Saturday, June 13, 2009

» Blog Archive » हत्यारी गैस, हत्यारे इरादे

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  • tags: Environment
    • जैसे भोपाल गैस त्रासदी संसार का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा थी और भोपाल 25 साल बाद इसे भूलने की कोशिश कर रहा है। वैसे ही इस त्रासदी का उपसंहार एक और भयानक हादसे में हो सकता है और इसके लिए वे लोग जिम्मेदार होंगे जो यूनियन कार्बाइड के जमीन में दबे टैंक की गैस और अन्य परमाणु कचरा मध्य प्रदेश में ही कहीं दबा देना चाहते है।
    • अब षिवराज सिंह चौहान की सरकार, यूनियन कार्बाइड के ही जहरीले कचरे को चुपचाप भोपाल न सही इन्दौर के पास स्थित औद्योगिक नगरी पीथमपुर के पास सामान्य गढ्ढों में भरकर हजारों ग्रामीणों की जान से खेलने पर उतर आई है।
    • मजा यह है कि यह काम सरकार ने अपनी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वैकैया नायडू की कम्पनी रामकी एन्वायरो इन्फ्रा इस्ट्रक्चर लिमिटेड को सौंपा है।
    • फिलहाल किस्सा यह है कि 28 जून 2008 की अर्धरात्रि को चोरी-छिपे 39 मिट्रिक टन जहरीला कचरा जिसे स्लज भी कहा जाता है तीन ट्रकों में भरकर पीथमपुर भेज दिया गया।
    • वर्तमान गढ्ढों में सिर्फ लोहे की लाइनिंग डाली गई है जो कभी भी फट सकती है। परिणाम स्वरूप जहरीला कचरा चारों तरफ फैल सकता है और आसपास के भूजल में मिल सकता है जिससे उक्त जानलेवा बीमारियाँ हो सकती हैं।

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» Blog Archive » तो अब हिंदी में सुन लो

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  • tags: Media

    • हिंदी की चिंता करने वाले एक सतर्क मन की टिप्पणी थी। उन्होंने हिंदी की खास तौर पर मीडिया में जो दुर्दशा हो रही है, उसके लिए महानगरीय सभ्यता और टीआरपी रेटिंग को जिम्मेदार ठहराया।

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» Blog Archive » माओवादियों से अब आर पार की लड़ाई


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» Blog Archive » लुंगी पहन कर देश की सुरक्षा करते गृह मंत्री

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  • tags: Terrorism

    • भारत सरकार मुंबई के खौफनाक हमलों के बावजूद देश की आंतरिक सुरक्षा को कितने हल्के में ले रही है यह इसी बात से जाहिर है कि मुंबई समुद्री मार्गों की निगरानी काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
    • उन्हें लगता है कि कश्मीर की रक्षा वहां की लोकल पुलिस ही कर लेगी
    • लेकिन जमीन पर जो जरूरी तैयारियां होनी चाहिए वे पी चिदंबरम को कतई समझ में नहीं आ रही।
    • उन्होंने माओवाद के खिलाफ आर पार की लड़ाई का खाका अभी तक तैयार नहीं किया है
    • उन्हीं के मंत्रालय में केंद्रीय सुरक्षा बलों ने जो खाका आतंकवादियों से लड़ने के लिए बनाया है उसे देखने की चिदंरबम के पास फुरसत नहीं है।
    • चिदंबरम वास्तव में देश के सबसे निकम्मे गृह मंत्री सिद्व होने वाले शिवराज पाटिल के उत्तराधिकारी सिद्व हो रहे हैं।
    • एक समुद्री सुरक्षा सलाहकार (एमएसए) की नियुक्ति होगी। लेकिन महीनों बाद भी इसकी घोषणा नहीं की जा सकी है।

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» Blog Archive » कनाडा और आईएसआई की मदद से खालिस्तान


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» Blog Archive » हवा में उड़ती मायावती धराशायी होने की ओर

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  • tags: Politics

    • मायावती अपने मन की ही करती है। यह उनकी पुरानी अदा है। कई बार इसमें झटके खा चुकी है। मगर अब तो हद हो गई। एक तरफ वे राज्य सरकार के पास विकास के लिए केंद्र से पैसा नहीं आने का स्वांग करती है तो दूसरी ओर अपनी सुविधा के लिए लगभग एक अरब रुपए में एक जहाज और एक हैलीकॉप्टर खरीदती है। वह भी जनता के पैसे से।
    • नई दिल्ली, 13 जून- मायावती अपने मन की ही करती है। यह उनकी पुरानी अदा है। कई बार इसमें झटके खा चुकी है। मगर अब तो हद हो गई। एक तरफ वे राज्य सरकार के पास विकास के लिए केंद्र से पैसा नहीं आने का स्वांग करती है तो दूसरी ओर अपनी सुविधा के लिए लगभग एक अरब रुपए में एक जहाज और एक हैलीकॉप्टर खरीदती है। वह भी जनता के पैसे से।
    • मायावती का नाम जिसने भी रखा है। सोच समझकर रखा है। उनके पास माया की कोई कमी नहीं। उनकी राजनीति का मायाजाल इतना प्रचण्ड है कि मायावती की सम्पत्ति पर सवाल तो उठते है लेकिन वे अदालत के अलावा इनका जवाब देना जरुरी नहीं समझतीं ।
    • मायावती जो चाहती है वो करती है।आज से नहीं, तब से जब उनके पास न इतनी दौलत थी।और न इतनी लोकतांत्रिक ताकत। जब वे स्कूल टीचर थीं। तो परिवार के विरोध के बावजूद राजनीति में शामिल हो गई थीं। उनकी इसी जिद ने उनके अब तक ज्यादातर इरादे पूरे किए है।जो नहीं हुए। उनसे जुड़ी सुविधाएं तो वे प्राप्त कर ही रही हैं
    • मायावती ने आसमान तो बहुत पहले छू लिया था। मगर अब आसमान छूने का उनका अंदाज बदल गया है।
    • मौजूदा हवाई जहाज भी पुराने हो गए है। इसलिए उन्हें बदलने की कवायद हुई। दो इंजन वाले इसलिए क्योंकि बहन जी को अपनी जान प्यारी है और उन्हें;दलितों का नहीं तो अपना उत्थान करने के लिए जिन्दा रहना है। अभी तो वे सिर्फ 53 साल की है।

