Friday, September 4, 2009

Jagran - समान अवसर की आड़ में

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    • काग्रेस स्वाधीनतापूर्व की मुस्लिम लीग बन गई है।
    • लीग की पीरपुर रिपोर्ट (1938) व काग्रेस की सच्चर रिपोर्ट (2007) में आश्चर्यजनक समानताएं हैं। लीगी पीरपुर रिपोर्ट ने सिर्फमुसलमानों के ही सवाल उठाए और काग्रेसी सच्चर कमेटी ने भी। दोनों रिपोर्टो में मुसलमानों के साथ भेदभाव की शब्दावली एक जैसी है। पीरपुर कमेटी ने भेदभाव के आरोप सरकार व हिंदुओं पर लगाए थे, सच्चर कमेटी के भी निष्कर्ष यही हैं। नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं में कम मुस्लिम नुमाइंदिगी के आरोप दोनों में हैैं। दोनों रिपोर्टो में मुस्लिम आरक्षण की सिफारिश है। जैसे पीरपुर कमेटी के तथ्य झूठे थे वैसे ही सच्चर कमेटी के भी। सच्चर कमेटी ने खुद कहा कि मुसलमानों के विरुद्ध भेदभाव वाले प्रमाण नहीं हैं, इस दिशा में शोध होना चाहिए।
    • मनमोहन सिंह को जवाहर लाल नेहरू का 1937 वाला वक्तव्य पढ़ना चाहिए। नेहरू ने 1937 में पूछा था कि मुस्लिम खेत मजदूर, हिंदू खेत मजदूर, मुस्लिम श्रमिक, व्यापारी, कारीगर और हिंदू श्रमिक, व्यापारी, कारीगर के हितों में क्या अंतर है? लेकिन अल्पसंख्यक मंत्रालय मुस्लिम लीग की राह पर है।
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      [हृदयनारायण दीक्षित: लेखक उप्र सरकार के पूर्व मंत्री हैं]

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