्ति के ,जिसे रहमान अनुज्ञा दे दे .


Allaah has said that because of His greatness and majesty, the greatest of creation (the angels) will stand for Him on the Day of Resurrection and no one will speak until after Allaah has given him permission. He says (interpretation of the meaning):


The Day that Ar‑Rooh [Jibreel (Gabriel)


يَوْمَ يَقُومُ الرُّوحُ وَالْمَلَائِكَةُ صَفًّا لَّايَتَكَلَّمُونَ إِلَّا مَنْ أَذِنَ لَهُ الرحْمَنُ وَقَالَ صَوَابًا


[al-Naba’ 78:38].

जो कोई किसी अल्लाह के द्वारा पैदा की गयी किसी भी चीज के आगे खड़े होकर वैसा आदर प्रकट करे ,जिसका हक़ सिर्फ अल्लाह को है ,तो रसूल ने कहा जो भी किसी मनष्य के आगे खड़ा होगा तो उसका स्थान जहन्नम में होगा .

The one who claims that there is any created being for whom one should stand out of respect have given that created being one of the rights of Allaah.


Hence the Prophet (peace and blessings of Allaah be upon him) said:


“Whoever likes men to stand up for him, let him take his place in Hell.”

'من يحب الرجال على الوقوف له ، فليتبوأ مقعده من النار

Narrated by al-Tirmidhi (2755);


classed as saheeh by al-Albaani in Saheeh al-Tirmidhi. That is because this is part of the might and pride that belongs only to Allaah.


وذلك لأن هذا هو جزء من القوة والعزة التي ينتمي فقط إلى الله تعالى


See: Tafseer al-Tahreer wa’l-Tanweer by al-Taahir ibn ‘Ashoor (15/51).


जब खलीफा अल महदी रसूल की मस्जिद में दाखिल हुए तो उनके आदर में सब खड़े हो गए ,सिवाय इमरान इब्न अबी जई के .लोगों ने कहा खड़े हो जाओ यह अमीरुल मोमिनीन हैं ,उन्होंने कहा लोगों को सिर्फ दुनिया के मालिक के आगे खड़ा होना चाहिए .तुम चाहे मेरे बाल पकड कर मुझे खड़ा कर लो .

The caliph al-Mahdi entered the Mosque of the Messenger of Allaah (peace and blessings of Allaah be upon him) and the people all stood up for him except Imam Ibn Abi Dhi’b. It was said to him: Stand up; this is the Ameer al-Mu’mineen. He said: The people should only stand up for the Lord of the Worlds.

Al-Mahdi said: Let him be, for all the hairs of my head have stood on end.



Siyar A’laam al-Nubala’ (7/144).


The scholars of the Standing Committee were asked: Is it permissible to stand to show respect to any national anthem or flag?



They replied: فلا يجوز للمسلم أن يقف احتراما لأي النشيد الوطني أو العلم


सलमानों को यह इजाजत नहीं है कि राष्ट्र ध्वज के आगे खड़े होकर उसका आदर करें और राष्ट्रगान गायें ,चाहे उस समारोह में राष्ट्रपति भी क्यों न हो .


It is not permissible for the Muslim to stand out of respect for any national anthem or flag, rather this is a reprehensible innovation which was not known at the time of the Messenger of Allaah (peace and blessings of Allaah be upon him) or at the time of the Rightly-Guided Caliphs (may Allaah be pleased with them), and it is contrary to perfect Tawheed and sincere veneration of Allaah alone. It is also a means that leads to shirk and is an imitation of the kuffaar in their reprehensible customs, and following them in their exaggeration about their presidents and in their ceremonies. The Prophet (peace and blessings of Allaah be upon him) forbade imitating them.


فلا يجوز للمسلم أن يقف احتراما لأي النشيد الوطني أو العلم، بل هو من البدع المنكرة التي لم تكن معروفة في عهد رسول الله صلى الله عليه وعليه وسلم) أو في زمن الخلفاء الراشدين رضي الله عنهم)، وأنها منافية لكمال التوحيد والتبجيل خالص لله وحده. وهي أيضا وسيلة تؤدي إلى الشرك وتشبها بالكفار في عادتهم القبيحة ، ومجاراة لهم في غلوهم نظرهم حول رؤسائهم واحتفالات. وقد نهى النبي صلى الله عليه وس '


And Allaah is the Source of strength; may Allaah send blessings and peace upon our Prophet Muhammad and his family and companions. End quote.



