Saturday, August 22, 2009

कैसे-कैसे हो सकते हैं परिवर्तन के पथ संचलन?

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    • संभावित दृश्य : 1

      संघ पूरी तरह हावी
    • बहुत संभव है कि संघ, अभिभावक की अपनी उपदेशात्मक मुद्रा में आ जाए। विचारधारा और दिशा दोनों में भाजपा पर पूरी तरह हावी हो जाए।
    • 2. अपनी इच्छा से चलेगी भाजपा
    • जिस तरह भाजपा पर संघ के नए तेवर सामने आ रहे हैं उसे देखकर साफ लगता है कि कुछ ही माह में भाजपा श्रेष्ठिवर्ग अधिक समय तक हस्तक्षेप पसंद नहीं कर पाएगा। पार्टी पहली पंक्ति के सभी नेता संघ पृष्ठभूमि के जरूर हैं लेकिन सक्रिय राजनीति में 35-40 साल के अनुभव और चुनावी दक्षता के कारण वे बिना जनाधार वाले संघ नेताआंे की सीख अधिक सहन नहीं कर पाएंगे।
    • 3. भाजपा ना नहीं कहेगी लेकिन हां भी नहीं भरेगी
    • एक तीसरा दृश्य यह उभर सकता है कि संघ हावी होने की कोशिश करता रहेगा। भाजपा लिहाज तो करती रहेगी लेकिन उस दिशा में चलेगी नहीं। हिंदू उग्रवाद जैसे विषयों पर अभी भाजपा के ऊपर से नीचे तक के नेताआंे में भारी मतभेद बना हुआ है। पार्टी का एक बड़ा तबका उदारवादी रुख अपनाने के पक्ष में है।

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