Friday, April 15, 2011

मुहम्मद की याददाश्त कमजोर थी !

मुहम्मद की याददाश्त कमजोर थी !: "

अगर आप कभी किसी मदरसे के पास से गुजरे होंगे ,तो जरुर देखा होगा कि मौलवी हाथों में सोटी लेकर छोटे छोटे बच्चों मार मार कर को कुरान पढ़ा रहा है .और बच्चों को ऐसी भाषा में कुरान रटा रहा है ,जिस भाषा का बच्चे एक शब्द भी नहीं समझते है .लेकिन बच्चे मौलवी की छड़ी के डर अपने दिमाग में कुरान की आयतें ही हिल हिल कर इस तरह से ठूंसने की कोशिश करते हैं ,जैसे चोर चोरी का माल जल्दी जल्दी से गठरी में भरते है .कभी अपने सोचा है कि मुसलमान समझाने की जगह तोते की तरह रटने पर क्यों जोर देते है .दुनिया में किसी देश में ,किसी भी विषय को पढ़िए ,हर जगह विषय को समझने पर जोर दिया जाता है .समझने से बुद्धि का विकास होता है .यह सत्य है .लेकिन मुसलमान उल्टा काम इसलिए करते हैं ,कि यह मुहमद की सुन्नत है .

मुहमद अनपढ़ तो था ही .साथ में मंद बुद्धि भी था .उसकी याददाश्त इतनी कमजोर थी कि रोजमर्रा की छोटी छोटी बातें भी भूल जाता था .यहांतक अपनी बनायीं कुरान की आयातें भी भूल जाता था .और कभी उसके साथी और कभी उसकी पत्नी उसे याद दिलाती रहती थी कौन सी आयात किस सूरा में किस जगह होना चाहिए .इसी लिए लोग मुहम्मद को एक ही बात रटाते रहते थे .फिर भी जब मुहम्मद भूल जाता था तो बड़ी बेशर्मी से कह देता था कि मुझे अल्लाह ने ही यह बात ,या आयात भुला दी है .


मुहमद पाने बचाव में यह भी कह देता था कि मैं सर्व ज्ञानी नहीं एक आम इन्सान हूँ .अपनी इन भूलों के लिए मुहम्मद अल्लाह से माफ़ी भी मांगता रहता था .


यह सारा निष्कर्ष कुरान और हदीसों को पढ़ने पर प्राप्त होता है .देखिये कैसे -


1 -मुहमद सर्वज्ञानी नहीं था


2 -मुहमद आम आदमी था


3 -मुहम्मद कुरान भूल जाता था


4 -मुहम्मद नमाज भूल जाता था


5 -मुहम्मद को याद दिलाया जाता था


6 -मुहम्मद का अल्लाह पर आरोप


7 -भूल जाने पर नयी आयतें बना देना


अब आप स्वयं निर्णय कर सकते हैं कि ,जो मुहमद इतना भुलक्कड़ था ,की कुरान की आयतें भी भूल जाता था .और चालाकी से नयी आयतें बना देता था .तो मुहमद की कुरान पर कैसे विश्वास किया जा सकता है .बड़े आश्चर्य की बात है कि अल्लाह को पूरी दुनिया में मुहमद के आलावा कोई और नहीं मिला था .ऐसे भुलक्कड़ की कुरान को ईश्वरीय किताब मानने वाले खुद भूल रहे हैं कि मुहमद एक साधारण आदमी था .


यही कारण है कि ,मुसलमान बच्चों को कुरान रटाते है और समझाने कि जगह याद करवाते है .जिसका परिणाम यह है कि ,मुसलमानों में कोई बड़ा विज्ञानी ,या अन्वेषक नहीं हुआ जो विश्व स्तर का वैज्ञानिक हो .सब मुहमद कि तरह जाहिल और जिहादी हैं .

http://answering-islam.org/Green/forgot.htm

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