Saturday, July 25, 2009

visfot.com । विस्फोट.कॉम - गोत्र की गली में प्रेम का जनाजा

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    • आदित्य चौधरी
    • पिछले कुछ सालों से हरियाणा में गोत्र विवाद लगातार सामने आ रहे हैं. हैरानी ये है की लड़का - लड़की या फिर दोनों को ही कई बार हरियाणा में एक गाँव या एक ही गोत्र में शादी करने पर मौत के घाट उतरा जा चूका है इसके बावजूद प्यार करने वाले बाज नहीं आ रहे और समाज के डर और रुढिवादिता को ठेंगा दिखाते हुए पहले प्यार और फिर शादी कर रहे हैं. परंपरा के अनुसार यदि एक गाव में पांच गोत्र हैं तो युवक की शादी के लिए न सिर्फ पांच गोत्रों को बल्कि मां और दादी के गोत्र भी छोड़ने पड़तेहैं । इसी वजह से युवकों को शादी में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि जाट समुदाय के प्रबुद्ध लोग भाईचारे के गोत्रों की परंपरा में सुधार करने के पक्षधर हैं, लेकिन वे खापों के प्रदेश में दबदबे के चलते सामने आकर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद युवा पीढ़ि इन नियमों को लगातार तोड़ रही है। और इसी वजह से कई बार इन नियमों को तोड़ने का दंड उन्हें जान देकर चुकाना पड़ रहा है.
    • हालाँकि गोत्र के चलते शादी में होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रबुद्ध लोगों ने इस दिशा में सोचना और काम करना शुरू भी कर दिया है, प्रदेश में मलिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी खाप है दहिया खाप. हरियाणा में दहिया गोत्र के 53 गांव हैं। दहिया खाप की दिसंबर, 2008 को गांव सिसाना में हुई पंचायत में दादी के गोत्र को छोड़ दिया गया, लेकिन दादी के गांव में वे अपने लड़के और लड़की का रिश्ता नहीं कर सकते हैं। फिर भी ये फैसला कम से कम अँधेरे में रौशनी की किरण तो दिखाता ही है.

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