Monday, June 22, 2009

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): कसाब के मुकदमे पर 30 लाख का खर्च और सैकड़ों जान बचाने वाले को 500 रुपये Mumbai Attack Kasab Trial and Unsung Heroes

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      “बबलू कुमार दीपक”, यह नाम आप में से कुछ ही लोगों ने सुना होगा, यह सज्जन मुम्बई सीएसटी स्टेशन पर 26/11 के हमले के वक्त ड्यूटी पर थे।

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      “बबलू कुमार दीपक”, यह नाम आप में से कुछ ही लोगों ने सुना होगा, यह सज्जन मुम्बई सीएसटी स्टेशन पर 26/11 के हमले के वक्त ड्यूटी पर थे। श्री दीपक रेलवे में अनाउंसर हैं और उस काली रात को दूसरे अनाउंसर श्री विष्णु झेण्डे के साथ दूसरे अनाउंसमेंट केबिन में उनकी ड्यूटी थी।

    • घोषणा सुनकर आतंकवादियों ने रिजर्वेशन काउंटर और अनाउंसर केबिन की तरफ़ गोलियाँ दागनी शुरु कीं । झेण्डे ने केबिन की लाईट बुझा दी और नीचे छिप गये, हालांकि गोलीबारी से केबिन के काँच फ़ूट गये लेकिन झेण्डे सुरक्षित रहे, इसी प्रकार दीपक ने भी अपना केबिन भीतर से बन्द कर लिया और टेबल के नीचे छिप गये।
    • इन दोनों व्यक्तियों के दिमागी सन्तुलन और जान की परवाह न करते हुए लगातार अनाउंसमेंट के कारण उस दिन कई जानें बचीं।
    • इस घटना के कुछ ही दिनों के बाद श्री विष्णु दत्तात्रय झेण्डे और एक अन्य हवलदार श्री झुल्लू यादव को रेल मंत्रालय की ओर से दस-दस लाख का ईनाम मिल गया, लेकिन बबलू दीपक को सभी ने भुला दिया, जबकि दोनों अनाउंसरों की भूमिका, ड्यूटी और हमले के वक्त खतरा एक समान था।
    • बबलू दीपक ने फ़िर से अप्रैल 2009 में एक स्मरण पत्र मंडल रेल प्रबन्धक को भेजा, तब कहीं जाकर 5 मई को उनका जवाब आया और 7 मई 2009 को यानी हमले के 5 माह बाद बबलू दीपक को 500 रुपये नगद का इनाम और एक सर्टिफ़िकेट दिया गया।

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