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- कर्नाटक में मंगलूर के निकट सुब्रह्मण्य में पांच फ़ण वाले दुर्लभ नागराज के दर्शनों के लिए आजकल जिज्ञासुओं एवं श्रद्धाजुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है.
- हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु हजार फ़ण वाले शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं जबकि लौकिक दृष्टि से एकाधिक फ़ण वाले नागराज का अस्तित्व दुर्लभ माना जाता है. लेकिन मंगलूर में पिछले दिनों एक मकान में अचानक प्रकट हुए पांच फ़ण वाले नागराज ने यह सिद्ध कर दिया है कि पारलौकिक सहस्र्फ़णीय शेषनाग के पंचफ़णीय लौकिक वंशज इसी पृथ्वी में अस्तित्व में हैं.
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