Tuesday, October 20, 2009

महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar): स्नेही पाठकों और ब्लागरों को दीपावली का तोहफ़ा, मेरा ब्लॉग कॉपीराइट से मुक्त… Creative Commons License and Copyright Terms

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    • इस बात पर मैं काफ़ी समय से विचार कर रहा था, और आखिर मैंने दीपावली इस पावन अवसर पर अपने पाठकों, प्रशंसकों (जितने भी हैं) को यह तोहफ़ा देने का निश्चय किया है कि आज से मेरा यह ब्लाग और इसके सभी लेख कॉपीराइट की कड़ी शर्तों से मुक्त रहेंगे (कुछ शर्तें तो फ़िर भी रहेंगी ही)।
    • सवाल उठता है कि आखिर मैंने ऐसा विचार क्यों किया? जैसा कि सभी जानते हैं कि हमारा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया राष्ट्रवादी और हिन्दुत्ववादी विचारों का विरोधी है, यदि सबूत चाहिये हो तो खुद ही कोई हिन्दुत्ववादी लेख किसी अखबार में भेजकर देख लो, नहीं छपेगा, कैसी भी राष्ट्रवादी खबर जो हिन्दुओं के दमन से सम्बन्धित हो, नहीं दिखाई जायेगी। यानी कि कोई भी खालिस "शर्मनिरपेक्षता" वाली खबर किसी इलेक्ट्रानिक मीडिया को भेजकर देख लो, नहीं छापेंगे, नहीं दिखायेंगे। ब्लॉग एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हम अपने विचार दुनिया तक आसानी से पहुँचा सकते हैं, और गत दो-ढाई साल से पूरी प्रतिबद्धता और ऊर्जा के साथ मैंने इस काम को अंजाम देने की कोशिश की है।
    • पिछले एक साल में ही हिट्स की संख्या दोगुनी होने और सब्स्क्राइबरों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण यह अहसास हुआ कि राष्ट्रवादी विचार पढ़ने-सुनने की ललक और भूख लोगों में है, सिर्फ़ उनका अधिकाधिक लोगों तक पहुँचना जरूरी है, क्योंकि वर्तमान समय में मीडिया इतना बिका हुआ, गिरा हुआ और पक्षपाती हो गया है कि कुछ खास लोगों की ही बात सुनी-पढ़ी-दिखाई जाती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के इस माध्यम अर्थात ब्लॉग को बहुसंख्य लोगों तक पहुँचाया जाये, और मीडिया जो लोकतन्त्र में अपनी भूमिका का ठीक से निर्वहन नहीं कर पा रहा है, तब ब्लॉग को एक वैकल्पिक मंच बनाया जाये।
    • इस काम में मुझे युवाओं से अधिक आशाएं हैं, क्योंकि उन्हें यह बताने की सबसे अधिक आवश्यकता है कि, कांग्रेसी भ्रष्टाचार, इस्लामी आतंकवाद, और ईसाई धर्मान्तरण नामक तीन शैतान उनकी पूरी पीढ़ी को बरबाद कर देंगे… इसलिये युवाओं को देश की हालत की "वास्तविकता का परिचय" करवाना होगा। दीपावली के इस शुभ अवसर पर मैं समस्त पाठकों से आव्हान करता हूं, कि इन विचारों का प्रकाश दूर तक फ़ैलायें। मुझे उम्मीद है कि जनजागरण के इस प्रयास में मेरा "जुगनू" जैसा काम कुछ तो फ़ायदा पहुँचायेगा…