Thursday, November 5, 2009

वंदेमातरम के विरोध पर बवाल, बाबा रामदेव पर संत लाल

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    विरोध करने वाले साधु-संत रामदेव से माफी मांगने की अपील कर रहे हैं।
    • जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में हिस्सा लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने विवाद को जन्म दे दिया है। कुछ साधु-संतों को उनका अधिवेशन में शामिल होना नागवार गुजरा है। उनका आरोप है कि रामदेव की मौजूदगी में वंदेमातरम का विरोध हुआ और खामोश रहकर बाबा ने इस विरोध को सहमति दे दी। विरोध करने वाले साधु-संत रामदेव से माफी मांगने की अपील कर रहे हैं।
    • योग को गैर इस्लामी बताने वाले उलेमा के मंच पर बाबा की मौजूदगी से संदेश गया कि दारुल उलूम ने योग को मान्यता दे दी है। इसी मंच से जब वंदेमातरम को नहीं अपनाने की आवाज गूंजी तो बाबा रामदेव चुप्पी लगा गए। बाबा के मौन को उनकी सहमति मान लिया गया।

       

      यही बात हिंदू साधु-संतों और हिंदू समाज के ठेकेदारों को नागवार गुजरी। अयोध्या में साधु-संतों की आपात बैठक बुलाकर योग गुरु को चेतावनी दे दी गई कि या तो वो माफी मांगें या फिर नतीजे भुगतने को तैयार रहें। कल्कि धाम मुरादाबाद के पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम ने कहा कि रामदेव माफी मांगें या उनके ऊपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाये।

       

      नाराजगी की लहर अयोध्या से हरिद्वार होते हुए लखनऊ आ पहुंची। बाबा रामदेव गुरुवार को लखनऊ में मौजूद थे। ऐसे में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमीयत उलेमा हिंद का पुतला फूंका और बाबा से माफी मांगने की मांग की। विरोध के ये स्वर लगातार बढ़ते दिख रहे हैं। उधर बाबा इस मसले पर बचाव की मुद्रा में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कौमी एकता के लिए काम किया और कौमी एकता में विवादित मुद्दों की जगह नहीं होती। वंदेमातरम विवादित मुद्दा है। इस पर कुछ भी नहीं बोलूंगा। 90 फीसदी मुद्दों पर हम एक हैं बाकी पर बैठ कर सुलझा लेंगे।

       

       

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