Tuesday, November 10, 2009

राष्ट्रीय अस्मिता का निरादर

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    • मुस्लिम लीग की अलगाववादी मानसिकता के कारण पाकिस्तान का सृजन हुआ। गाधीजी अपनी लाश पर देश का बंटवारा होने का भावनात्मक आवेग उड़ेलने में नाकाम रहे और कम्युनिस्टों के सौजन्य से मुस्लिम लीग अपने मकसद में कामयाब हुई। सेक्युलरिस्टों के सहयोग से ही अलगाववादी मानसिकता दिनोंदिन पुष्ट हो रही है। सेक्युलरवाद मुस्लिम कट्टरवाद के तुष्टीकरण का पर्याय बन चुका है। तो क्या देश का एक और विभाजन होने दिया जाए, जहा पाकिस्तान जाने से चूक चुके मुसलमान अपनी अलग दुनिया आबाद करें, जहा शरीयत ही संविधान हो और मध्यकालीन परंपराओं व मान्यताओं पर प्रश्न खड़ा करना कुफ्र हो?
    • अल्पसंख्यको के कथित उत्पीड़न का सेक्युलर प्रलाप बंद कर भारत की सनातनी संस्कृति को नमन करना चाहिए, जिसने यहा के बहुसंख्यकों को विश्व बंधुत्व का शाश्वत संदेश दिया। इस्लाम सहित कई अन्य मत भारत में पल्लवित व पुष्पित हुए तो उसका सारा श्रेय सनातन संस्कृति को ही है। संविधान में प्रजातंत्र और पंथनिरपेक्ष व्यवस्था इसलिए ही संभव हो पाई, क्योंकि भारत का अधिकाश जनमत सनातन परंपरा से है और बहुलवाद में विश्वास रखता है।

      [बलबीर पुंज : लेखक भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं]

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