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- प्रियदर्शन
- वाकई समाज को बचाने के लिए जाति को तोड़ना होगा। लेकिन जाति आसानी से नहीं टूटती। राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जाति तोड़नी है तो भारत को रोटी और बेटी का नाता जोड़ना होगा। रोटी का नाता मन मार कर सामाजिक मजबूरियों में हम जोड़ने को तैयार हो गए बेटी का नाता जोड़ने में अब भी हिचक दिखाई पड़ती है। सारे अगर-मगर के बावजूद फिलहाल हमें मानना होगा कि जाति अब भी एक बड़ी संरचना है जिससे हमारे निजी पारिवारिक सामाजिक और यहां तक कि राजनीतिक रिश्ते तय होते हैं। इस संरचना का विद्रूप यही है कि अगड़ी जातियों का एक छोटा सा तबका राष्ट्रीय संपत्ति के बड़े हिस्से पर काबिज है।
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