Tuesday, August 4, 2009

त्यागी: हाँ मैं शर्मिंदा हिंदू हूँ ! हाँ हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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    • हे देवी साध्वी प्रज्ञा! यदि सात सागरों के समुद्र का जल भी मुझ पर डाल दिया जाए तो भी मेरी शर्मिंदगी कम हो पायेगी। मुझे बचपन से सिखाया गया है नारियेस्तु पूजयंते तत्र देवता रमन्ते। परन्तु हे देवी तुझ साध्वी को मांस खिलायागे। तुझे अश्लील चीजे दिखाई गई। और हम निर्लाजो की तरेह अख़बार पढ़ते रहे। हम शारदा, सरस्वती और लक्ष्मी की उपासक बने रहे।
    • देखो कल राखी है आपके आरोप मुक्त होने पर भी कितने हिन्दू भाई आपके पास राखी बंधवाने आते है। कोई नहीं आयेगा क्योंकि हिन्दू की फितरत ही ऐसी है। कहीं किसी मुस्लमान की बेटी के साथ हो जाता तो हिंदुस्तान का तख्त पलट दिया जाता। देखा नहीं एक बटाला हाउस में पकडे गए आजमगड़ के मुस्लमान के लिए अभी तक उलेमा रेल चलाई जा रही है। जंतर मंतर पर आज भी आन्दोलन हो रहे है। इसको कहेते है होंसला। मुस्लमान अपने इसी होंसले से एक और राष्ट्र मांग सकता है और हम हिजडो की तरह फिर से शांति की कामना के लिया स्वीकार कर कर फिर अगली दोहराने के लिए तैयार हो जायंगे।
    • हिन्दुओ को तो एक इमरान हाश्मी न ही धक्किया दिया है। एक मकान न मिलने से उसने १०० करोड़ हिन्दुओ को अपमानित करदिया। उस यह भी नही मालूम की हिंदुस्तान के १०० करोड़ लोगो ने ही खान लोगो की बोलीवुड में बादशाहत स्वीकार की हुई है उसे नही मालूम की १० साल एक मुसलमान ही इस देश के क्रिकेट का कप्तान रहा है। खैर हिन्दुओ और हिंदुस्तान की बदकिस्मती तो है ही की अपना खून भी पिला दिया तो बदले में अहसान फरामोशी के आलावा क्या ददिया।
    • अब देखना यह है की साध्वी को जबकि अदालत ने उसको राहत दे दी है को मुख्य धारा में भी कोई लाता है की नही। कल राखी है है कोई जो साध्वी के पास जाय और राखी बन्धवाय वो भारतीय गौरवन्वित सेना के कर्नल पुरोहित है देखना है कितनी बहेने उसको राखी भेजती है.धर्म को निभाने के लिए किसी का इंतजार नहीं करना पड़ता. अंत में विजय हमारी होगी क्योंकि धर्म हमारे साथ है