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सतीश चंद्र श्रीवास्तव
- जलियांवाला बाग को सुरक्षित रखने के नाम पर 1952 में संसद में ट्रस्ट बिल पास किया गया। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इसके अध्यक्ष बने। उस समय से ही सरकारी कब्जे में चल रहे बाग को अब तक राष्ट्रीय धरोहरों की सूची तक में शामिल नहीं किया जा सका है। संख्या का भ्रम बताकर शहीदों की सूची नहीं तैयार की जा रही। बुरी तरह घिरने केबाद 14 दिसंबर 2008 को भले ही सरकार ने बाग केशहीदों को स्वतंत्रता सेनानी घोषित कर दियाए पर अब तक एक भी परिवार को स्वतंत्रता सेनानी परिवार का दर्जा नहीं मिल सका है। सवाल दो स्तर पर है। ऐसी कृतघ्नता क्योंघ् इतनी देरी क्योंघ् इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि आजादी केबाद से ही जिस ट्रस्ट के अध्यक्ष देश के प्रधानमंत्री रहे होंए उसकी इस कदर उपेक्षा क्योंघ् प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह वर्ष 2007 से पदेन अध्यक्ष हैंए परंतु एक बार भी इस मसले पर मुंह नहीं खोल पाते तो संदेह और गहरा जाता है।
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