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Pratahkal - कांग्रेस के गर्भ से ही निकला है संघ
- कांग्रेस के गर्भ से ही निकला है संघ
- आलोक तोमर
- देश का एक अकेला संगठन ऐसा है जिसके सदस्यों की संख्या भारतीय सेना के सैनिकों की संख्या के आसपास पहुंचती है। पचास लाख बाकायदा पंजीकृत सदस्य है इसके। नाम है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ।
- बहुत सारे लोगों के लिए आरएसएस यानी संघ परिवार हिंदू सांप्रदायिकता का प्रतीक है। ये वे लोग हैं जिनके लिए मुस्लिम लीग मुस्लिम सांप्रदायिकता का प्रतीक नहीं है। संघ परिवार में या उसके नाम में कहीं हिंदू शब्द नहीं जुड़ा है लेकिन दुनिया के हर विलायती विश्व कोष और शब्द कोष में इसे एक अतिवादी हिंदू संगठन के तौर पर परिभाषित किया जाता है।
- 1925 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी और कुछ मित्रों के साथ मिल कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन किया। इसके बावजूद डॉक्टर हेडगेवार कांग्रेस के शत्रु नहीं थे और कांग्रेस भी संघ को हिंदू सांप्रदायिकता का प्रतीक नहीं मानती थी। इसीलिए हेडगेवार और उनके स्वयं सेवकों ने कांग्रेस के नेतृत्व मेंं ही आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेना जारी रखा।
संघ के संविधान में ही हेडगेवार ने सबसे पहले लिख दिया था कि संगठन का संबंध किसी राजनैतिक दल से नहीं रहेगा। कांग्रेस उस समय राजनैतिक दल थी ही नहीं। वह तो आजादी का आंदोलन थी। - दरअसल भारत रत्न से सम्मानित गाधीवादी इतिहासकार डॉक्टर भगवान दास ने तो साफ शब्दों में कहा है कि संघ के स्वयं सेवक उत्साही और बलिदानी है
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