Friday, August 21, 2009

Free-flow spirituality - dnaindia.com

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    • R Jagannathan
    • In India, where the bulk of the world's poor reside, Hindutva and Dalit neo-Buddhism are developing as mass market rivals to traditional Christianity and Islam. To survive, religions have to broadband themselves for time and place.

Uttar Pradesh : UK-based Buddhist body stakes claim over disputed Ayodhya site : 652825

BAMULAHIJA : कार्टून : जसवंत सिंह की 'आऊट ऑफ़ कोर्स' किताब !!!

visfot.com । विस्फोट.कॉम - जिन्ना और जसवंत पर पाकिस्तान में जारी है जिरह

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    • लाहौर से संजीव पांडेय
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    • दिलचस्प बात  है कि पाकिस्तान में जिन्ना की भूमिका पर चर्चा हो रही है, पर भारत में गांधी की भूमिका पर चर्चा नहीं हो रही है। हमारी सोच जड़ हो चुकी है। इतिहास की अगर कोई नए सिरे से व्याख्या करता है तो उस पर चर्चा से गुरेज क्यों?
    • फौजी शासन के दबाव में लिखे गए इतिहास में महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्ति की भूमिका एक चालाक बनिया की बता दी गई। यह पाकिस्तान के लिए एक दुर्भाग्य की बात है। हालांकि इनका दृष्टिकोण पूरी तरह से पाकिस्तान सरकार के उस एप्रोच से अलग है जो पाकिस्तान की आजादी की शुरूआत टीपू सुल्तान और अंग्रेजों की लड़ाई से मानते है।
    • दिलचस्प बात है कि 1913 से लेकर 1921 तक जिन्ना कितने कन्फयूज थे इसकी चर्चा भी पाकिस्तानी इतिहासकार नहीं करते। वे यह नहीं बताते है कि इस दौरान जिन्ना मुसलिम लीग के सदस्य भी रहे और कांग्रेस के भी। अर्थात जिन्ना एक कन्फयूज पर्सनलिटी हो गए थे। पाकिस्तान बनने के बाद भी जिन्ना कन्फयूज रहे। 11 अगस्त 1947 को कंस्टीटयूंट एसेंबली में उन्होंने अपने भाषण में एक सेक्यूलर पाकिस्तान की बात की। वहीं 1 जुलाई 1948 को कराची में स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान में एक ऐसी अर्यव्यवस्था की कल्पना जिन्ना ने की जो पूरी तरह से इस्लामी व्यवस्था पर आधारित हो।
    • निश्चित तौर पर जिन्ना अपने जीवन की शुरूआत में सेक्युलर थे। उनकी दूसरी शादी भी एक पारसी महिला से हुई। उनकी बेटी ने भी एक क्रिश्चियन पारसी से शादी की। जिन्ना के नाती नुस्ली वाडिया आज भारत में ही हैं भारत के जानेमाने उद्योगपति हैं.
    • जैसा कि लॉड माउंट बेटेन के एडीसी नरिंदर सिंह ने अपनी किताब में निकाली है। उन्होंेने भारत-पाक विभाजन के लिए सबसे ज्यादा ब्रिटिश रणनीति को जिम्मेवार माना है जो आजादी के बाद अपने सैन्य तंत्र को इस उपमहाद्वीप में स्थापित रखना चाहती थी। नरिंदर सिंह का मानना है कि कम से कम आजाद भारत में कांग्रेस इसकी अनुमति नहीं देती,इ सलिए अंग्रेजों ने ही पृथक पाकिस्तान को हवा दी। नरिंदर सिंह ने इससे जुड़े कई कागजात जसवंत सिंह को भी उपलब्ध करवाए थे। पर जसंवत सिंह ने शायद इसका उपयोग नहीं किया।

महाचतुर्थी का 23 साल बाद दुर्लभ संयोग

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    • आगामी रविवार धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से कई मायनों में खास है।
    • 23 साल बाद रविवार को महाचतुर्थी का दुर्लभ संयोग बन रहा है। हस्त नक्षत्र के साथ सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग एक साथ होंगे।



      पंडितों का मत है कि जब गणोश चतुर्थी रविवार या मंगलवार को होती है, तब महाचतुर्थी योग बनता है। रविवार को ही हरतालिका तीज व गणोश चतुर्थी एक साथ होगी। खरीदी के लिए भी इस दिन को श्रेष्ठ माना जा रहा है।



      पं. भंवरलाल शर्मा का कहना है कि हरतालिका तीज, गणोश चतुर्थी पर सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग में की जाने वाली खरीदी लाभदायक होगी। चल-अचल संपत्ति, भवन, वाहन व जेवर आदि की खरीदी समृद्धि बढ़ाने वाली साबित होगी। पंडितों के अनुसार इसके पूर्व यह योग 1986 में बना था।