Thursday, April 28, 2011

तुम्हारी हत्या पर भी रख लेंगे २ मिनट का मौन

(अभागे भारतीय की फरियाद पर सिक-यू-लायर(Sick you Liar, बीमार मानसिकता वाले  झुट्ठे) नेता द्वारा सांत्वना भरे कुटिल उपदेश की तरह पढ़ें)
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अच्छा!!!   वो दुश्मन है? बम फोड़ता है? गोली मारता है?
मगर सुन - दोस्ती में - इतना तो सहना ही पड़ता है 
तय है - जरुर खोलेंगे एक और खिड़की - उसकी ख़ातिर 
मगर - हम नाराज़ हैं - तेरे लिए इतना तो कहना ही पड़ता है 

तुम भी तो बड़े जिद्दी हो -  दुश्मन भी बेचारा क्या करे 
इतने बम फोड़े - शर्म करो - तुम लोग सिर्फ दो सौ ही मरे ? (कितने बेशर्म हो तुम लोग)
चलो ठीक है - इतने कम से भी - उसका हौंसला तो बढ़ता है 
और फिर - तुम भी तो आखिर १०० करोड़ हो(*) - क्या फर्क पड़ता है? 
[(*) ११५ करोड़ में १५ करोड़ तो विदेशी घुसपैठिये हमने ही तो अन्दर घुसाएँ हैं वोटों के लिए] 

अच्छा!   समझौते की गाड़ियों में दुश्मन भी आ जाते हैं???
क्या हुआ जो दिल लग गया यहाँ - और यहीं बस जाते हैं 
बेचारे - ये तो वहां का गुस्सा है - जो यहाँ पर उतारते हैं 
वहां पैदा होने के पश्चाताप में - यहाँ पर तुम्हें मारते हैं (क्यों न मारें?) 

क्या सोचता है तू ? मरना था जिनको - वो तो गए मर 
तू तो जिन्दा है ना - तो चल - अब मरने तक हमारे लिए काम कर 
और क्या औकात थी उन मरने वालों की ?  सिर्फ २०० रुपये मासिक कर  (*१) 
हम क्या शोक करें - क्यों शोक करें अब - ऐसे वैसों की मौत पर ? 

अच्छा!  आतंकवादी तुम्हें लूटता है? मारता है? मजहब के नाम पर ? 
पर आतंकवादी का तो कोई मजहब ही नहीं होता - कुछ तो समझा कर (बेवकूफ कहीं के) 
तू सहिष्णु है - भारत सहिष्णु है - यह भूल मत - निरंतर याद कर 
क्या कहा? आत्मरक्षार्थ प्रतिरोध का अधिकार? - बंद यह बकवास कर (अबे,वोट बैंक लुटवायेगा क्या) 

इन बेकार की बातों में - न अपना कीमती वक्त बरबाद कर 
भूल जा - कुछ नहीं हुआ - जा काम पर जा - काम कर 

तेरे गुस्से की तलवार को - हमारी शांति की म्यान में रख 
हमने दे दिया है ना कड़ा बयान - ध्यान में रख 
जानते हैं हम - इस बयान पर - वो ना देगा कान 
चिंता ना कर - तैयार है - एक इस से भी कड़ा बयान 

दे रक्खा है उसे - सबसे प्यारे देश का दरजा  (*२) 
चुकाना तो पड़ेगा ना - इस प्यार का करजा 
दुनिया भर से - कर दी है शिकायत - कि वो मारता है 
दुनिया को फुरसत मिले - तब तक तू यूँ ही मर जा 

किस को पड़ी है कि - कौन मरा - और मार गया कौन 
आराम से मर - तेरे लिए भी रख लेंगे - २ मिनट का मौन 


 


*1 : Profession Tax Rs.200/-per month
*2 : Most Favoured Nation

रचयिता : धर्मेश शर्मा
संशोधन, संपादन : आनंद जी. शर्मा