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- -राघवेन्द्र सिंह
- भारत को आजादी 1947 में प्राप्त हुई और चीन पर साम्यवादियों का शासन 1949 में हो गया। उसके पहले तिब्बत भारत का प्रोटेक्टोरेट था। वहां भारत की मुद्रा चलती थी, हमारे डाकघर थे तथा भारतीय सेना की टुकड़ियां थीं। कुल मिला कर वहां भारत का एकाधिकार था जिसे चीन ने हमला कर हड़प लिया।
- अंतरराष्ट्रीय मुक्त व्यापार के चलते आज चीन की जो मजबूत स्थिति है उसमें कहीं न कहीं हमारी भूमिका भी है। उक्त व्यवस्था के चलते भारत ने चीन से उतनी विदेशी मुद्रा अर्जित नहीं की जितनी कि उसने भारत से। यह बात सत्य है कि चीन भारत से लगभग एक दशक से भी अधिक आगे चल रहा है। आर्थिक हो या सैन्य व्यवस्था, हर स्तर पर वह भारत से बढ़त हासिल किये हुये है। जाहिर है हमें एक वर्ष में यदि 10 वर्षों की दूरी तय करनी है तो वर्तमान गति से 10 गुना से अधिक तेजी से सफर तय करना होगा। इसके लिए हमें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाकर आगामी रणनीति तैयार करनी चाहिए। हमें ऐसी व्यवस्था भी तैयार करनी होगी जिसके द्वारा चीन को भारत से कम से कम मुद्रा प्राप्त हो। जैसे चीनी उत्पादों पर करों के माध्यम से तथा भारतीय उत्पादों को सरकारी सुविधाएं प्रदान करके। इससे भारतीय उत्पादों को अपने देश के ही बाजार में पर्याप्त स्थान प्राप्त हो सकेंगे।
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Friday, November 6, 2009
ड्रैगन के जहरीले घात | BHARTIYA PAKSHA | भारतीय पक्ष
ड्रैगन के जहरीले घात | BHARTIYA PAKSHA | भारतीय पक्ष
2009-11-06T21:38:00+05:30
Common Hindu