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दिल्ली से योगेश गुलाटी......!: वह कश्मीर से अपने जले घर की लकड़ी के टुकड़े लेकर आया
- राजेंद्र तिवारी
Editor, Bhaskar websites - मुझे एक सच्ची कहानी याद आ रही है एक कश्मीरी पंडित बच्चे की जो कश्मीर से विस्थापित माता-पिता के साथ जम्मू में रहता था। उसके मां-बाप 1990-91 में कश्मीर से भागकर जम्मू आए थे। यह बच्चा उस समय मां की गोद में था। पिता उसे अनंतनाग स्थिति अपने मकान और खेतों के बारे में लगातार बताते रहते थे। बच्चा धीरे-धीरे बड़ा हो रहा था। अपने पिता के बचपन, दक्षिणी कश्मीर खासतौर पर अनंतनाग जिले का विवरण उसे आकर्षित करता था। जब वह 10 साल का हुआ तबसे उसने अनंतनाग जिले के अपने मकान को देखने की जिद शुरू की। पिता उसे किसी न किसी बहाने टालते रहते थे।
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Saturday, July 25, 2009
दिल्ली से योगेश गुलाटी......!: वह कश्मीर से अपने जले घर की लकड़ी के टुकड़े लेकर आया
दिल्ली से योगेश गुलाटी......!: वह कश्मीर से अपने जले घर की लकड़ी के टुकड़े लेकर आया
2009-07-25T20:27:00+05:30
Common Hindu