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मुंबई में सिंधियों के धर्मांतरण से मचा बवाल
- मुंबई.
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उत्तर-पूर्वी मुंबई के उल्हास नगर में सामाजिक उत्थान के नाम पर पिछले दो साल में 7,000 सिंधियों के धर्र्मातरण से बवाल मच गया है। इसी बस्ती के चार हजार अन्य लोगों ने भी हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपनाया है।
एक अनुमान के मुताबिक, उल्हास नगर में चार लाख सिंधी रहते हैं। इनमें से धर्म परिवर्तन करने वाले सिंधियों की 40 की उम्र के आसपास है। विभाजन के दौरान पाकिस्तान से विस्थापित सिंधियों की इस कॉलोनी में व्यापक पैमाने पर हुए इस धर्र्मातरण से बुजुर्ग बेहद नाराज हैं। सिंधियों को हिंदू धर्म का कट्टर समर्थक माना जाता रहा है।
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आल इंडिया सिंधी समाज के महासचिव साईं बलराम ने कहा, ‘हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि धर्र्मातरण करने वाले लोगों का झुकाव यदि ईसाइयत के प्रति अधिक है तो उन्हें अपने हिंदू नाम छोड़ देने चाहिए। हमने जुलाई में समाज के संतों का सम्मेलन बुलाया है, जिसमें ईसाई बने सिंधियों के बहिष्कार पर फैसला होगा।’
क्या वजह है?: बलराम के अनुसार, ईसाई मिशनरियों ने छोटे सिंधी व्यापारियों को अपना कारोबार फैलाने में मदद की। इसके बाद सिंधियों का ईसाई धर्म के प्रति रुझान बढ़ा।
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