भरोसे की बात है मनमोहन जी
from पुण्य प्रसून बाजपेयी by Punya Prasun Bajpai
राहुल गांधी ने संसद में जिस कलावती का नाम लेकर चेताया था, उसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की नहीं चली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विदर्भ के जिस इलाके में जाकर खुदकुशी करते किसानो के लिये राहत पैकेज का ऐलान करते हैं, वहां भी कांग्रेस हार गयी। सोनिया गांधी खुदकुशी करते परिवार को सातंवना देने जिस बस्ती में गयीं, वहा भी कांग्रेस नहीं जीती। विदर्भ की दस में पांच सीटो पर कांग्रेस-एनसीपी हारी है। मनमोहन सिंह का पैकेज विदर्भ के जिन 31 ताल्लुका को केन्द्रित में रख कर बांटा गया, उसमें से 28 ताल्लुका में कांग्रेस को हार मिली है।
यहां सवाल यह नहीं है कि इन सीटो पर बीजेपी या शिवसेना जीत गयी। आगे का रास्ता बिना प्रोटोकॉल के पीएम की उस कुर्सी की दिशा में ही जाता है, जो मनमोहन को मिली है। कुर्सी न मिलने से आडवाणी इतने निराश है कि वह राष्ट्पति भवन में प्रोटोकाल अधिकारी को डपट भी न सके, जो उनकी विपक्ष के नेता की कुर्सी से भी खेल खेल रहा था। ऐसे में आम आदमी अब आडवाणी से गुहार कैसे लगायेगा