Fataawa al-Lajnah al-Daa’imah فتاوى اللجنة الدائمة آل


(1/235).

والله أعلم

And Allaah knows best.



यही कारण है कि ,मुसलमानमें राष्ट्र भक्ति का आभाव है ,और वे राष्ट्रगान और तिरंगा का आदर नहीं करते .मुसलमानों का रिमोट मुल्लों के हाथों


में होता है .यह खुराफाती मुल्ले चुपचाप फतवों से उनको भड़काते रहते हैं .लेकिन जब चाहे अपने अधिकारों कि बात करते रहते हैं .और हमारी सरकारें वोट कि खातिर उनके लिए खजाने खोल देती है .

सही बात है ,मुसलमान जिसका खाते हैं ,उसी को खा जाते हैं !

http://www.islam-qa.com/en/ref/111877

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Nehru was a foreign agent – K.S.Sudharshan

Nehru was a foreign agent – K.S.Sudharshan: "

HYDERABAD: Former chief of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) K S Sudarshan on Sunday made a vitriolic attack on former Prime Minister late Pandit Jawaharlal Nehru stating that he was a “foreign agent” who worked against the interest of the nation.Addressing a meeting after releasing a book ‘Om Rashtriya Swaha’, a translation from Marathi to Telugu, Sudarshan blamed Jawaharlal Nehru for the problems that India is facing today particularly in Kashmir.“Today, majority of Kashmir is under the control of Pakistan and it is the result of Nehru’s unilateral decision of ceasefire on Lord Mountbatten’s advice. Mountbatten was a supporter of Pakistan and wanted to see Kashmir become a part of it, he claimed. We are paying the price for the mistake committed by Nehru, he added.Sudarshan also blamed Gandhi for allowing Nehru to become the prime minister. Kurtalam Pontiff Siddheswarananda Bharathi Swamy and Rambhav Haldekar, who translated ‘Om Rashtriya Swaha’ from Marathi to Telugu were among those who spoke.


http://expressbuzz.com/cities/hyderabad/ex-rss-chief-calls-nehru-a-%E2%80%98foreign-agent%E2%80%99/252005.html



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“साम्प्रदायिक” तो था ही, अब NDTV द्वारा न्यायपालिका पर भी सवाल… NDTV Communal TV Channel, Anti-Judiciary, Anti-Hindu NDTV

“साम्प्रदायिक” तो था ही, अब NDTV द्वारा न्यायपालिका पर भी सवाल… NDTV Communal TV Channel, Anti-Judiciary, Anti-Hindu NDTV: "

