दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..........: "
शांति शांति को जपते जपते,हम जड़ हो बैठे,
कोहिनूर सा दुर्लभ हिरा तक भी खो बैठे
खो बैठे कैलाश कबूतर श्वेत उड़ाने में...
अचकन की जेबों पर लाल गुलाब लगाने में..
पर झंडा ऊँचा है ,यदि डंडे की मंजूरी है...
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..........
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