Monday, August 3, 2009

त्यागी: भारत का आउटसोर्स्ड प्रधानमंत्री और उसकी निर्लाजता !!!!!!!!!!!!!!!

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    • दूसरा हमे मनमोहन सिंह जी ये बताये की पाकिस्तान सम्बन्धी नीति पर फन्ने खा बनने का फितूर कहाँ सवार हुआ? न तो पाकिस्तान पर निर्णय करने की आपकी नैतिकता है, न आप हिंदुस्तान के चुने हुए सांसद है (लोगो द्वारा) , न आप बहुमत के प्रधान मंत्री है, न आपका कोई जनाधार है , न आप कोई राजनैतिक व्यक्ति है, आप तो एक परिवार विशेष द्वारा चुने हुए एक मनोनीत व्यक्ति मात्र है। फ़िर किस इकबाल पर आप और किस नैतिकता पर आप पाकिस्तान जैसे गंभीर विषय पर अपने अल्प ज्ञान का परचम लहराए। मैं फ़िर कहेता हु की आप व्यक्ति बहुत अच्छे हो सकते हो परन्तु प्रधानमन्त्री के नाते तो आप बुहुत ही कुरूप और निकृष्ट हो।
    • चलिए अब बात करते है आपके तथकथित गुणों के बारे में एक एक करके सब से पहेले प्रशन आता है आपके अर्थशास्त्री होने के लाभ का. तो बता दू वो दावा भी एक दम झूठा है. हमे आपके अर्थशास्त्री होने का एक भी लाभ नहीं मिला। क्योंकि यदि कांग्रेस दावा करती है की नरेगा उसकी देन है तो कतई भी आप उसको लागु करने के पक्ष में नहीं थे. दूसरा आज जो महंगाई है वो आपके गुणों की चाट है जिसको आपका आम आदमी अपनी खाली उंगलियों से चटखारे ले ले कर चाट रहा है. संसेक्स आप के प्रधानमंत्री काल में पाताल में चला गया है. होम लोन मिल नहीं रहे है.
    • प्रगतिशील भी आप कभी नहीं थे और न आप चाहते होना। आप ढोंगी है और दम्बी है जिसने अटल सरकार की स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क निर्माण को ही ठेंगा दिखादिया। उसी सरकार की देन गावों को शहरो से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना का आपने गला घोंट दिया। इसलिए न तो आप हमारी प्रगति ही चाहते और न ही आप प्रगतिशील है.
    • खैर अब बात आती है आपकी विद्वता की तो आपने जो साँझा बयान पाकिस्तान के साथ अभी दिया है और उस लिखित बयान में जो त्रुटी जिसका की आपके शंकर मेनन जी दावा करते है। तो अपने समझ के बहार है की एक घोषित रूप से हिंदुस्तान का विद्वान जो की उसके प्रधानमंत्री की पात्रता का मुख्य स्तम्भ है और जो रिजर्व बैंक का गवर्नर रहा है और सयुंक्त राष्ट्र की मोटी पेंशन लेता है. उसकी ड्राफ्टिंग में भी त्रुटी है वो भी अंग्रेजी में. तो भाई इसका मतलब आपने इंग्लॅण्ड की ऑक्सफोर्ड पर भी कालक मल दी. जब आप क्लर्की का काम भी नहीं कर पा रहे हो तो कहाँ की विद्वता. और जिसके पीछे हिंदुस्तान संसारभर में हंसी का पात्र बने उस की विद्वता पर फिर हम क्यों खिल्ली उडवाय.
    • अब में कुछ आपके चाटुकारों पर भी आता हूँ जो आपके सिख होने की वजह से काफी दम भरते है। जो सिख भाई है उनको बता दू की हिन्दुओ के रक्षक परम पूजनिय प्रात समरनीय आदरनिये श्री गुरु गोबिंद सिंह जी जिनकी एक सिंह दहाड़ से मुसलमानों के अंतडियो में पानी सूख जाता था. या वो महाराजा रंजित सिंह जो पंजाब का शेर था. क्या सिख भाई देखते है की श्री मनमोहन सिंह जी उस परम्परा के वाहक है. यह में उन ही पर छोड़ता हु. मुझे कोई शक शुबहा नहीं की वो भी रंजित सिंह जैसा ही हिंद शासक पसंद करेंगे।