Tuesday, August 25, 2009

सचिन की दुनिया: चटकती दरकती भाजपा की मानसिकता

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    • मुस्लिम वोट बैंक का पीछा करना छोड़ना होगा
    • भाजपा का स्थान देश की राजनीति में तय ही हिन्दुत्व के आधार पर हुआ है। 1992 में गिरे बाबरी मस्जिद ढाँचे में उसकी भूमिका अहम है और उसे यह भूल जाना चाहिए कि आने वाली कई शताब्दियों तक मुस्लिम उसे वोट देने की गलती से भी सोचेंगे। मुसलमान भाजपा से चिढ़ते हैं, आरएसएस से चिढ़ते हैं और हर उस शख्स से चिढ़ते हैं जो इनसे जुड़ा हुआ हो। भाजपा में दो मुसलमान चेहरे हैं, मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन। लेकिन भारत की मुस्लिम जमात इन्हें मुसलमान ही नहीं मानती। अगर ये उनके हत्थे चढ़ जाएँ तो भारतीय मुसलमान इन्हें मार ही डालें।
    • इन चुनावों में हमने देख लिया कि भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत क्यों हुई। वरुण गाँधी ने उत्तर प्रदेश में आग उगली। लेकिन भाजपा ने उससे अपने को अलग कर लिया। अरे अगर आपने उस व्यक्ति को टिकट दिया है तो पहले ही उसे समझा देना चाहिए था कि क्या बोलना है और अगर बोल दिया तो उसके साथ रहना था।
    • जब सपा और बसपा रूपी आप्शन उनके सामने आए तो उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया। मुसलमान कांग्रेस को सिर्फ इसलिए वोट देते हैं ताकि भाजपा सत्ता में नहीं आ पाए, लेकिन भाजपा को यह बात समझ ही नहीं आती। उसको समझ लेना चाहिए कि अगर कोई दूसरा आप्शन सामने आया तो मुसलमान कांग्रेस छोड़कर उसे चुन लेंगे लेकिन भाजपा को कभी नहीं चुनेंगे। इसलिए भाजपा की मुस्लिमों को रिझाने की कोई भी रणनीति कभी काम नहीं आनी वाली।
    • भाजपा का राम मंदिर अलाप फुस्स हो चुका है और अब अगर वो मंदिर की बात करेगी तो लोग उसपर हँसेंगे। अब भाजपा को अंदरूनी कलह से उबरकर अपना स्थाई स्टेण्ड रखकर सिर्फ देश की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो वो भारत-पाकिस्तान, हिन्दू-मुसलमान करती रह जाएगी और देश में तेजी से बढ़ रही तरक्की पसंद जनता उसे धीरे से किनारे लगा देगी और कांग्रेस बार-बार इसी तरह सत्ता में रिपीट करती रहेगी जैसा कि उसने इस बार किया।

      आपका ही सचिन.....।