Monday, September 14, 2009

visfot.com । विस्फोट.कॉम - 14 सितंबर का पाप-हिन्दी दिवस

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    • मान लीजिए कांग्रेस पार्टी गांधी नेहरू के आदर्शों को भूल गयी है. लेकिन हिन्दू-हिन्दी वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को क्या हो गया है? उसके सरसंघचालक भी केवल अंग्रेजी में इंटरव्यू देकर गौरवान्वित होने लगे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रवादी भाजपा नेताओं के बेटे बेटियां भी क्या हिन्दी में लिखना गौरवपूर्ण मानते हैं? मजदूर किसानों के नाम पर अधिकतर कम्युनिस्ट तो हिन्दी िलखने और बोलने की हालत में ही नहीं हैं. ऐसी हालत में केवल माता पिता की कृपा, उदारता और आशिर्वाद से उऋण होने के लिए केवल एक दिन नमन करने की तरह 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में नमन करना बहुत गलत और पाप की तरह है.
    • श्राद्धपक्ष के इस काल में जब 13 सितंबर को एक टीवी चैनल पर मुझसे पूछा गया कि आप हिन्दी दिवस मनाना कितना उचित मानते हैं, तो मैंने हाय मेरी हिन्दी का राग नहीं छेड़ा. मैंने कहा कि मैं हिन्दी दिवस मनाने के बिल्कुल विरुद्ध हूं. जिस तरह से अपने माता-पिता, देवी देवता हर दिन याद रखा जाता है उसी तरह से हर दिन हिन्दी को भी याद रखा जाना चाहिए.
    • यह तो एक बानगी है. हकीकत यह है कि सरकार के सभी मंत्रालय हर साल इसी तरह हिन्दी का श्राद्धकर्म निपटाते हैं. गृहमंत्रालय, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय जैसे सभी मंत्रालय हर साल ऐसी ही कोई आंकड़ेबाजी करके हिन्दी दिवस को श्रद्धांजलि दे देते हैं.
    • मांग की गयी कि संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को शामिल किया जाए. लेकिन मांग को आगे बढ़ानेवाला विदेश मंत्रालय को यह भी पता नहीं है कि उसके मंत्रालय में हिन्दी का संयुक्त सचिव स्तर का व्यक्ति कौन है?
    • (आलोक मेहता नई दुनिया के प्रधान संपादक हैं. उन्होंने अपनी यह पीड़ा आज नई दुनिया में व्यक्त की है.)

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