इस्लामिक बैंक की स्थापना हेतु एड़ी-चोटी का “सेकुलर” ज़ोर, लेकिन… Islamic Banking in India, Anti-Secular, Dr. Swami: ""
बहरहाल… प्रधानमंत्री द्वारा मलेशिया में दिये गये भाषण (Manmohan on Islamic Banking) को देखकर लगता है कि सरकार इस्लामिक बैंकिंग के लिये संसद में कानून भी ला सकती है (“सेकुलरिज़्म” गया भाड़ में) क्योंकि उसके बिना यह सम्भव नहीं होगा…। वैसे भी उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कहा है कि सरकार सिर्फ़ “हिन्दुओं के कानून” ही बदलती है… यही है असली कांग्रेसी और वामपंथी सेकुलरिज़्म। इसके जिम्मेदार भी “हिन्दू” ही हैं, जो आज तक कभी राजनैतिक रुप से एकजुट नहीं हो पाए… और जब कोई कोशिश करता है तो उसकी टाँग खींचकर नीचे लाने में जुट जाते हैं… (मुम्बई शेयर बाज़ार में तो शरीयत आधारित इस्लामिक इंडेक्स (TASIS BSE Index) शुरु हो ही गया, हिन्दुओं ने क्या उखाड़ लिया?)।