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दूसरी महत्वपूर्ण न्यायिक घटना थी गोधरा ट्रेन “नरसंहार” (Godhra Massacre Judgement) के बारे में आया हुआ फ़ैसला… लालू जैसे जोकरों और यूसी बैनर्जी (U.C. Banerjee Commission on Godhra) जैसे भ्रष्ट जजों की नापाक पुरज़ोर कोशिशों के बावजूद जो “सच” था आखिरकार सामने आ ही गया। सच यही था कि “जेहादी मानसिकता” वाले एक बड़े गैंग ने 56 ट्रेन यात्रियों को पेट्रोल डालकर जिन्दा जलाया। गोधरा को शुरु से सेकुलर प्रेस और मीडिया द्वारा “हादसा” कहा गया… “गोधरा हादसा”… जबकि “हादसे” और “नरसंहार” में अन्तर होता है यह बात कोई गधा भी बता सकता है। इसी NDTV टाइप के सेकुलर मीडिया ने गोधरा के बाद अहमदाबाद और गुजरात के अन्य हिस्सों में हुए दंगों को “नरसंहार” घोषित करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। तीस्ता सीतलवाड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में फ़र्जी केस लगाये गये, नकली शपथ-पत्र (Fake Affidavit by Teesta Setalvad) दाखिल करवाये गये, तहलका, NDTV से लेकर सरकार के टुकड़ों पर पलने वाले सभी चैनलों ने पत्रकारिता को “वेश्या-बाजार” बनाकर बार-बार गुजरात दंगे को “नरसंहार” घोषित किया। पत्रकारिता को “दल्लेबाजी” का धंधा बनाने वाले इन चैनलों से पूछना चाहिये कि यदि गुजरात दंगे “नरसंहार” हैं तो कश्मीर से हिन्दुओं का सफ़ाया क्या है?, मराड में हुआ संहार क्या है? दिल्ली में कांग्रेसियों ने जो सिखों (Anti-Sikh Riots in Delhi) के साथ किया वह क्या था? भोपाल का गैस काण्ड और बेशर्मी से एण्डरसन को छोड़ना (Anderson Freed by Rajiv Gandhi) नरसंहार नहीं हैं क्या? इससे पहले भी भागलपुर, मेरठ, बरेली, मालेगाँव, मुज़फ़्फ़रपुर के दंगे क्या “नरसंहार” नहीं थे? लेकिन सेकुलर प्रेस को ऐसे सवाल पूछने वाले लोग “साम्प्रदायिक” लगते हैं, क्योंकि आज तक किसी ने इनके गले में “बम्बू ठाँसकर” यही नहीं पूछा कि यदि गोधरा न हुआ होता, तो क्या गुजरात के दंगे होते? लेकिन जब भी न्यायपालिका ऐसा कोई निर्णय सुनाती है जो हिन्दुओं के पक्ष या मुस्लिमों के विरोध में हो (चाहे वह बाबरी मस्जिद केस हो, रामसेतु हो या शाहबानो तलाक केस) NDTV जैसे “भाड़े के टट्टू” चिल्लाचोट करने में सबसे आगे रहते हैं…। गोधरा फ़ैसला आने के बाद सारे सेकुलरों को साँप सूँघ गया है, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब इसकी व्याख्या कैसे करें? हालांकि तीस्ता सीतलवाड और बुरका दत्त जैसी “मंथरा” और “पूतना”, गोधरा नरसंहार और गुजरात दंगों को “अलग-अलग मामले” बताने में जुटी हुई हैं।



गोधरा काण्ड के फ़ैसले के बाद भी NDTV अपनी नीचता से बाज नहीं आया, विनोद दुआ साहब अपनी रिपोर्ट में (वीडियो देखिये) 63 “बेगुनाह”(?) (जो सिर्फ़ सबूतों के अभाव में बरी हुए हैं) मुसलमानों के लिये चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं, लेकिन विनोद दुआ साहब ने कभी भी उन 56 परिवारों के लिये अपना “सेकुलर सुर” नहीं निकाला जो S-6 कोच में भून दिये गये, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। शायद जलकर मरने वाले 56 परिवारों का दुख कम है और इन नौ साल जेल में रहे इन 63 लोगों के परिवारों का दुख ज्यादा है। यह ठीक वैसा ही है, जैसे कश्मीर से खदेड़े गये लाखों हिन्दुओं का दुख-दर्द उतना बड़ा नहीं है, जितना फ़िलीस्तीन में इज़राइल के हाथों मारे गये मुसलमानों का…, यही NDTV की “साम्प्रदायिक मानसिकता” है। (Atrocities and Genocide of Kashmmiri Hindus)

100 Crore for Arabic, 10 Crore for Hindi and none for Sanskrit

100 Crore for Arabic, 10 Crore for Hindi and none for Sanskrit

The Union Finance Minister Shri Pranab Mukherjee has ear marked 100 Crore for Aligarh Muslim University for their upcoming Centres in Murshidabad in West Bengal and Malappuram in Kerala and a whopping 200 Crore for Maulana Azad Education foundation.


While Aligarh University got 50 crore each for it’s two centres to promote Arabic and Islamic studies there were no mention about any funds to popularize Sanskrit. The discrimination is more visible when Pranab da earmarks only 10 crore for setting up Kolkata and Allahabad centres of Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya, Wardha.

Egypt's Ikhwan wants Indian EVMs; paks already asked for it: totalitarians love them. Of course they would

Egypt's Ikhwan wants Indian EVMs; paks already asked for it: totalitarians love them. Of course they would: "
feb 28th, 2011 CE

pakistanis had already expressed interest.

nice going, chawla and company! (naveen chawla, biographer of mteresa -- so appropriate, one fraud to another -- was the former Election Commissioner)

the chawla EC should have a new name: "Dewey, Cheatham, and Howe" (familiar to fans of Caaah Taaahlk on NPR, as known to the bums in haaavad squaaah of awah fayah city, cambridge, ma)
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