Friday, September 4, 2009

The Pioneer > Online Edition : >> Jihadis target Kerala women

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    • Balbir K Punj
    • The August 31 issue of Kerala’s foremost newspaper, Malayala Manorama, carried an extensive report on how a Pakistan-based terrorist organisation is planning, abetting and financing the enticement of college students from different communities in the State to become cannon fodder for its jihad in India. The report terms such young women as ‘love bombs’.
    • The police have now discovered a kidnapping racket to provide recruits to Pakistani terror outfits through ‘Love Jihad’. Further investigations have revealed that all over India some 4,000 young women have been recruited in this manner to be trained against their will as terrorists and suicide bombers. In Kerala alone the police suspect that over 500 women have fallen victim to the ‘Love Jihad’ racket.

Shades Of Saffron: Dharmaveer Chhatrapati Sambhaji Maharaj ki Jay !!!

BAMULAHIJA : कार्टून : एक और सरकारी मिशन .... चाँद तक जाने का

Jagran - समान अवसर की आड़ में

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    • काग्रेस स्वाधीनतापूर्व की मुस्लिम लीग बन गई है।
    • लीग की पीरपुर रिपोर्ट (1938) व काग्रेस की सच्चर रिपोर्ट (2007) में आश्चर्यजनक समानताएं हैं। लीगी पीरपुर रिपोर्ट ने सिर्फमुसलमानों के ही सवाल उठाए और काग्रेसी सच्चर कमेटी ने भी। दोनों रिपोर्टो में मुसलमानों के साथ भेदभाव की शब्दावली एक जैसी है। पीरपुर कमेटी ने भेदभाव के आरोप सरकार व हिंदुओं पर लगाए थे, सच्चर कमेटी के भी निष्कर्ष यही हैं। नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं में कम मुस्लिम नुमाइंदिगी के आरोप दोनों में हैैं। दोनों रिपोर्टो में मुस्लिम आरक्षण की सिफारिश है। जैसे पीरपुर कमेटी के तथ्य झूठे थे वैसे ही सच्चर कमेटी के भी। सच्चर कमेटी ने खुद कहा कि मुसलमानों के विरुद्ध भेदभाव वाले प्रमाण नहीं हैं, इस दिशा में शोध होना चाहिए।
    • मनमोहन सिंह को जवाहर लाल नेहरू का 1937 वाला वक्तव्य पढ़ना चाहिए। नेहरू ने 1937 में पूछा था कि मुस्लिम खेत मजदूर, हिंदू खेत मजदूर, मुस्लिम श्रमिक, व्यापारी, कारीगर और हिंदू श्रमिक, व्यापारी, कारीगर के हितों में क्या अंतर है? लेकिन अल्पसंख्यक मंत्रालय मुस्लिम लीग की राह पर है।
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      [हृदयनारायण दीक्षित: लेखक उप्र सरकार के पूर्व मंत्री हैं]

21 दिसंबर 2012 को नहीं होगा प्रलय

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    pralay
    • धरती पर प्रलय से सहमी हुई दुनिया के लिए टांकरी कलेंडर नई जिंदगी लेकर आया है। साउथ ईस्ट मेक्सिको के माया कलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के बाद की तिथि का वर्णन नहीं है। इससे कलेंडर पृथ्वी का अंत बता रहा है।
    • कुल्लू.
    • लेकिन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता व हिंदू मान्यताओं के प्रतीक 5123 वर्ष पुराने टांकरी कलेंडर ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया है।



      यह कलेंडर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में कौलांतक पीठ के अध्यक्ष महायोगी सत्येंद्रनाथ के पास उपलब्ध है। कलेंडर के अनुसार वर्ष 2012 में कोई भी प्रलय नहीं आएगी बल्कि कलियुग में सतयुग की अंतर्दशा आने वाली है। युग परिवर्तन की ये अंतर्दशाएं धरती पर 2 बार घटेगी। प्रलय से सहमी हुई पूरी दुनिया के लिए यह शुभ संकेत है कि धरती पर अवतारी ने जन्म लिया है। लेकिन अभी तक इस बात की भविष्यवाणी नहीं हो पाई है कि इस अवतारी ने किस स्थान पर जन्म लिया है। 3 चरणों वाले कलेंडर में से अभी पहले चरण से इन बातों का खुलासा हुआ है।