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» Blog Archive » अब माओवादियों की लश्कर से दोस्ती

  • tags: Terrorism, Pakistan

    • माओवादी किसी धर्म को नहीं मानते। उनका एक मात्र धर्म हिंसा फैलाना है। यह पहला मौका है जब माओवादियों ने किसी धार्मिक कट्टरपंथी ताकत से हाथ मिलाया है। यह तालमेल अगर हो सका तो देश के पांच राज्यों के लिए तबाही का पैगाम ले कर आएगा। माओवादी भारत देश के खिलाफ लड़ रहे हैं और यहां अपनी सत्ता कायम करना चाहते हैं जबकि लश्कर और आईएसआई भारत को खत्म ही कर देना चाहते हैं।
    • पूछताछ के अनुसार मदनी को लश्कर के नेटवर्क में नई भर्तियां करने के लिए अधिकाृत किया गया था और कहा गया था कि वह ज्यादातर ऐसे लोगों को प्राथमिकता दें जिन्हें कंप्यूटर और इंटरनेट का काम आता हो। मदनी को ही लश्कर और माओवादी नेतृत्व के बीच तालमेल की जिम्मेदारी दी गई थी और खास तौर पर केरल के समुद्री इलाको से भर्ती करने की सलाह दी गई थी। इरादे इतने खतरनाक हैं कि समुद्र में छोटी स्पीड बोट चला सकने या इसके लिए प्रशिक्षण के लिए तेैयार युवकों को मोटी रकम दे कर भर्ती करने पर भी आम सहमति बन गई है।

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HINDU SAMHATI: ALERT-----Hindu Festival Attacked in West Bengal:; Hindus Killed and Multiple Hindu Women Raped !


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ज्योतिष की सार्थकता: वैदिक विज्ञान के रहस्य

  • tags: Vedic, Astrology

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    • किन्तु  विज्ञान की परिभाषा यदि सही अर्थों में समझ ली जाय तो अध्यात्म, ज्योतिष,तंत्र-मंत्र इत्यादि जितनी भी गूढ विधाएं हैं, उन सब को विज्ञान की अति उच्चस्तरीय उन विधाओं के रूप में माना जायगा जो दृश्य परिधि के बाद अनुभूति के स्तर पर आरम्भ होती हैं । इतना भर जान लेने लेने पर वे सारे विरोधाभास मिट जायेंगे जो आज विज्ञान और परा विधाओं के बीच बताए जाते हैं ।
    • यह कितने आश्चर्य का विषय है कि वर्तमान युग में वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान पर अनुसंधान करने के पश्चात कई दशकों में यह अनुमान लगाया गया कि विश्व में पदार्थ एवं अपदार्थ/प्रतिपदार्थ (Matter and Antimatter) समान रूप से उपलब्ध है। जबकि ऋग्वेद की एक छोटी सी ऋचा में यह वैज्ञानिक सूत्र पहले से ही अंकित है।
    • उक्त लेख में लेखक ने लिखा है कि Matter and Antimatter जब पूर्ण रूप से मिल जाते हैं तो पूर्ण उर्जा में बदल जाते है। वेदों में भी यही कहा गया है कि सत् और असत् का विलय होने के पश्चात केवल परमात्मा की सत्ता या चेतना बचती है जिससे कालान्तर में पुनः सृष्टि (ब्रह्मांड) का निर्माण होता है।
    • अगर देखा जाए तो  इस प्रकार का न जाने कितना अकल्पनीय ज्ञान वेद-पुराणों में भरा पडा है, जिसके जरिए इस सृ्ष्टि ओर उसके रचनाकार से पर्दा उठाया जा सकता है।

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IntelliBriefs: Why India looks at Germany for new anti-terror blueprint

  • tags: Terrorism, Germany

    • It is one country that has not witnessed a major terrorist attack since the 1972 Munich Games, has thwarted seven major attempts since 9/11 and works an efficient system despite high threats given some of its own citizens converted to Islam and received training Pakistan and Afghanistan for attacks inside Germany
    • And most significantly, Germany too has a federal system of governance with its 16 states responsible for law and order issues as in India.
    • Other countries of similar importance would be US, UK, Israel and France from an Indian perspective.
    • As a result, GSG-9 remains a small force of 274 personnel unlike the NSG that has grown well beyond 8000. GSG-9 officials say a smaller number helps retain the elite character and the SWAT teams are able to provide the numbers when needed.

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IntelliBriefs: 84 indigenous people massacred in Peru’s “oil war”


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