Friday, November 13, 2009

राम के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए

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    • अयोध्या, जागरण संवाददाता
    • यह आस्था और परंपरा के प्रति अनुराग की मिसाल थी। त्रेता युग के राम बारात की स्मृति ताजा करने के लिए कारसेवकपुरम डेढ दर्जन वाहनों पर सवार होकर साधु-संत और अन्य बाराती बृहस्पतिवार प्रात: जनकपुर के लिए रवाना हुए।
    • इस अलौकिक और भव्य बारात के बृहस्पतिवार शाम आजमगढ में पहुंचने के पहले ही लोग भंवरनाथ पर स्वागत के लिए इकट्ठा थे। यही नहीं जिले के जिन-जिन बाजारों से होकर भगवान की बारात गुजरी वहां बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने एकत्र होकर उसके स्वागत में पलक-पांवडे बिछा दिए।
    • भगवान राम के त्रेतायुगीन अलौकिक विवाह प्रसंग को लेकर एकादशी (बृहस्पतिवार) पर यहां से निकली राम बारात कुछ मायनों में अनूठी रही। बारातियों की संख्या और उसकी सज-धज में कलयुग का प्रभाव भले ही हो लेकिन नाश्ते व भोजन के मीनू की पुरानी परंपरा सलामत रही। मीनू में कच्ची रसोई, फलाहार व दूध को खास महत्व दिया गया है। भोजन में लाल मिर्च, लहसुन व प्याज से परहेज रखा गया है तो बर्तनों की जगह दोना, पत्तल व कुल्हड के प्रयोग का सुझाव दिया गया है।