मझधार में भाजपा

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    • भाजपा पर आरएसएस की पकड़ उसे अपना आधार बढ़ाने में मददगार नहीं होगी। भाजपा की लोकसभा में सीटें लगातार घट रही हैं। दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में वह जड़ें नहीं जमा पा रही हैं। अपने गढ़ों में भी वह और मजबूत नहीं हो पा रही है। भाजपा को यदि आगे बढ़ना है तो उसे राजनीतिक पार्टी के रू प में ऎसी गतिविधियां चलानी होंगी, जिनसे युवा मतदाता उसकी ओर आकृष्ट हों। यदि वह वैचारिक और संगठनात्मक दृष्टि से आरएसएस पर ही निर्भर रही तो यह काम कठिन हो सकता है। यही बड़ा संकट है, जिससे भाजपा जूझ रही है। यदि नेतृत्व का विवाद सुलट भी गया तो भी यह संकट तो खत्म होना मुश्किल लगता है। लगातार दो पराजयों से यह साफ हो गया है कि "हिन्दू वोट" जैसा कुछ भी नहीं है। यह तो स्थाई वोट बैंक जैसा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया मिथिक ही है।
    • हरिहर स्वरू प
      [लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं]

अब नेट पर भी मिलेगी पंडों की जानकारी

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    • पटना।
    • मगध प्रमंडल के आयुक्त संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि वह गया के पंडों, पितृपक्ष में गया की व्यवस्था, पिंडदान का महत्व सहित पंडों की पूर्ण जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध कराने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंटरनेट पर 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पिंडदान डॉट कॉम' नाम से वेबसाइट तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ भी कर दी गई है।

BAMULAHIJA : कार्टून : ये तो ज्यादा बड़ा लोचा हो जाएगा !!!

From ‘Haj’ subsidy to‘Bethlehem’ subsidy! « Janamejayan’s Weblog

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    • By: V SUNDARAM

      Friday, 22 February, 2008 , 02:07 PM
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    • Make no mistake. Y Samuel Rajasekara Reddy is a known Seventh Day Adventist Christian committed to the cause of evangelical destruction of Hinduism, Hindu Society and Hindu Culture. He has been using the ever dying and transitory power of his high office with low evangelical motives ever since he assumed office as Chief Minister of Andhra Pradesh 4 years ago.

Crypto-Christian Andhra CM YSR dead-Good riddance | Great Hindu

Finally, three Cheers to Lord Venkatramana.

Srinivasa, Venkatramana, Govinda

Govindan Govinda…. Govinda.

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): माननीय सुप्रीम कोर्ट जी,

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    • पहले ही घोषणा कर दूं कि यह लेख मेरे प्रिय पाठकों के लिये सिर्फ़ "एक खबर" मानी जाये, "माननीय" न्यायालय के खिलाफ़ टिप्पणी नहीं…
    • उल्लेखनीय है कि सोहराबुद्दीन उज्जैन के पास उन्हेल का रहने वाला एक ट्रक चालक था, जिसे इन्दौर से कांडला बन्दरगाह माल लाने-ले जाने के दौरान अपराधियों का सम्पर्क मिला और वह बाद में दाऊद की गैंग के लिये काम करने लगा। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान सरकारों के लिये वह एक समय सिरदर्द बन गया था और दाऊद के अपहरण रैकेट में उसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही। सोहराबुद्दीन को गुजरात पुलिस द्वारा मार गिराये जाने के बाद जब उसका शव उसके पैतृक गाँव लाया गया तब उसकी शवयात्रा का स्वागत एक गुट द्वारा हवा में गोलियां दाग कर किया गया था। इस व्यक्ति के परिजनों को जनता के टैक्स की गाढ़ी कमाई का 10 लाख रुपया देने के पीछे "माननीय" न्यायालय का क्या उद्देश्य है, यह समझ से परे है।
    • सवाल यह भी है कि "माननीय" न्यायालय ने अब तक कितने पुलिसवालों और छत्तीसगढ़ में रोजाना शहीद होने वाले पुलिसवालों को दस-दस लाख रुपये दिलवाये हैं?
    • "माननीय" न्यायालय को यह समझना चाहिये कि मुआवज़ा अवश्य दिया जाये, लेकिन सिर्फ़ उन्हीं को जो गलत पहचान के शिकार होकर पुलिस के हाथों मारे गये हैं (जैसे कनॉट प्लेस दिल्ली की घटना में वे दोनो व्यापारी)। एक अपराधी के परिजनों को मुआवज़ा देने से निश्चित रूप से गलत संदेश गया है। लेकिन यह बात हमारे सेकुलरों, लाल बन्दरों और झोला-ब्रिगेड वाले कथित मानवाधिकारवादियों को समझ नहीं आयेगी।
    • ताज़ा समाचार के अनुसार कसाब को अण्डाकार जेल में रोज़े रखने/खोलने के लिये रोज़ाना समय बताया जायेगा ताकि उसकी धार्मिक भावनायें(?) आहत न हों, जबकि साध्वी प्रज्ञा को एक बार अंडा खिलाने की घृणित कोशिश की जा चुकी है, "सेकुलर देशद्रोहियों" के पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि यदि साध्वी प्रज्ञा जेल में गणेश मूर्ति स्थापित करने की मांग करें, तो क्या अनुमति दी जायेगी?


सृजन: पैगम्बर मुहम्मद कल्कि अवतार नहीं