Friday, November 27, 2009

खदानों में हाथ डालिये, मधु कोड़ा और रेड्डियों जैसे खरबपति बनिये… Mining Mafia, Jharkhand, Madhu Koda, Congress

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    • अब आते हैं नक्सलियों पर, नक्सली विचारधारा और उसके समर्थक हमेशा से यह आरोप लगाते आये हैं कि आदिवासी इलाकों से लौह अयस्क और खनिज पदार्थों की लूट चल रही है, सरकारों द्वारा इन अति-पिछड़े इलाकों का शोषण किया जाता है और खदानों से निकलने वाले बहुमूल्य खनिजों का पूरा मुआवज़ा इन इलाकों को नहीं मिलता आदि-आदि। लेकिन तथाकथित विचारधारा के नाम पर लड़ने वाले इसे रोकने के लिये कुछ नहीं करते, क्योंकि खुद नक्सली भी इन्हीं ठेकेदारों और कम्पनियों से पैसा वसूलते हैं। यहीं आकर इनकी पोल खुल जाती है, क्योंकि कभी यह सुनने में नहीं आता कि नक्सलियों ने किसी भ्रष्ट ठेकेदार अथवा खदान अफ़सर की हत्याएं की हों, अथवा कम्पनियों के दफ़्तरों में आग लगाई हो…। मतलब ये कि खदानों और खनिज पदार्थों की लूट को रोकने का उनका कोई इरादा नहीं है, वे तो चाहते हैं कि उसमें से एक हिस्सा उन्हें मिलता रहे, ताकि उनके हथियार खरीदी और ऐश जारी रहे और यह सब हो रहा है आदिवासियों के भले के नाम पर। नक्सली खुद चाहते हैं कि इन इलाकों से खनन तो होता रहे, लेकिन उनकी मर्जी से… है ना दोगलापन!!! यदि नक्सलियों को वाकई जंगलों, खनिजों और पर्यावरण से प्रेम होता तो उनकी हत्या वाली "हिट लिस्ट" में मधु कोड़ा और राजशेखर रेड्डी तथा बड़ी कम्पनियों के अधिकारी और ठेकेदार होते, न कि पुलिस वाले और गरीब निरपराध आदिवासी।